Responsive Scrollable Menu

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

तेईसवीं भारत और रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने अपनी Special and Privileged Strategic Partnership को अगले दशक की जरूरतों के अनुरूप विस्तार देने के लिए कई महत्त्वपूर्ण समझौतों और कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया है। हम आपको बता दें कि दोनों नेताओं ने यह रेखांकित किया कि द्विपक्षीय संबंध वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी विश्वास और परस्पर सम्मान पर टिके हुए हैं।

हम आपको बता दें कि शिखर सम्मेलन के दौरान पंद्रह से अधिक समझौते हुए, जिनमें श्रम गतिशीलता, अनियमित प्रवासन पर नियंत्रण, स्वास्थ्य सहयोग, खाद्य सुरक्षा, ध्रुवीय जल क्षेत्रों में जहाज़ी विशेषज्ञ प्रशिक्षण, पोत परिवहन, खाद उर्वरक आपूर्ति, सीमा शुल्क सहयोग, डाक सेवाओं का आदान प्रदान और व्यापक मीडिया साझेदारी शामिल रही। विज्ञान, शिक्षा और मीडिया में भी बहुआयामी सहयोग को नई गति देने पर सहमति बनी।

इसे भी पढ़ें: India-Russia Business Forum में शामिल हुए Putin-Modi, PM बोले- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर काम जारी

दोनों पक्षों ने साल 2030 तक आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों का कार्यक्रम अपनाया और व्यापार को संतुलित एवं सतत बढ़ाने, भुगतान तंत्रों में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने तथा दोनों देशों की वित्तीय संदेश प्रणाली और डिजिटल मुद्रा प्लेटफ़ॉर्म को इंटरऑपरेबल बनाने पर बल दिया। साथ ही ऊर्जा, खनिज संसाधन, तेल गैस, परमाणु ऊर्जा और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत करने का भी निर्णय हुआ है।

इसके अलावा, आईएनएसटीसी, चेन्नई व्लादिवोस्तोक समुद्री मार्ग और उत्तरी समुद्री मार्ग जैसे परिवहन गलियारों को विकसित करने के लिए व्यापक सहयोग पर जोर दिया गया, जिससे एशिया यूरोप आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका और मजबूत होने की उम्मीद है। साथ ही आर्कटिक क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाएँ तेज़ करने, रूस के फ़ार ईस्ट में निवेश बढ़ाने और भारतीय कार्यबल की भागीदारी की नई संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।

रक्षा सहयोग में दोनों देशों ने को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन पर आधारित आत्मनिर्भरता वाले मॉडल पर भी जोर दिया और साथ ही यह सुनिश्चित करने की दिशा में सहमति जताई कि रूस–निर्मित प्रणालियों के स्पेयर पार्ट्स और घटकों का निर्माण भारत में हो सके।

इसके अलावा, सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से रूस के नागरिकों के लिए तीस दिन का ई-टूरिस्ट वीज़ा निशुल्क देने की घोषणा की गई है।

हम आपको यह भी बता दें कि दोनों देशों ने आतंकवाद के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की आवश्यकता दोहराई और बहुपक्षीय मंचों जैसे जी20, ब्रिक्स, एससीओ और संयुक्त राष्ट्र में घनिष्ठ समन्वय जारी रखने पर सहमति जताई है।

देखा जाए तो इस बार का शिखर सम्मेलन यह साबित करता है कि भारत ऐसे दौर में है जब विश्व महाशक्तियाँ दो ध्रुवों में बंटी दिखती हैं। मगर भारत अपनी विदेश नीति को किसी भी दबाव के आगे झुकने नहीं दे रहा। साथ ही रूस और पश्चिम टकराव तथा अमेरिका और चीन प्रतिद्वंद्विता के बीच भारत जिस रणनीतिक स्वायत्तता का प्रदर्शन कर रहा है, उसी ने उसे वैश्विक संकटों में विश्वसनीय, तटस्थ और प्रभावशाली नेतृत्व की भूमिका प्रदान की है।

सबसे महत्त्वपूर्ण संकेत यह है कि भारत अपने मार्गों को खुद गढ़ रहा है, चाहे वह INSTC हो, नॉर्दर्न सी रूट हो या चेन्नई व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर हो। ये सभी पहलें एशिया और यूरोप आपूर्ति श्रृंखला में भारत को निर्णायक नोड के रूप में उभारती हैं और चीन की BRI जैसी परियोजनाओं को अप्रत्यक्ष चुनौती देती हैं।

इसके अलावा, ब्रिक्स के भीतर राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार और वैकल्पिक भुगतान तंत्र पर बढ़ती चर्चा, डॉलर पर निर्भर वैश्विक वित्तीय ढाँचे में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

साथ ही रक्षा और ऊर्जा जैसे भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा के स्तंभ इस साझेदारी से स्थिर होते हैं। पश्चिमी प्रतिबंधों और भू-राजनीतिक अस्थिरताओं के दौर में रूस से ऊर्जा और रक्षा आपूर्ति की निरंतरता भारत के लिए रणनीतिक बीमा की तरह है। साथ ही यह तथ्य कि दोनों देश को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन जैसे आगे की सोच वाले मॉडल पर जा रहे हैं, यह भारतीय आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाई देता है।

