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देश के पहले नेत्रहीन आर्मी ऑफिसर Lt. Col. सी. द्वारकेश:सियाचिन ग्लेशियर पर 16,000 फीट की चढ़ाई की, राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जानें प्रोफाइल

लेफ्टिनेंट कर्नल सी. द्वारकेश को 2025 का विकलांगजन राष्ट्रीय पुरस्कार ‘श्रेष्ठ दिव्यांगजन’ श्रेणी में दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया। यह कार्यक्रम विश्वभर में मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (3 दिसंबर) के अवसर पर आयोजित किया गया था। यह सम्मान उन्हें देश के प्रति उनके अद्वितीय योगदान, असाधारण दृढ़ता और सशस्त्र बलों में समावेशिता को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया। हादसे के बाद 8 महीने अस्पताल में बिताए अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए 36 वर्षीय नेत्रहीन खिलाड़ी सी.द्वारकेश ने कहा, ‘एक आर्मी ऑफिसर होने के नाते, दृढ़ विश्वास, हिम्मत, इच्छाशक्ति और जुझारूपन हमारी ट्रेनिंग में विकसित होता है। लेकिन अंधापन मेरे लिए एक बड़ी बाधा थी।' द्वारकेश ने अपनी आंखों से आखिरी बार साल 2014 में एक सैन्य अड्डे पर बास्केटबॅाल मैच देखा था। इसके बाद हादसे में उन्होंने दोनों आंखों की रोशनी खो दी। हादसे के बाद द्वारकेश ने 8 महीने अस्पताल में बिताए। वो बताते हैं कि दुर्घटना के बाद उनकी हालत बेहद गंभीर थी। चेहरे में कई जगह फ्रैक्चर थे, जिनके लिए 30 इंप्लांट लगाए गए। बाई बांह में 30 सेंटीमीटर लंबा इंप्लांट डाला गया और हिप डिसलोकेट होने की वजह से वे महीनों तक बिस्तर से उठ भी नहीं पाते थे। डॉक्टरों ने उनके माता-पिता को कह दिया था कि अब उनकी आंखों की रोशनी कभी वापस नहीं आएगी। लेकिन उनके पिता ने यह सच्चाई शुरू के कुछ साल उनसे छिपाए रखी। परिवार उन्हें यही विश्वास दिलाता रहा कि एक दिन वो देख पाएंगे। इसी उम्मीद में वे उन्हें कई अस्पतालों, मंदिरों और जहां कहीं भी संभव हो ले गए। द्वारकेश कहते हैं कि उन दिनों वे रोज कई घंटों तक अस्पताल में बैठकर यही प्रार्थना करते थे कि उनकी आंखों की रोशनी लौट आए और वे फिर से सेना में अपनी ड्यूटी कर सकें। सेना ने उन्हें रिटायर नहीं किया, क्योंकि उनमें असाधारण हिम्मत, जज्बा और दृढ़ता है। वे टेक्नोलॉजी और मेहनत की मदद से अपनी सभी जिम्मेदारियां प्रभावी तरीके से निभा लेते हैं। पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में जीता पहला मेडल 2018 में जब उनकी पोस्टिग खड़की में थी, उन्होंने बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप में बने नए पैरालंपिक नोड में पैरा-स्पोर्ट्स खेलना शुरू किया। उन्होंने तैराकी से शुरुआत की। उनका आत्मविश्वास बढ़ा क्योंकि वे स्टेट और नेशनल लेवल पर अच्छी परफॉर्मेंस देने लगे थे। एक्सीडेंट के बाद सबसे पहला मेडल पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में जीता। द्वारकेश ने UGC-NET एग्जाम भी पास किया द्वारकेश इस समय भारतीय पैरा शूटिंग टीम का हिस्सा हैं। मध्यप्रदेश के महू स्थित आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU) में ट्रेनिंग ले रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में द्वारकेश ने तैराकी और शूटिंग में नेशनल रिकॅार्ड बनाया और पैरा स्पोर्ट्स में सफलताएं हासिल की। द्वारकेश ने UGC-NET एग्जाम भी पास किया है। इससे वे उन बहुत कम दृष्टिहीन लोगों में शामिल हो जाते हैं जो मैनेजमेंट, HR, लेबर लॅा और स्पोर्ट्स रिसर्च जैसे मुश्किल सब्जेक्ट पढ़ते और सिखाते हैं। स्क्रीन-रीडर की मदद से यूट्यूब वीडियो देखते लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारकेश बताते हैं कि वे स्कूल के दिनों से ही स्पोर्ट्समैन रहे हैं और मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान भी खेलों में सक्रिय थे। लेकिन चोट के बाद डॉक्टरों ने साफ कहा था कि उनकी बांह में लगा इंप्लांट और हिप डिसलोकेशन उन्हें किसी भी तरह की कड़ी शारीरिक गतिविधि से दूर रखेगा। द्वारकेश कहते हैं कि यह दौर मुश्किल था क्योंकि वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। लेकिन उनके मन में एक ही बात थी- चाहे जितना समय लगे, मुझे अपने पैरों पर खड़ा होना है और अपनी क्षमता के अनुसार खेल और रोमांच को फिर से जीना है। स्टोरी- किशन कुमार, दैनिक भास्कर फेलो ऐसी ही और खबरें पढ़ें... 15 लाख से शुरू किया बिजनेस:आज 73 हजार करोड़ रुपए की नेट वर्थ, राहुल भाटिया ने इंडिगो को बनाया देश की नंबर 1 एयरलाइंस 4 दिन में देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो की 1200 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। इससे एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी जैसा माहौल नजर आ रहा है और देशभर में लोगों को ट्रैवल करने में परेशानी हो रही है। एयरलाइंस के घरेलू मार्केट पर इंडिगो का ही कब्जा है। पूरी खबर पढ़ें...

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Pan-India Weather Update: दिल्ली से यूपी तक कड़ाके की ठंड, दक्षिण में बारिश और देश के कई हिस्सों में कोहरे का अलर्ट

उत्तर भारत में शीतलहर और घने कोहरे का प्रकोप जारी है, जबकि दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी है.

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  Sports

जो सचिन तेंदुलकर पूरे करियर में करने से चूके, बेटे अर्जुन ने कर दिखाया वो कमाल

Arjun Tendulkar rare achievement: अर्जुन तेंदुलकर ने गोवा के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में ओपनर और ओपनिंग बॉलर दोनों की भूमिका निभाई पिता सचिन तेंदुलकर अपने टी20 करियर में नहीं कर पाए थे क्योंकि वो प्रमुख बल्लेबाज होने के साथ स्पिन गेंदबाजी करते थे. Sat, 6 Dec 2025 08:18:46 +0530

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