एशिया कप ट्रॉफी की खोज में दुबई पहुंचा भास्कर:दफ्तर खाली, पर ट्रॉफी नहीं; 68 दिन बीते, क्या ठंडे बस्ते में BCCI की मुहिम?
ट्रॉफी...इसे सम्मान कहें या फिर प्लेयर्स की मेहनत का फल। एक खिलाड़ी पूरे साल मेहनत करता है, तब उसे जीत के बाद कोई ट्रॉफी या मेडल मिलता है। यह तब और भी खास हो जाती है, जब पाकिस्तान को हराने के बाद मिले। लेकिन, दुनिया का सबसे शक्तिशाली क्रिकेट बोर्ड BCCI भारतीय क्रिकेट टीम को यह सम्मान दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है। और तो और बोर्ड ने इस मसले को ठंडे बस्ते में भी डाल दिया है। 68 दिन बीत गए हैं, लेकिन भारत को अब तक ट्रॉफी नहीं मिली है। ट्रॉफी की खोज में दैनिक भास्कर दुबई स्थित एशियन क्रिकेट काउंसिल के ऑफिस पहुंचा। जहां कोई भी स्टाफ नहीं था। दफ्तर खाली था। हमारे रिपोर्टर को ICC अकादमी के पहले फ्लोर में चल रहे ACC ऑफिस के बाहरी 2 कमरों में एशिया कप की ट्रॉफी नहीं मिली। यहां ACC चीफ मोहसिन नकवी की कैबिन भी है, जोकि बंद है। यह कहना मुश्किल है कि ट्रॉफी ACC चीफ के चेंबर में है या नहीं। आखिरकार कहां है एशिया कप 2026 ट्रॉफी एक महीने पहले BCCI के एक अधिकारी ने बताया था कि ट्रॉफी अबुधाबी में हैं। उस बात उनके ACC मुख्यालय जाने पर पता चली थी। BCCI अधिकारी ने ACC ऑफिस जाकर पूछा कि एशिया कप ट्रॉफी कहां है, तो वहां स्टाफ ने बताया था कि ट्रॉफी अब मोहसिन नकवी के पास अबू-धाबी में है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, कि ट्रॉफी अबुधाबी में है या फिर नकवी इसे अपने साथ पाकिस्तान ले गए हैं। ICC मीटिंग में IND-PAK में ट्रॉफी पर आखिरी बातचीत ICC की बोर्ड मीटिंग में आखिरी बार ट्रॉफी पर चर्चा की गई थी। यह मीटिंग 4 से 7 नवंबर तक हुई। 8 नवंबर को BCCI सेक्रेटरी देवजीत सैकिया ने कहा था- 'मैं ICC की ऑफिशियल और अनऑफिशियल दोनों बैठकों का हिस्सा था। PCB के चेयरपर्सन मोहसिन नकवी भी मौजूद थे। औपचारिक बैठक में यह मुद्दा एजेंडा में नहीं था, लेकिन ICC ने मेरी और PCB प्रमुख की एक अलग बैठक करवाई। इसमें ICC के एक वरिष्ठ पदाधिकारी और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा- 'इस मामले में बातचीत की प्रक्रिया शुरू करना बहुत अच्छा रहा।' 'दोनों पक्ष इस मसले को जल्द से जल्द हल करने के लिए किसी न किसी समाधान पर काम करेंगे। अब बर्फ पिघल चुकी है, इसलिए कई विकल्पों पर विचार किया जाएगा। दूसरी तरफ से भी विकल्प आएंगे और हम भी इस मुद्दे को सुलझाने और एक आपसी सहमति वाले समाधान तक पहुंचने के लिए अपने विकल्प देंगे।' क्या ठंडे बस्ते में BCCI की ट्रॉफी वापसी की मुहिम? हां, BCCI के शीर्ष अधिकारी ट्रॉफी को वापस लाने पर उतना जोर नहीं दे रहे हैं। क्योंकि, भारत को अगले साल श्रीलंका के साथ टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करनी है। BCCI नहीं चाहता कि एशिया कप ट्रॉफी विवाद और ज्यादा बढ़े। या फिर PCB से किसी तरह का कोई नया विवाद खड़ा हो और इसका आने वाले वर्ल्ड कप के माहौल पर असर पड़े। क्या है एशिया कप ट्रॉफी का पूरा विवाद? 28 सितंबर को एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान को हराते के बाद भारतीय टीम ने PCB चीफ नकवी के हाथों एशिया कप ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। इससे