अमेरिकी खेल खेल रहे हैं...पुतिन के भारत दौरे के बीच जेलेंस्की-जर्मनी के चांसलर का कॉल हुआ लीक
एक ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन भारत दौरे पर हैं तो दूसरी ओर यूक्रेन को लेकर भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्च की एक कॉल रिकॉर्डिंग लीक हो गई है। जिसे सुनकर यह पता चलता है कि यूरोप के नेताओं में अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर कितना अविश्वास है। इस लीक कॉल में जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलस्की को चेताते हुए सुने जा सकते हैं। इस कॉल में वह कहते हैं आने वाले दिनों में आपको बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। अमेरिकी खेल खेल रहे हैं। आपके साथ भी और हमारे साथ भी। जर्मन चांसलर का यह लीक फोन कॉल यूरोप से लेकर अमेरिका और रूस में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इसे भी पढ़ें: पुतिन की भारत यात्रा: नयी विश्व राजनीति की आहट
डेस पीगल की रिपोर्ट और एएफपी के हवाले से लीक हुई एक कॉल के मुताबिक यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन में रूस की जंग खत्म करने के लिए अमेरिका की कोशिशों पर गहरा अविश्वास जताया है। इस खुलासे से पश्चिमी गठबंधन के अंदर बढ़ते तनाव का पता चलता है। जर्मन न्यूज़ वीकली ने कहा कि उसे यूक्रेनी राष्ट्रपति और कई यूरोपीय देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के बीच हुई कॉन्फ्रेंस कॉल के लिखित नोट्स मिले हैं।
इसे भी पढ़ें: पुतिन के भारत दौरे से पहले फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के राजदूतों ने तोड़ी कूटनीतिक 'मर्यादा'
एक लीक कॉल के मुताबिक जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने जेलेंस्की से कहा कि आने वाले दिनों में आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. अमेरिकी आपके और हमारे दोनों के साथ गेम खेल रहे हैं। जर्मन चांसलर के कार्यालय ने बातचीत की गोपनीयता का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर कमेंट करने से मना कर दिया। लीक हुए नोट्स में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के दूतों बिजनेसमैन स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर के बारे में भी बेचैनी बताई गई थी, जो इस हफ़्ते बातचीत के लिए क्रेमलिन गए थे।
इसे भी पढ़ें: अमेरिका-यूरोप को लगा सबसे बड़ा झटका, मोदी-पुतिन ने मिलकर रूस के लिए UN में पलटा पूरा खेल
इस लीक कॉल में नेटो के सेक्रेटरी जनरल मार्क रूटे का भी जिक्र किया गया है। इसमें उन्होंने नेताओं से आग्रह किया कि हमें ब्लडीमीर की रक्षा करनी चाहिए। एक नेटो अधिकारी ने इन लीग कॉल पर कमेंट करने से इंकार कर दिया। हालांकि अमेरिका अपनी ओर से पूरी कोशिशें कर रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच की जंग किसी भी तरह रुक जाए। लेकिन जिस तरह से यूरोप में बेचैनी है, यूरोप को अमेरिका के इस शांति वार्ता पे कोई भरोसा नहीं दिखाई दे रहा।
अमेरिका-यूरोप को लगा सबसे बड़ा झटका, मोदी-पुतिन ने मिलकर रूस के लिए UN में पलटा पूरा खेल
दिल्ली का पालम एयरपोर्ट रात का समय लाल कालीन हवा में हल्की ठंड और दुनिया की निगाहें भारत की राजधानी दिल्ली पर। रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन का विमान जैसे ही रनवे पर उतरा भारत की कूटनीति का इतिहास एक नया पन्ना जोड़ लेता है। क्योंकि उस रनवे पर किसी अधिकारी का किसी मंत्री का स्वागत नहीं हो रहा था। वहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ प्रोटोकॉल से हटकर नहीं बल्कि कूटनीति की परंपराओं को बदलकर और जैसे ही पुतिन नीचे उतरे दोनों ने पहले हाथ मिलाया फिर गले लगा लिया और दुनिया समझ गई दोस्त बदलते नहीं है पर भारत का आत्मविश्वास जरूर बदल गया है। यह दृश्य सिर्फ स्वागत नहीं था। यह स्पष्ट संदेश था एक दिलचस्प तेज निडर संदेश शो सीधे वाशिंगटन लंदन पेरिस बर्लिन तक पहुंच गया और सच तो यह है कि यह दृश्य था जिसे देखकर पश्चिम के रणनीतिकार इंडिया इज चेंजिंग ग्लोबल इक्वेशन कहते हैं।
इसे भी पढ़ें: Russia–Ukraine War | यूक्रेन से युद्ध समाप्ति को लेकर अमेरिकी प्रस्ताव में कुछ बिंदुओं पर सहमत नहीं हुआ जा सकता: पुतिन
एक तरफ दिल्ली में पुतिन का स्वागत उसी समय न्यूयॉर्क के संयुक्त राष्ट्र में क्या चल रहा था यूक्रेन ने आरोप लगाया कि 6395 बच्चों को रूस ने जबरन अपने कब्जे में कर लिया अमेरिका यूरोप ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया। वोटिंग करनी थी, दबाव था, लॉबिंग थी। पश्चिम चाहता था कि भारत खुलकर रूस के खिलाफ वोट कर दे। लेकिन भारत ने कहा कि ना हम समर्थन करेंगे, ना विरोध करेंगे। हम शांति को प्राथमिकता देंगे और भारत ने किया एब्सेंट किया। अबब्सेंट ने पश्चिम के राजनीतिक गलियारों में वो करंट दौड़ा दिया जिसकी संभावना किसी ने नहीं की थी। भारत ने यूएन में कहा कि हम मानवाधिकारों की रक्षा के पक्ष में हैं। लेकिन राजनीतिक टकराव का हिस्सा हम नहीं बनने वाले।
इसे भी पढ़ें: युद्ध में धकेले गए छात्र! हनुमान बेनीवाल ने पुतिन के दौरे से पहले सरकार से की ये बड़ी मांग
भारत ने सार्वजनिक रूप से रूस को डिप्लोमेटिक आइसोलेशन से बाहर निकाल दिया और सबसे महत्वपूर्ण बात दिल्ली ने दिखा दिया कि मॉस्को अब भी उसका स्टेबल पार्टनर है। पुतिन ने इसलिए विश्वास का संदेश दिया कि भारत एक भरोसेमंद शक्ति है। भारत ने बता दिया कि हम किसी भी रेोल्यूशन का हिस्सा नहीं बनेंगे। जो आग बुझाने के बजाय और हवा दे यूएनजीए का प्रस्ताव युद्ध रोकने में मदद नहीं कर रहा था वो सिर्फ ब्लेम शिफ्टिंग था और भारत ब्लेम कैंप में खड़ा नहीं होता है।
इसे भी पढ़ें: Omar Abdullah ने Modi-Putin की दोस्ती का हवाला देते हुए बहुत बड़ी माँग कर डाली, PM पर सबकी नजरें लगीं
पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बैठक कर दुनिया के लिए कई संदेश दिए। दोनों देशों ने हेल्थ, मेबिलिटी शिपिंग समेत कई सेक्टर्स में अहम करारों पर सहमति के साथ साल 2030 तक का आर्थिक रोडमैर तैयार किया है। कुल मिलाकर एक लाइन में कहे कि दिल्ली में मोदी पुतिन ने हाथ मिलाया और न्यूयॉर्क में भारत ने दुनिया को दिखाया कि ना हम झुकते हैं ना हम टूटते हैं। हम सिर्फ अपने हितों के लिए खड़े होते हैं।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
prabhasakshi






















