उत्तराखंड में पशुओं के चारे से बनाया करोड़ों का प्रोडक्ट:नेचुरल शैंपू बनाने के लिए शहर छोड़ लौटे गांव, रिश्तेदार की एक डिमांड से आया आइडिया
रोजगार की कमी के चलते उत्तराखंड के पहाड़ लंबे समय से पलायन की मार झेलते रहे हैं। गांव खाली होते गए और युवा रोजी-रोटी की तलाश में मैदानों और महानगरों की ओर बढ़ते चले गए। लेकिन बीते कुछ सालों में तस्वीर बदलती दिख रही है। अब पहाड़ों की ओर रिवर्स पलायन भी तेज हुआ है और लोग वापस लौटकर अपने गांव में ही रोजगार तलाशने लगे हैं। पलायन आयोग की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में रिवर्स पलायन के मामलों में 44% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट बताती है कि रिवर्स पलायन करने वाले जिलों में पौड़ी गढ़वाल पहले नंबर पर है, जहां 1213 लोग बड़े शहर छोड़कर वापस पहाड़ों में लौटे हैं। यानी उत्तराखंड में सबसे ज्यादा रिवर्स पलायन पौड़ी जिले में हुआ है। इसी पौड़ी जिले के ब्लॉक एकेश्वर के गांव चमाली से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जहां दो भाइयों ने पशुओं के लिए इस्तेमाल होने वाले भीमल को ही आय का जरिया बना लिया। रिश्तेदारी की एक साधारण सी डिमांड से शुरू हुआ यह प्रयोग आज करोड़ों के टर्नओवर, सैकड़ों महिलाओं को रोजगार और पहाड़ों में टिकाऊ आजीविका का मॉडल बन चुका है। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में इस पूरी यात्रा को संजय बिष्ट ने विस्तार से बताया है। सवाल जवाब में पढ़िए पूरी बातचीत... रिपोर्टर: आपने भीमल शैंपू बनाने का काम कैसे शुरू किया? जवाब: मैं (संजय बिष्ट) और मेरे भाई अजय बिष्ट हम दोनों भाई पहले आर्मी में थे। रिटायरमेंट होने के बाद कोटद्वार में हमारा कोचिंग सेंटर था। करीब तीन-चार साल तक कोचिंग चली, लेकिन फिर कोरोना आ गया। इसके बाद हमें कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा। फिर हम दोनों भाइयों ने सोचा कि गांव में जाकर कुछ किया जाए। करीब दो-चार महीने हम खाली रहे। इसी दौरान एक रिश्तेदार ने दिल्ली से फोन किया कि हमें भीमल की छाल भिजवा दो। हमने एक दिन भेजी, फिर दूसरे दिन भी भेजी। तभी दिमाग में आया कि क्यों न इसी पर काम किया जाए। रिपोर्टर: पशुओं के चारे को आपने इनकम में बदलने का सोचा? आगे के सफर में क्या हुआ? जवाब: इसके बाद हमने इसकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट की। फिर स्थानीय बाजारों- नौगांवखाल, पौड़ी, किरखू, सतपुली, पाटीसैन आदि में इसे बेचना शुरू किया। शुरुआत में दो-दो बोतल सैंपल के तौर पर बेचीं। लोगों को यह पसंद आया, तो हमने सोचा इसे और बड़ा किया जाए। धीरे-धीरे यह प्रोडक्ट दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों तक पहुंचने लगा। जब ऑफलाइन अच्छा चलने लगा तो ऑनलाइन भी ट्राई किया। फैमिली और बच्चों ने पूरा सपोर्ट किया। अमेजन पर जब हमने भीमल शैंपू उतारा तो वहां से भी अच्छी-खासी डिमांड आने लगी। रिपोर्टर: साल भर का आपका टर्नओवर कितना है और कितने लोगों को रोजगार दे रहे हैं? जवाब: मेरे साथ 5-6 