Field Marshal Asim Munir पाकिस्तान के पहले CDF नियुक्त
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने फील्ड मार्शल असीम मुनीर को देश के रक्षा बलों के प्रमुख (सीडीएफ) के रूप में नियुक्त करने की आधिकारिक अधिसूचना जारी की। वह प्रथम सीडीएफ नियुक्त किये गए हैं। यह कदम 1970 के दशक के बाद से सैन्य कमान के बड़े पुनर्गठन के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह अधिसूचना ऐसे समय में जारी की गई जब राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एक दिन पहले मुनीर की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। ‘डॉन’ की खबर में अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की सलाह पर फील्ड मार्शल असीम मुनीर (एनआई) एम को सेना प्रमुख के साथ-साथ पांच साल के कार्यकाल के लिये रक्षा बलों के प्रमुख के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्नता हो रही है।’’
पिछले महीने, संसद ने 27वें संविधान संशोधन को पारित किया, जिसमें सीडीएफ के पद को सृजित करने का प्रावधान किया गया। ‘चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी’’ (सीजेसीएससी) का पद समाप्त कर यहां सीडीएफ का पद शुरू किया गया है।
मुनीर को नवंबर 2022 में सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था और शुरुआत में यह कार्यकाल तीन साल था, लेकिन 2024 में इसे बढ़ा दिया गया था। मई में भारत से चार दिवसीय संघर्ष के कुछ ही दिनों बाद फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किए गए मुनीर 1960 के दशक में फील्ड मार्शल अयूब खान के बाद पाकिस्तान के इतिहास में इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे सैन्य अधिकारी हैं।
सेना प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने सेना से शुक्रवार को कहा कि सीडीएफ मुख्यालय की स्थापना सैन्य अभियानों के लिए अपेक्षित तालमेल और संयुक्तता प्रदान करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है।
Trump की नयी सुरक्षा नीति का उद्देश्य पश्चिमी गोलार्ध में पुन: प्रभुत्व स्थापित करना : दस्तावेज
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक नयी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति तैयार की है, जो यूरोपीय सहयोगियों को कमजोर बताती है और इसका उद्देश्य पश्चिमी गोलार्ध में अमेरिका के प्रभुत्व को पुनः स्थापित करना है।
व्हाइट हाउस द्वारा शुक्रवार को जारी किये गए इस दस्तावेज से आशंका है कि यूरोप में अमेरिका के पुराने सहयोगी नाराज होंगे क्योंकि इसमें उनके प्रवासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की नीतियों की तीखी आलोचना की गई है, तथा सुझाव दिया गया है कि उन्हें ‘‘सभ्यता के विनाश की आशंका’’का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही अमेरिकी साझेदार के रूप में उनकी यूरोपीय सहयोगियों की दीर्घकालिक विश्वसनीयता पर संदेह किया गया है। इस दस्तावेज में ट्रंप के ‘अमेरिका प्रथम’ विचार का समर्थन किया गया है, जो विदेशों में हस्तक्षेप न करने का पक्षधर है, दशकों के रणनीतिक संबंधों पर सवाल उठाता है और अमेरिकी हितों को सबसे ऊपर रखता है।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि अमेरिकी रणनीति ‘‘सबसे पहले अमेरिका के लिए क्या कारगर है - या, दो शब्दों में कहें तो ‘अमेरिका प्रथम’ से प्रेरित है।’’ जनवरी में रिपब्लिकन राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने के बाद से, यह पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति है।
यह एक ऐसा दस्तावेज है जिसे प्रशासन को क़ानूनन जारी करना ज़रूरी है। यह डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों से बिल्कुल विपरीत है, जिसका उद्देश्य ट्रंप के पहले कार्यकाल में कई गठबंधनों के टूटने के बाद उन्हें फिर से मज़बूत करना और रूस पर लगाम लगाना था।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
prabhasakshi














.jpg)







