इजराइल में अचानक एक ऐसा बवाल शुरू हुआ है जो यहूदियों के लिए तबाही का कारण बन सकता है। इजराइल के कई रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों, पत्रकारों और हजारों लोगों ने अपनी ही सरकार से एक बहुत बड़ी मांग की है। इन सभी ने एक ही स्वर में कहा है कि हमें पाकिस्तान को रोकना होगा। पाकिस्तानियों को हमारी जमीन पर कदम रखने से रोकना होगा। हजारों इजराइलियों का मानना है कि डॉनल्ड ट्रंप ने अपने फायदे के चक्कर में पाकिस्तान जैसा वायरस इजराइल पर छोड़ दिया है। दरअसल इजराइल के लोगों ने कहा है कि गाज़ा में पाकिस्तानी सैनिकों की एंट्री नहीं होनी चाहिए। इजराइली एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ऐसी चूक होगी जिसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इजराइल के लोगों ने अपनी सरकार से कहा है कि हमें पाकिस्तानियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। आप जानते हैं कि डॉनल्ड ट्रंप के गाज़ा पीस प्लान के तहत गाज़ा में एक इंटरनेशनल स्टेबिलाइजेशन फोर्स की तैनाती होनी है। इस फोर्स में कई देशों के सैनिक शामिल होंगे। इस इंटरनेशनल फोर्स का काम गाज़ा में हमास को रोकना और शांति समझौते के तहत गाज़ा में शांति और पुनर्निर्माण के कार्यों की रक्षा करना होगा। इसी फोर्स में इंडोनेशिया और पाकिस्तानी सैनिक भी शामिल होने हैं। हालांकि शामिल तो तुर्की के सैनिक भी होने थे लेकिन इजराइल ने पहले ही साफ मना कर दिया कि हमें इंटरनेशनल स्टेबलाइजेशन फोर्स में तुर्की के सैनिक नहीं चाहिए क्योंकि हमें उन पर भरोसा नहीं है।
मगर इजराइल के पूर्व सैन्य अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तानी सैनिकों को भी गाज़ा बुलाना घातक साबित हो सकता है। इन लोगों ने कहा है कि जिस तरह से तुर्की को ब्लॉक किया गया है। उसी तरह से पाकिस्तान को भी ब्लॉक करना होगा। इजरायली एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सैनिक कभी भी ईमानदारी और वफादारी से हमास को नहीं रोकेंगे बल्कि हमास को मजबूत करने का काम करेंगे। इजरायली एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सैनिक गाज़ा में बैठकर हमास की जगह इजराइल के सैनिकों पर ही हमला करेंगे।
इजरायली सैनिकों की मूवमेंट के बारे में पहले से ही हमास के आतंकियों को जानकारी दे देंगे। इजराइली लोगों का मानना है कि पाकिस्तानी सैनिक गाज़ा में पहुंच गए तो एक बड़ा खतरा इजराइल के दरवाजे पर आकर बैठ जाएगा। क्योंकि पाकिस्तान इकलौता मुस्लिम देश है जिसके पास न्यूक्लियर हथियार हैं। इजराइल को एक जायज डर सता रहा है कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर हथियार हमारे दुश्मनों को दे सकता है।
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर टॉम मूडी ने भारत की क्रिकेट संबंधी दुविधा को उजागर करते हुए कहा कि प्रतिभा की भरमार है, जो एक अच्छी बात है, लेकिन चयनकर्ताओं और कप्तानों को सर्वश्रेष्ठ टीम चुनने में काफी मुश्किल होती है। जियो हॉटस्टार पर टॉम मूडी ने कहा कि भारतीय क्रिकेट की एक समस्या यह है कि यहां प्रतिभा की भरमार है। विकल्प बहुत ज्यादा हैं। यह एक अच्छी बात है, लेकिन चयनकर्ता या कप्तान के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है।
इंग्लैंड के विश्व कप विजेता कप्तान इयोन मॉर्गन का मानना है कि सफेद गेंद के क्रिकेट में, गेंदबाजी आक्रमण और कम स्कोर का बचाव करने की क्षमता टीम का आत्मविश्वास बढ़ाती है, जिससे वे विश्व कप जैसे टूर्नामेंटों में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बन जाते हैं। इयोन मॉर्गन ने कहा कि सफेद गेंद के क्रिकेट में, गेंदबाजी आक्रमण ही टूर्नामेंट जिताते हैं। जब आप कम स्कोर का बचाव कर सकते हैं, तो टीम में यह विश्वास पैदा होता है कि आप कहीं से भी मैच जीत सकते हैं। यह विश्वास विश्व कप में किसी भी टीम के लिए एक बड़ा खतरा बन जाता है।
ये टिप्पणियाँ भारत द्वारा आगामी टी20 विश्व कप 2026 के लिए अपनी टीम की घोषणा के बाद आई हैं। सूर्यकुमार यादव अपने पहले आईसीसी टूर्नामेंट में कप्तान के रूप में भारत का नेतृत्व करेंगे, और अक्षर पटेल को उनका उप-कप्तान बनाया गया है। इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बोर्ड के मुख्यालय में कप्तान सूर्यकुमार यादव और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर की उपस्थिति में टीम की घोषणा की।
तेजतर्रार सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा, जिनका स्ट्राइक रेट इस प्रारूप में 188.02 है, के ओपनिंग करने की उम्मीद है, और संजू सैमसन उनके साथ गेंदबाजी करेंगे। ईशान किशन, जिन्होंने आखिरी बार 2023 में भारत के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था, को बैकअप ओपनर और विकेटकीपर के रूप में टीम में शामिल किया गया है। तिलक वर्मा, तेज ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे, स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर और रिंकू सिंह भारतीय मध्य क्रम को काफी मजबूती और गहराई प्रदान करते हैं। कुलदीप यादव वरुण चक्रवर्ती के साथ विशेषज्ञ स्पिनर हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा के साथ तेज गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करते हैं।
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