Responsive Scrollable Menu

मेसी ने वंतारा देखा, भारतीय संस्कारों के गवाह बने, PHOTOS:अनंत अंबानी ने घुमाया वाइल्डलाइफ सेंटर; शेर के बच्चे का नाम रखा ‘लियोनेल’

वर्ल्ड फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी ने गुजरात के जामनगर में अनंत अंबानी के वाइल्डलाइफ़ रेस्क्यू और संरक्षण केंद्र वंतारा का दौरा किया। यहां मेसी ने पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाजों में हिस्सा लिया और प्रकृति व जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान से जुड़ी सनातन धर्म की परंपराओं को करीब से महसूस किया। उनके साथ लुइस सुआरेज और रोड्रिगो डि पॉल भी मौजूद थे। अनंत अंबानी ने मेसी और उनकी टीम का भव्य स्वागत किया। फूलों की वर्षा, लोक संगीत और आरती के साथ उनका सम्मान किया गया। यहां उन्होंने अम्बे माता पूजा, गणेश पूजा, हनुमान पूजा और शिव अभिषेक में हिस्सा लिया और विश्व शांति के लिए प्रार्थना की। वंतारा केंद्र का दौरा करते हुए मेसी ने बाघ, शेर, हाथी और अन्य बचाए गए वन्यजीवों को देखा। उन्होंने हर जीव के लिए बनाए गए आधुनिक केयर सेंटर और हॉस्पिटल भी देखे। 8 तस्वीरों में देखें मेसी की वंतारा विजिट... क्या है वंतारा? वंतारा का यह केंद्र अनंत अंबानी की पर्यावरण संरक्षण के प्रति पहल का हिस्सा है। यहां विभिन्न महाद्वीपों से बचाए गए जंगली जानवरों की देखभाल की जाती है। शेर के बच्चे का नाम लियोनल रखा, हाथी के बच्चे के साथ फुटबॉल खेली मेसी के साथ अनंत और राधिका अंबानी ने एक शेर के बच्चे का नाम लियोनेल रखा। मेसी ने एक बचाए गए हाथी के बच्चे मानिकलाल के साथ फुटबॉल खेली। यह बच्चा अपनी मां प्रतिमा के साथ कुछ साल पहले श्रम उद्योग से बचाया गया था। ------------------ ये खबर भी पढ़ें... मेसी के टूर ऑर्गनाइजर को जमानत नहीं:14 दिन की कस्टडी में भेजा; जांच पैनल और गवर्नर स्टेडियम पहुंचे, नाराज फैंस ने तोड़-फोड़ की थी अर्जेंटीना के फुटबॉल आइकन लियोनेल मेसी के इंडिया टूर के ऑर्गनाइजर सताद्रु दत्ता को जमानत नहीं मिली है। बिधाननगर कोर्ट ने मेसी के GOAT इंडिया टूर 2025 के प्रमोटर और आयोजक सताद्रु दत्ता को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। सताद्रु पर इवेंट में मिसमैनेजमेंट के आरोप हैं। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कोर्ट में कस्टडी की मांग करते हुए कुछ कॉन्स्टेबलों को चोट लगने और मेसी के मैदान में आने पर भीड़ को मैनेज करने में हुई दिक्कतों का हवाला दिया था। पूरी खबर पढ़ें...

Continue reading on the app

डिजिटल अरेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट बोला- पीड़ितों को मुआवजा मिले:केंद्र से कहा–सभी एजेंसियों के साथ बैठक करें, बुजुर्ग दंपति की शिकायत पर सुनवाई की

सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट जैसे ऑनलाइन ठगी के मामलों में पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने को कहा है। हरियाणा के बुजुर्ग दंपति की शिकायत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिंता जताई कि साइबर अपराधी इस तरीके से देश से बेहद बड़ी रकम बाहर भेज रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह देखकर हैरानी होती है कि इन ठगों ने देश से कितना पैसा बाहर भेज दिया है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने बताया कि केंद्र सरकार एक इंटर–मिनिस्ट्रीयल (कई मंत्रालयों की संयुक्त) बैठक बुलाने जा रही है, जिसमें डिजिटल अरेस्ट से निपटने की रणनीति पर चर्चा होगी। इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए नियुक्त सलाहकार वकील एन एस नप्पिनै ने सुझाव दिया कि पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना बने। बिल्कुल वैसे ही जैसे ब्रिटेन में ऑथोराइज्ड पुश पेमेंट (APP) स्कैम के मामलों में बैंकिंग सिस्टम के जरिए पीड़ितों को अनिवार्य रिफंड दिलाया जाता है। हरियाणा के बुजुर्ग दंपति की शिकायत पर स्वतः संज्ञान लिया हरियाणा के एक बुजुर्ग दंपति ने शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने खुद को पुलिस और कोर्ट से जुड़ा दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। ठगों ने उनका सारा पैसा ट्रांसफर करा लिया। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि ऐसे अपराध सिर्फ आम साइबर फ्रॉड नहीं हैं, बल्कि न्यायपालिका के नाम, मुहर और फर्जी आदेशों का दुरुपयोग करके पूरे सिस्टम पर जनता के भरोसे पर सीधा हमला करते हैं। इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट लगातार यह साफ कर रहा है कि डिजिटल अरेस्ट, फर्जी कोर्ट ऑर्डर और जजों के नाम का दुरुपयोग करने वाले गैंग के खिलाफ देश–व्यापी स्तर पर कड़ी कार्रवाई हो। डिजिटल अरेस्ट क्या है और कैसे होता है फ्रॉड डिजिटल अरेस्ट एक तरह की ऑनलाइन ठगी है, जिसमें अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, कोर्ट के स्टाफ या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल या ऑनलाइन मीटिंग पर लोगों को डराते हैं। ठग नकली नोटिस, फर्जी वॉरंट या बनावटी केस दिखाकर पीड़ित को डिजिटल तरीके से हिरासत में रखते हैं। घंटों तक कॉल पर या कमरे में बंद करके धमकाते हैं और दबाव डालकर उनके बैंक अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं। अधिकतर मामलों में ठग कहते हैं कि पीड़ित का नाम किसी ड्रग्स केस, मनी लॉन्ड्रिंग या अश्लील वीडियो वाले मामले में फंसा है और तुरंत पैसे न दिए तो गिरफ्तारी, मीडिया में बदनामी या परिवार को परेशान करने की धमकी दी जाएगी। बुजुर्ग, अकेले रहने वाले लोग और टेक्नोलॉजी से ज्यादा वाकिफ न होने वाले लोग ऐसे गैंग के आसान निशाने बन जाते हैं। कोर्ट के निर्देश: CBI, RBI, बैंक और राज्यों की क्या जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट पहले ही CBI को देशभर में डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों की एक संयुक्त जांच करने का आदेश दे चुका है। अदालत ने रिजर्व बैंक से पूछा था कि जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग मौजूद है, तो फिर इनका इस्तेमाल संदिग्ध या ‘म्यूल अकाउंट’ पहचानने और तुरंत फ्रीज करने के लिए क्यों नहीं किया जा रहा। कोर्ट ने अलग–अलग राज्यों, खासकर विपक्ष शासित राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना से कहा था कि वे CBI को अपने यहां ऐसे मामलों की जांच के लिए मंजूरी दें, ताकि एक समान और समन्वित जांच हो सके। साथ ही, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया कि वे साइबर क्राइम से निपटने के लिए क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाएं, जो CBI और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेंगे। बैंकों, टेलिकॉम कंपनियों और IT प्लेटफॉर्म पर सख्ती कोर्ट ने कहा कि IT इंटरमीडियरी यानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मैसेजिंग ऐप और अन्य ऑनलाइन सर्विस देने वाली कंपनियां CBI को पूरी जानकारी और तकनीकी मदद दें। इसकी मदद से ऐसे गैंग पकड़े जा सकें जो इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर के लोगों को फंसा रहे हैं। अदालत ने CBI को यह भी कहा है कि वह इंटरपोल की मदद ले, क्योंकि कई गैंग विदेशी लोकेशन या टैक्स हेवेन देशों से काम करते हैं और भारत के लोगों के अकाउंट से पैसे निकालते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम को निर्देश दिया गया कि टेलिकॉम कंपनियां किसी एक व्यक्ति या संस्था को मनमाने तरीके से कई सिम कार्ड न दें, क्योंकि यही सिम बाद में फर्जी कॉल और OTP फ्रॉड के लिए इस्तेमाल होते हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि अगर किसी बैंक अधिकारी की मिलीभगत मिले, जो ठगों को म्यूल अकाउंट खोलने या चलाने में मदद कर रहे हों, तो उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट में SIR के खिलाफ याचिका पर सुनवाई:अदालत ने EC से जवाब मांगा था; आज 5 राज्यों-UT के ड्राफ्ट रोल जारी होंगे सुप्रीम कोर्ट में आज स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इस मामले में अदालत ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब भी मांगा है और बड़ी टिप्पणियां की थीं। वहीं 11 दिसंबर को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि चुनाव आयोग को इतनी गहराई से जांच करने का अधिकार नहीं है। एक अन्य वकील ने कहा कि EC वोटरों को शक की नजर से देखकर पुलिस की तरह जांच नहीं कर सकता है। पूरी खबर पढ़ें...

Continue reading on the app

  Sports

एलेक्स कैरी का एशेज में ऐतिहासिक शतक, मैच देखने आईं उनकी वाइफ हुईं इमोशनल

Alex Carey wife Emotional: इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने बेहतरीन शतकीय पारी खेली. लोलक बॉय एलेक्स कैरी की इस शतकीय पारी के स्टेडियम में मैच देखने आईं उनकी वाइफ इमोशनल हो गईं. रोते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. Thu, 18 Dec 2025 05:48:25 +0530

  Videos
See all

इथियोपिया में PM मोदी का ज़ोरदार भाषण...जमकर गूंजी तालियां | PM Modi Ethiopia Speech | N18V #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-18T00:00:07+00:00

Nitish Kumar के Hijab Controversy पर CM Omar Abdullah ने ये क्या कह दिया ? | #shortsvideo #shorts #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-18T00:21:20+00:00

SHANTI Bill पर SP सांसद Dimple Yadav का बड़ा बयान | #shortsvideo #shorts #parliamentsession #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-18T00:15:15+00:00

Prithviraj Chavan Controversy Live : पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर घमासान बीजेपी और कांग्रेस भिड़े ! #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-18T00:17:38+00:00
Editor Choice
See all
Photo Gallery
See all
World News
See all
Top publishers