नाराज ACC चीफ, जोकि पाकिस्तान के गृहमंत्री भी है, ट्रॉफी लेकर चले गए। --------------------------------------------------- एशिया कप ट्रॉफी विवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... IND-PAK एशिया कप फाइनल के अंपायर का इंटरव्यू; कहा- हमारा काम मैच सही तरीके से कराने का था, वो हमने किया 'भारत-पाकिस्तान के मैचों पर ज्यादा दबाव रहता है। लेकिन, IND-PAK जैसे हाई-प्रोफाइल मैचों में बार-बार अंपायरिंग करना किसी भी अंपायर के लिए गर्व की बात है।' यह कहना है एशिया कप फाइनल में अंपायरिंग करने वाले अहमद शाह पकतीन का। उन्होंने दैनिक भास्कर से एशिया कप ट्रॉफी विवाद पर कहा- हमारी जिम्मेदारी मैच को सही तरीके से खत्म करना था और वो हमने किया। पढ़ें पूरी खबर टीम इंडिया को नहीं दी गई एशिया कप ट्रॉफी, PCB चीफ खुद ट्रॉफी देने पर अड़े, भारतीय खिलाड़ियों ने किया इनकार भारत ने नौवीं बार एशिया कप का जीता। जीत के बाद टीम इंडिया ने PCB के चीफ मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया। नकवी के दबाव में भारत को किसी अन्य ऑफिशियल से भी ट्रॉफी नहीं लेने दिया गया। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने बिना ट्रॉफी के ही सेलिब्रेट किया। इस बीच, नकवी ने ट्रॉफी ग्राउंड से बाहर भिजवा दी। पढ़ें पूरी खबर
पियानो स्टार नतालिया स्ट्रेलचेंको, पति ने हत्या की:शरीर पर मिले 70 चोटों के निशान, चेहरा भी बिगड़ा था; पति कामयाबी से जलता था
27 अगस्त 2015 की बात है रूस की जानी-मानी पियानो स्टार नतालिया स्ट्रेलचेंको की लाश उनके घर पर खून से लथपथ मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उन्हें इतनी बेरहमी से मारा गया कि उनके शरीर पर 70 चोटों के निशान थे और उनका चेहरा भी पूरी तरह बिगड़ा हुआ था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि नतालिया की हत्या उनके पति ने की थी, जिसने सभी को चौंका दिया। घटना के समय नतालिया की दोस्त भी मौजूद थी, लेकिन कोर्ट में उसने न तो कुछ बोला और न ही किसी तरह से नतालिया को बचाने का प्रयास किया। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर नतालिया के पति ने उन्हें क्यों मारा? उनकी दोस्त ने मदद क्यों नहीं की? क्या इनके बीच कोई प्रेस संबंध था या किसी बात का डर था? या इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश थी? आज अनसुनी दास्तानें के चैप्टर 3 में पढ़िए नतालिया स्ट्रेलचेंको की हत्या की पूरी कहानी… नतालिया स्ट्रेलचेंको का जन्म 23 दिसंबर 1976 को रूस में हुआ था। वह सेंट पीटर्सबर्ग में बड़ी हुईं। उनके परिवार में उनके पिता व्लादिमीर, माता तातियाना और बहन जूलिया थीं। उनके पिता काफी सख्त स्वभाव के थे, जिससे कभी-कभी घर में लड़ाई होती थी। लेकिन नतालिया खुली सोच वाली थीं। वह कभी किसी के दबाव में नहीं आईं और अपनी जिंदगी हमेशा अपने तरीके से जीती रहीं। नतालिया को बचपन से ही पियानो बजाने का शौक था। छह साल की उम्र में उन्होंने पियानो बजाना शुरू किया। महज 12 साल की उम्र में ही उन्हें वह पहचान मिलने लगी जिसकी हर किसी को चाह होती है। उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के साथ अपना पहला कॉन्सर्ट दिया। यहीं से उनके संगीतकार करियर की शुरुआत हुई। जैसे-जैसे वह बड़ी हुईं उन्होंने संगीत में अपना करियर बनाने का सपना देखना शुरू किया। उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट कंजरवेटरी में पढ़ाई की और 1995–2000 के बीच वहां संगीत की शिक्षक भी बन गईं। इसी दौरान नतालिया की मुलाकात व्लादिमीर सुजदालेविच से हुई। संगीत के प्रति दोनों का जुनून एक जैसा था, जिसके कारण उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। 