सामने बैठे थे मोदी, तभी सस्ते तेल पर ऐसा क्या बोल गए पुतिन? ट्रंप के पैरों के नीचे से खिसक जाएगी जमीन
रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन ने पीएम मोदी के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अचानक कुछ ऐसे बयान दिए जो हैरान करने वाले हैं। आप जानते ही हैं कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने भारत और रूस पर भयंकर दबाव बना रखा है। रूस पर सेंशंस लगाए गए हैं तो भारत पर टैरिफ थोप दिए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद पुतिन ने सबके सामने पहले तो भारतीय रुपए पर बड़ा ऐलान कर दिया और उसके बाद जाते-जाते सस्ते तेल पर भी तीखा बयान दे गए। पुतिन ने भयंकर वैश्विक दबाव के बावजूद पीएम मोदी के सामने ऐलान कर दिया कि हम बिना रोक-टोक भारत को सस्ता तेल सप्लाई करते रहेंगे। पुतिन ने कहा कि रूस तेल, गैस, कोयला और भारत की एनर्जी के विकास के लिए हर जरूरी चीज का एक भरोसेमंद सप्लायर है। हम तेजी से बढ़ती भारतीय इकॉनमी के लिए तेल की बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम पर किसी दबाव का असर नहीं होगा।
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भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए मोदी ने रूसी कंपनियों को न्यौता देते हुए कहा आइए और भारत में बनाइए। भारत के साथ साझेदारी कीजिए। पीएम ने कहा कि दोनों देश यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए के जल्द समापन के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारत रूस INSTC, नॉर्दन सी रूट, चेन्नै व्लादिवोस्टोक कॉरिडोर के मामले पर नई ऊर्जा से आगे बढ़ेगे। दोनों देश प्रशिक्षण और कौशल पर भी काम करेंगे। छात्रों, स्कॉलर्स और खिलाडियों का आदान प्रदान भी बढ़ाया जाएगा। यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने कहा, हम शातिपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए सभी प्रयासों का स्वागत करते है। भारत हमेशा शांति के लिए योगदान देने को तैयार रहा है और आगे भी ऐसा करता रहेगा। पहलगाम हमले का जिक कर इशारों इशारों में पाकिस्तान को आतकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और सास की एकजुटता पर संदेश दिया।
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यूक्रेन जंग शुरू होने से पहले भारत का रूस से तेल इंपोर्ट केवल 2.5% था। लेकिन जंग के बाद यह 35% से भी ज्यादा हो गया है। पुतिन ने आगे कहा कि पिछले करीब 50 सालों से रूस भारतीय सेना को हथियार देने और उन्हें आधुनिक बनाने में मदद करता आया है। फिर चाहे वह हथियार एयर डिफेंस फोर्सेस के लिए हो, एविएशन के लिए हो या फिर नेवी के लिए। इसी के बाद पुतिन ने अचानक कहा कि मैं आपको बता दूं कि भारत और रूस के बीच अब 96% पेमेंट अपनी ही करेंसी में हो रही है। यानी रुपए और रूबल में डील चल रही है। अब पुतिन का यह बयान सुनकर डोनाल्ड ट्रंप के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी।
Pakistan-Afghanistan Tension | पाकिस्तान-अफगानिस्तान में सीमा पर भारी गोलीबारी, शांति वार्ता की विफलता के बाद बिगड़े हालात
दोनों तरफ के अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार देर रात पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिससे हफ्ते की शुरुआत में शांति वार्ता फेल होने के बाद पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, अधिकारियों ने तुरंत किसी के हताहत होने की खबर नहीं दी। अफगान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान पर कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक इलाके में हमले शुरू करने का आरोप लगाया। जवाब में, पाकिस्तान सरकार ने कहा कि चमन बॉर्डर पर "बिना किसी उकसावे के फायरिंग" के लिए अफगान सेना ज़िम्मेदार है।
‘डॉन’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, जिला अस्पताल में घायलों को लाए जाने की सूचना मिली है लेकिन इस गोलीबारी में कोई मारा नहीं गया है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर शुक्रवार देर रात बलूचिस्तान प्रांत से लगी सीमा पर गोलीबारी का आरोप लगाया।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि अफगान बलों ने बदानी इलाके में मोर्टार दागे थे जबकि अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने आरोप लगाया कि स्पिन बोल्दक पर हमला पाकिस्तान ने किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके बलों ने जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने ‘डॉन’ को बताया कि पाकिस्तानी बलों ने अफगान आक्रमण के जवाब में गोलीबारी की। चमन-कंधार राजमार्ग पर भी गोलीबारी की खबरें हैं लेकिन इनकी तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी। क्वेटा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि गोलीबारी रात करीब 10 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही।
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चमन जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एक महिला समेत तीन घायलों को अस्पताल लाया गया है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ या विदेश कार्यालय की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। चमन सीमा को ‘फ्रेंडशिप गेट’ (मैत्री द्वार) के नाम से भी जाना जाता है।
यह बलूचिस्तान प्रांत को अफगानिस्तान के कंधार से जोड़ती है। दोनों देश पिछले महीने तनाव के बाद युद्धविराम समझौते पर सहमत हुए थे लेकिन पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पिछले महीने कहा था कि तकनीकी रूप से कोई युद्धविराम समझौता लागू नहीं है क्योंकि यह अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों को रोकने पर निर्भर करता है और वह ऐसा करने में असफल रहा है।
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पाकिस्तान का कहना है कि अफ़गान ज़मीन से ऑपरेट करने वाले मिलिटेंट्स ने हाल ही में देश के अंदर हमले किए हैं, जिसमें कथित तौर पर अफ़गान नागरिकों के शामिल होने वाले सुसाइड बॉम्बिंग भी शामिल हैं। काबुल इन आरोपों को खारिज करता है, और ज़ोर देकर कहता है कि उसे पाकिस्तान की अंदरूनी सुरक्षा चुनौतियों के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
अक्टूबर में हुई झड़पों में दर्जनों लोग मारे गए थे, जो 2021 में तालिबान के अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद से बॉर्डर पर हुई सबसे गंभीर हिंसा थी।
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