भारत-नेपाल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास सूर्य किरण संपन्न, डीजीएमओ ने भाईचारे के प्रतीक 'मैत्री वृक्ष' का रोपण किया
भारत-नेपाल संयुक्त अभ्यास सूर्यकिरण का 19वां संस्करण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ, जो एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास का सफल समापन था, भारतीय सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस अभ्यास ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए संयुक्त रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं (टीटीपी) को मान्यता प्रदान की, जिसमें आईएसआर और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए ड्रोन, एआई-सक्षम निगरानी, मानवरहित लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म, उन्नत दिन/रात के दृश्य और सुरक्षित युद्धक्षेत्र संचार सहित विशिष्ट तकनीकों का प्रभावी एकीकरण शामिल है।
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उन्नत दिन/रात दृष्टि और सुरक्षित युद्धक्षेत्र संचार। भारतीय सेना ने कहा कि इस सत्यापन ने बटालियन, कंपनी और टीम स्तरों पर निर्बाध अंतर-संचालन, सुसंगत मिशन योजना और संयुक्त अभियानों के समन्वित निष्पादन को प्रदर्शित किया, जिसमें खुफिया जानकारी पर आधारित सर्जिकल कार्रवाइयों और जटिल इलाकों में हवाई प्रवेश पर जोर दिया गया।
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एक्स पर पोस्ट में कहा गया कि उच्च स्तर की परिचालन तालमेल और आपसी विश्वास की सराहना करते हुए, डीजीएमओ ने एक 'मैत्री वृक्ष' लगाया, जो भारत और नेपाल के बीच स्थायी भाईचारे और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
ऑस्ट्रेलिया बच्चों का सोशल-मीडिया बैन करने वाला पहला देश बना:आज रात से 16 से कम उम्र वाले फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट नहीं बना पाएंगे
ऑस्ट्रेलिया ने आज रात से 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट बनाने पर बैन कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया इस तरह का बैन लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यह रोक ऑस्ट्रेलिया सरकार के नवंबर 2024 में पास हुए 'ऑनलाइन सेफ्टी अमेंडमेंट बिल' से लागू होगी। इस कानून का मकसद बच्चों को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट और साइबर जोखिमों से बचाना है। यहां सवाल-जवाब में समझिए कैसे लागू होगा बैन… सवाल 1: सोशल मीडिया बैन कैसे काम करेगा? जवाब: इस सोशल मीडिया बैन का मतलब है कि 'एज-रिस्ट्रिक्टेड' प्लेटफॉर्म्स पर 16 साल से कम उम्र के बच्चे अकाउंट नहीं बना सकेंगे। सरकार का कहना है कि यह बैन नहीं, बल्कि 16 साल तक इंतजार की देरी है। ऑस्ट्रेलिया की कम्युनिकेशंस मिनिस्टर अनिका वेल्स ने कहा है कि यह बच्चों को ऑनलाइन हानिकारक कंटेंट से बचाने का तरीका है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इसके लिए उम्र चेक करने जैसे रीजनेबल स्टेप्स लेने होंगे। कानून का पालन नहीं होने पर पनिशमेंट सिर्फ प्लेटफॉर्म्स को मिलेगी, बच्चों या पेरेंट्स को नहीं। सवाल 2: कौन से प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगेगा, और कौन बचेंगे? जवाब: बैन उन प्लेटफॉर्म्स पर लगेगा, जहां सोशल इंटरैक्शन मुख्य है। इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, टिकटॉक, X, यूट्यूब, थ्रेड्स, रेडिट और किक शामिल हैं। रेडिट और किक को हाल ही में जोड़ा गया, क्योंकि ये सोशल इंटरैक्शन और यूजर कंटेंट पर फोकस करते हैं। यूट्यूब और रेडिट पर बच्चे वीडियो देख सकेंगे, लेकिन अकाउंट न बनाकर कमेंट या पोस्ट न कर सकेंगे। दूसरी ओर, डिस्कॉर्ड, ट्विच, मेसेंजर, वॉट्सएप, गिटहब, गूगल क्लासरूम, लेगो प्ले, रोब्लॉक्स, स्टीम, और यूथूब किड्स जैसे प्लेटफॉर्म्स बैन से बाहर हैं। ऑस्ट्रेलिया की ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने बताया कि ये प्लेटफॉर्म सोशल इंटरैक्शन पर केंद्रित हैं, इसलिए बैन लिस्ट अभी फाइनल नहीं है , बदलाव हो सकता है। सवाल 3: मौजूदा अकाउंट्स का क्या होगा? जवाब: बैन 10 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। मौजूदा अकाउंट्स को डिएक्टिवेट या हटाना होगा। प्लेटफॉर्म्स को 'रीजनेबल स्टेप्स' लेने होंगे, जैसे उम्र चेक करना। वेल्स ने कहा, "प्लेटफॉर्म्स को 10 दिसंबर से पहले हर यूजर को बताना होगा। सवाल 4: बैन को लागू कैसे करेंगे, और जुर्माना क्या होगा? जवाब: बैन लागू करने की जिम्मेदारी प्लेटफॉर्म्स पर होगी। अगर वे न मानें, तो $49.5 मिलियन (करीब 400 करोड़ रुपए) का फाइन लग सकता है। प्लेटफॉर्म्स को 'एज-रिलेटेड सिग्नल्स' चेक करने होंगे, जैसे अकाउंट कितना पुराना है, बच्चे के कंटेंट पर इंटरैक्शन, या प्रोफाइल फोटो से उम्र अनुमान।
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