1996 में नतालिया और व्लादिमीर ने शादी कर ली और नतालिया ने एक बेटे को जन्म दिया। दोनों की शादीशुदा जिंदगी शुरू में पूरी तरह से ठीक चल रही थी। खुशहाल पति-पत्नी और अपने बच्चे के साथ एक परफेक्ट परिवार। लेकिन नतालिया के मन में हमेशा से ही संगीत के प्रति एक गहरा जुनून था। उन्होंने फैसला किया कि वह अपने संगीतकार के करियर पर ध्यान देंगी। इस कारण उनके और व्लादिमीर के बीच मतभेद पैदा होने लगे। ऐसे में दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया और फिर 2006 में तलाक भी ले लिया। इसके बाद नतालिया ने नॉर्वे जाकर संगीतकार की पढ़ाई करने का फैसला किया। यहां उनकी मुलाकात संगीतकार जॉन मार्टिन से हुई। दोनों एक साथ काम करते थे और संगीत में गहरी रुचि रखते थे, जिसके कारण उनके बीच जल्दी ही अच्छी दोस्ती बन गई। कुछ समय बाद नतालिया को फ्रांस में नौकरी मिल गई और वह वहां चली गईं। वह अपने करियर पर ध्यान देने लगीं। फ्रांस पहुंचने के बाद नतालिया को बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उनकी जॉन मार्टिन से फिर से मुलाकात होगी, जिससे उनकी पहली मुलाकात 2007 में नॉर्वे में हुई थी। फ्रांस में जब दोनों मिले तो दोनों हैरान रह गए। पिछली छुटी हुई दोस्ती फिर से धीरे-धीरे मजबूत होने लगी। लेकिन इस बार उनका रिश्ता केवल दोस्ती तक सीमित नहीं रहा बल्कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। दरअसल, जॉन मार्टिन ने नॉर्वे में IBM में करीब 9 साल काम करने के बाद अचानक फ्रीलांस संगीतकार बनने का फैसला किया। वह पहले से ही संगीत सीख चुके थे और यही कारण था कि वह भी फ्रांस आ गए। फ्रांस आने के बाद जॉन ने कई संगीत कार्यक्रमों में डबल बेस बजाना शुरू किया। लेकिन उनका संगीत करियर वैसा सफल नहीं रहा जैसा उन्होंने चाहा था। फ्रीलांस संगीतकार के रूप में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर नतालिया का करियर लगातार ऊंचाइयों की ओर बढ़ता जा रहा था। उनकी प्रतिभा को देखकर क्लासिकल म्यूजिक प्रोड्यूसर ए.आर. पीटर रोग्नन ने उन्हें अपने साथ काम करने का ऑफर दिया। नतालिया ने खुशी-खुशी यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इसके बाद दोनों ने साथ मिलकर लंदन, टोक्यो और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कई कॉन्सर्ट किए। एक ओर नतालिया का करियर लगातार बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर जॉन मार्टिन का करियर उतनी सफलता नहीं पा रहा था, जिसका असर सीधे उनके रिश्ते पर पड़ने लगा। जॉन धीरे-धीरे नतालिया से जलने लगा। दोनों के बीच लड़ाई-झगड़े होना भी शुरू हो गए। जब भी नतालिया कोई धुन बनाती जॉन गुस्से में कहते कि उन्हें इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया। यहां तक कि जॉन मार्टिन ने नतालिया को उनके