बुद्ध व्यस्त होने के कारण ह्रास कारक योग बन रहा है.
Aaj ka Vrishchik Rashifal 06 December: वृश्चिक राशि वालों को आज सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि चंद्रमा अष्टमस्त होने के कारण यानी अष्टम भाव में रहने के कारण जला घात, जानवरों का हमला, पिनस, उदर जन्य पीड़ा कारक योग बन रहा है. वही सूर्य लग्नस्त होने के कारण स्थान भ्रांस कारक जिसे स्थान हानिकारक कह सकते हैं का योग बन रहा है. वही मंगल बंधन कारक योग बन रहा है. आइए जानते हैं इसको लेकर क्या उपाय करना चाहिए.
राहुल को न्योता नहीं, शशि थरूर उड़ा रहे दावत! सीतारमण संग हंसी-ठिठोली के वीडियो पर सुलग उठी कांग्रेस
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर दिया. कांग्रेस सांसद शशि थरूर न सिर्फ वहां पहुंचे, बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ उनकी गर्मजोशी भरी मुलाकात ने कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़क दिया. खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को इस हाई-प्रोफाइल डिनर से दूर रखा गया. जबकि तस्वीरों में थरूर को निर्मला सीतारमण का अभिवादन करते देखा गया, जिससे पार्टी के भीतर 'हार्टबर्न' (जलन) बढ़ गई है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर प्रोटोकॉल तोड़ा और शीर्ष विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं किया. जयराम रमेश ने पुष्टि की कि दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को न्योता नहीं मिला. ऐसे तनावपूर्ण माहौल में थरूर की मौजूदगी को लेकर पार्टी के भीतर सवाल उठ रहे हैं कि जब शीर्ष नेतृत्व का अपमान हुआ, तो एक सांसद वहां कैसे जा सकता है?कुछ नेताओं ने इशारों में थरूर के विवेक पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि 'यह बहुत आश्चर्यजनक है कि निमंत्रण भेजा गया और निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया गया. हर व्यक्ति के अंतर्मन की एक आवाज होती है. जब मेरे नेता को आमंत्रित नहीं किया जाता, लेकिन मुझे बुलाया जाता है, तो हमें समझना चाहिए कि यह खेल क्या चल रहा है, यह खेल कौन खेल रहा है और हमें इस खेल का हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए.' थरूर का तर्क है कि विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष होने के नाते उन्हें बुलाया गया था और यह एक पुरानी परंपरा है. हालांकि, राजनीतिक पंडित इसे सरकार की सोची-समझी रणनीति मान रहे हैं. एक तरफ सरकार ने राहुल गांधी को इग्नोर किया, वहीं थरूर को बुलाकर कांग्रेस के भीतर की दरार को और चौड़ा कर दिया. थरूर की पूर्व राजनयिक पृष्ठभूमि को देखते हुए सरकार ने उन्हें महत्व दिया, लेकिन कांग्रेस के लिए यह कदम पार्टी लाइन से अलग थलग दिखने जैसा है. यह घटना साफ इशारा करती है कि तिरुवनंतपुरम के सांसद और उनकी पार्टी आलाकमान के बीच खाई लगातार गहरी होती जा रही है.
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