Haryana के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेका
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेका, जहां गुरु गोबिंद सिंह की मां और दो छोटे बेटों के बलिदान की याद में तीन दिवसीय सभा बृहस्पतिवार को शुरू हुई।
फतेहगढ़ साहिब में वार्षिक शहीदी सभा 25-27 दिसंबर तक आयोजित की जाती है। सैनी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा भी थे। उन्होंने छोटे साहिबजादों और माता गुजरी को श्रद्धांजलि देने के लिए मत्था टेका।
सैनी ने कहा कि छोटे साहिबजादों की शहादत मानवता के इतिहास में अद्वितीय है और सत्य, धर्म एवं न्याय के मार्ग पर डटे रहने के लिए एक शाश्वत प्रेरणा के रूप में काम करती है।
वहीं, शर्मा ने कहा कि गुरु साहिबान का बलिदान देश की आध्यात्मिक और नैतिक ताकत की नींव है। उन्होंने कहा कि शहीदी सभा सिख इतिहास की महान विरासत को याद करने का एक पवित्र अवसर है। शर्मा ने कहा कि साहिबजादों और माता गुजरी का बलिदान हर पीढ़ी को जुल्म के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का एक शाश्वत संदेश देता है।
वाजपेयी के पोखरण परमाणु परीक्षण ने संकट के समय शासन करना सिखाया : Vasundhara Raje
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बृहस्पतिवार को कहा कि 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन ने संकट के समय शासन के बारे में उनकी (राजे) समझ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजे झालावाड़ में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने उस समय वाजपेयी सरकार में एक कनिष्ठ मंत्री होने के दिनों को याद किया।
राजे ने बताया कि पोखरण परमाणु परीक्षण के दौरान वाजपेयी ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें इस संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण स्थिति में कार्य करने का मार्गदर्शन दिया। वाजपेयी ने उन्हें सलाह दी कि इस मामले को संभालते समय, विशेष रूप से मीडिया और जनता के प्रश्नों का उत्तर देते समय, सावधानी बरतें क्योंकि इस मामले ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन अनुभवों ने संकट के दौरान शासन की उनकी समझ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वाजपेयी के साथ अपनी मुलाकातों का जिक्र करते हुए राजे ने कहा कि वाजपेयी नैतिकता पूर्ण राजनीति में दृढ़ विश्वास रखते थे और उन्होंने एक बार उनसे कहा था कि वह सत्ता के लिए जोड़-तोड़ या अवसरवादी गठबंधन में शामिल नहीं हो सकते।
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