ही घर से बाहर निकाल दिया था। इतना ही नहीं, जॉन मार्टिन नतालिया को मारा-पीटा भी करते थे। परिवार और दोस्तों की चेतावनियों के बावजूद नतालिया ने 2013 में जॉन से शादी कर ली। दोनों ने कोई बड़ा प्रोग्राम नहीं किया, बल्कि एक छोटा सा समारोह करके शादी की, जिसमें केवल चार लोग शामिल थे। दिलचस्प बात यह है कि शादी के एक महीने बाद ही जॉन मार्टिन को जेल भेज दिया गया। उस पर आरोप था कि उसने 2012 में नतालिया पर हमला किया था। इसका मतलब यह है कि जब वे शादी कर रहे थे, तब यह मामला अभी भी अदालत में चल रहा था, लेकिन नतालिया ने इसके बावजूद शादी करने का निर्णय लिया। जॉन ने जेल में 60 दिन बिताए और फिर नतालिया के पास लौट आया। लेकिन उसकी गुस्से और ईर्ष्या की आदतें अब भी नहीं बदली थीं। जॉन मार्टिन चाहता था कि नतालिया सिर्फ घर संभाले, खाना पकाए, सफाई करे और उसके घर लौटने का इंतजार करे। लेकिन नतालिया क्लासिकल म्यूजिक की दुनिया में एक उभरती हुई सुपरस्टार बन चुकी थीं। और वह एक हाउस वाइफ नहीं बन सकतीं। अगर कोई उसे संगीत से दूर करने की कोशिश करता तो वह कभी ऐसा नहीं होने देती। उन्होंने बचपन में भी अपने पिता के खिलाफ जाकर संगीतकार बनने का फैसला किया था। जॉन समझ गया कि वह कभी नतालिया को पूरी तरह काबू नहीं कर पाएगा। नतालिया जो चाहती थीं, वह करके रहेंगी। इसी कारण जॉन की हिंसा और बढ़ गई। इसी बीच नतालिया ने अपने पति को बताया कि वह गर्भवती हैं, यह सोचकर कि शायद अब उसका पति बदल जाएगा और बेहतर व्यवहार करने लगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों की लड़ाई इतनी हुई कि नतालिया को अपना अबॉर्शन कराना पड़ा। ऐसे नतालिया ने अब अपने पति को छोड़ने का प्लान बना लिया था और एक नए शहर में बसने का सोच रही थी। नतालिया की एक दोस्त युस्टिना भी कुछ दिनों से उनके साथ रह रही थीं। दोनों एक साथ किसी प्रोजेक्ट पर काम करते थे। 27 अगस्त 2015 की रात नतालिया से सब कुछ छीन ले गई। नतालिया और उनकी दोस्त दोनों रिकॉर्डिंग से लौटीं तो देखा कि जॉन घर में बहुत गुस्से में था। उस दिन भी दोनों के बीच काफी बहस हुई। युस्टिना ने अपनी आंखों से देखा कि कैसे जॉन अचानक बेकाबू हो गया और नतालिया पर बेरहमी से हमला करने लगा। दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि जॉन ने नतालिया को सीढ़ियों से नीचे फेंक दिया और मारना शुरू कर दिया। नतालिया मदद के लिए दरवाजे की तरफ भागीं, लेकिन जॉन ने उन्हें फिर अंदर खींच लिया। मौके पर मौजूद दोस्त ने पुलिस को सूचना दी। जब पुलिस पहुंची तो देखा कि नतालिया खून से लथपथ पड़ी थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि नतालिया के शरीर पर कम से कम 70 चोटों के निशान थे। उनका चेहरा पूरी तरह से बिगड़ चुका था और चेहरे की हड्डियां टूट चुकी थीं। जांच और सुनवाई के दौरान जॉन मार्टिन ने दावा किया कि उसे नतालिया पर हमला करने की याद नहीं है। उसने हत्या या गैर-इरादतन हत्या से इनकार किया। लेकिन वह यह भी स्वीकार करता है कि यह उसका किया हुआ अपराध हो सकता है। मामला कोर्ट में 3 हफ्ते तक चला। अंत में कोर्ट ने उसे अपनी पत्नी नतालिया की हत्या का दोषी ठहराया। उसे 17 साल की जेल की सजा सुनाई गई।















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