यूक्रेन संघर्ष पर भी भारत की भूमिका विशुद्ध यथार्थवादी है। न तो किसी गुट के साथ खड़ा होना और न ही नैतिकता के झूठे दंभ में फँसकर राष्ट्रीय हितों से समझौता करना। यही संतुलन भारत को भविष्य में एक संभावित मध्यस्थ शक्ति के रूप में स्थापित करता है।

बहरहाल, शिखर सम्मेलन यही दिखाता है कि भारत रूस संबंध केवल इतिहास की विरासत नहीं, बल्कि भविष्य की भू-राजनीति का खाका हैं। पश्चिम जहाँ रूस को अलग-थलग करने में व्यस्त है, वहीं भारत यह संदेश दे रहा है कि उसकी विदेश नीति किसी प्रलोभन या दबाव की मोहताज़ नहीं, वह केवल राष्ट्रीय हित के प्रति उत्तरदायी है।

Continue reading on the app

अमेरिका की नई यात्रा नीति: 'हत्यारे, जोंक' कहने वाली मंत्री के तीखे बयान के बाद 30+ देशों पर गाज गिरेगी

अमेरिका में यात्रा प्रतिबंध को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख सामने आया है। मौजूद जानकारी के अनुसार अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाला प्रशासन मौजूदा 19 देशों की सूची को बढ़ाकर 30 से अधिक देशों तक ले जाने की तैयारी में है। गौरतलब है कि नोएम ने सटीक संख्या और देशों के नाम बताने से इंकार किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि सूची 30 के आंकड़े से ऊपर जा रही है और राष्ट्रपति लगातार समीक्षा कर रहे हैं।

बता दें कि जून 2025 में जारी किए गए एग्ज़िक्यूटिव ऑर्डर के तहत अफ्रीका, मध्य पूर्व और कैरेबियन क्षेत्र के 19 देशों से प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। इन देशों पर वेटिंग क्षमता की कमी, वीज़ा ओवरस्टे और 'वापस आने' में जटिलताओं को मुख्य कारण माना गया था। अब प्रशासन इस नीति को और कड़ा कर रहा है, जिसमें उन देशों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिनकी सरकारें स्थिर नहीं मानी जातीं और जो यात्रियों की सही पहचान व सुरक्षा जांच में सक्षम नहीं हैं।

संदर्भ के तौर पर यह भी उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2025 को व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में एक नेशनल गार्ड सदस्य की मौत और दूसरे के घायल होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों पर दबाव और बढ़ा है। मौजूद रिपोर्टों के अनुसार हमलावर अफगान मूल का व्यक्ति था, जो 2021 में अमेरिका आया और उसे अप्रैल 2025 में शरण दी गई थी। इसी घटना ने ट्रंप प्रशासन को पिछले वेटिंग ढांचे और सुरक्षित प्रवेश नीति की पुनः जांच की दिशा में धकेला है।

गौरतलब है कि हाल ही में नोएम के तीखे बयान जिनमें उन्होंने कुछ देशों से आने वालों को “हत्यारे, जोंक और जंक ” कहकर कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया था ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना को जन्म दिया था। फिर भी प्रशासन की समीक्षा प्रक्रिया जारी है और राष्ट्रपति ने संकेत दिए हैं कि “तीसरी दुनिया के देशों” के लिए स्थायी प्रतिबंध भी विकल्पों में शामिल हैं।

फिलहाल व्हाइट हाउस या गृह सुरक्षा विभाग की ओर से सूची जारी होने की तारीख और विस्तृत मानदंड साझा नहीं किए गए हैं, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह कदम सीमा सुरक्षा, प्रवास नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के अगले चरण का संकेत देने वाला है। नीति का स्वरूप कैसा होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वैश्विक आवाजाही पर इसका प्रभाव गहरा होने की आशंका पहले ही जताई जा चुकी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर नज़र बनाए हुए हैं।

Continue reading on the app

  Sports

शनिदेव को कौन सा फूल सबसे ज़्यादा पसंद है? शनिवार को ये अर्पित करोगे तो बदलेगी किस्मत

शनिवार का दिन आते ही लोग शनिदेव (shanidev) की पूजा विशेष श्रद्धा के साथ करते हैं। मान्यता है कि यदि शनिदेव की पूजा मन से की जाए, तो जीवन के कष्ट कम होते हैं और बाधाएं दूर होती हैं। लेकिन ज्यादातर लोग एक सवाल में उलझे रहते हैं, आखिर शनिदेव को कौन से फूल चढ़ाना … Sat, 06 Dec 2025 07:49:36 GMT

  Videos
See all

Putin India Visit: भारत-रूस की दोस्ती दमदार,PM ने की 'परम मित्र' की तारीफ! PM Modi | Hindi News #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-06T03:04:54+00:00

इंडिगो क्राइसिस ने देश भर के एयरपोर्ट पर बढ़ाई मुसीबत | Indigo Flight Crisis| Delhi Airport LIVE #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-06T03:09:16+00:00

Mahabhes LIVE: ‘डबल’ के फेर में, बाप-बेटा जेल में!. BJP | SP | Akhilesh Yadav | CM Yogi | Azam Khan #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-06T03:06:52+00:00

IndiGo का पूरा सिस्टम 'चोक' | Shorts | Indigo Flight Cancellation | Flight Price Hike | R Bharat #tmktech #vivo #v29pro
2025-12-06T03:09:14+00:00
Editor Choice
See all
Photo Gallery
See all
World News
See all
Top publishers