ब्लॉकों की समूह की महिलाएं जुड़ी हुई हैं। करीब 350 से 400 महिलाएं मुझे भीमल की छाल प्रोवाइड कराती हैं। यानी 350 से ज्यादा लोग सीधे तौर पर इससे जुड़े हैं। इसके अलावा मेरे यहां 15 से 20 युवक सीधे काम कर रहे हैं, जिन्हें हम रोजगार दे रहे हैं। अभी तक हमारा टर्नओवर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है। रिपोर्टर: आगे इसका भविष्य आप कैसे देखते हैं? जवाब: आज की डेट में जितने भी केमिकल वाले शैंपू बाजार में हैं, उनके मुकाबले यह कई गुना फायदेमंद है। पहले हमारे दादी-दादा, नाना-नानी इसी चीज का इस्तेमाल करते थे। आप देखेंगे कि बुजुर्ग होने के बाद भी उनके बाल काले रहते थे। हमारे शैंपू में केमिकल की मात्रा सिर्फ 0.5% रहती है, वह भी इसलिए ताकि शैंपू खराब न हो। जो प्रॉपर्टीज सैंपल में होती हैं, वही प्रॉपर्टीज हमारे हर्बल भीमल शैंपू में मिलती हैं। इसकी लैब टेस्टिंग हमने दिल्ली से करवाई है और सभी रिपोर्ट्स हमारे पास हैं। रिपोर्टर: माल्टा-बुरांश स्क्वैश के अलावा और कौन-कौन से प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं? जवाब: शैंपू के साथ हमने एक पहाड़ी चटनी तैयार की है। इसमें पुदीना, धनिया, मिर्च और पहाड़ के मसाले शामिल हैं। इसमें सिर्फ आधा चम्मच लेने पर पूरा टेस्ट मिल जाता है। यह गैस के लिए भी बेस्ट है। इसके अलावा हमने अपना एक मसाला तैयार किया है, जो किचन किंग का काम करता है। इसमें सिर्फ नमक डालना होता है, बाकी सारे मसाले पहले से शामिल रहते हैं। रिपोर्टर: सरकार की तरफ से आपको क्या मदद मिली? जवाब: जब मैंने काम शुरू किया तो बैंक के जरिए पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) योजना के तहत मुझे 10 लाख रुपए का लोन मिला। उसी से मैंने अपना सेटअप स्टार्ट किया। यह लोन दो-तीन साल में क्लियर हो गया। इसके अलावा नए प्रोडक्ट्स के लिए सरकार की तरफ से 10 लाख रुपए की सब्सिडी का भी प्रावधान मिला, जिसका मैंने लाभ लिया। सरकार का कहना है कि अगर सिस्टम को और आगे बढ़ाना है तो भविष्य में और लोन की सुविधा भी मिल सकती है।
निहंग बोले- दलेर खुद को इंटरनेशनल प्रचारक बताती है:प्रभलीन बोली- दलेर डिप्रेशन में, हमसे अच्छी नंगी होकर वीडियो डालने वाली; समागम का विरोध हुआ था
पंजाब में महिला सिख धर्म प्रचारक बीबी दलेर कौर के समागम के विरोध का मुद्दा गर्माता जा रहा है। एक तरफ फतेहगढ़ में हुई शहीदी सभा में भी बीबी दलेर कौर का मुद्दा उठा। निहंग जत्थेबंदी के सिंह साहिबान ने बीबी दलेर कौर के सोशल मीडिया पर आंसू बहाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वैसे तो बीबी दलेर कौर खुद को इंटरनेशनल प्रचारक बता AK-47 की बात करती है और अब रो रही है। दूसरी तरफ एक और महिला सिख धर्म प्रचारक प्रभलीन कौर बीबी दलेर कौर के समर्थन में आ गईं। प्रभलीन ने कहा कि सिखी बाणे वाली महिलाओं को धमकाया जा रहा है। हमसे अच्छी तो वो हैं जो नंगी होकर वीडियो डालती हैं। घटना के बाद से दलेर कौर डिप्रेशन में हैं। वह ढंग से सो नहीं पा रही हैं। बता दें कि 22 दिसंबर को बीबी दलेर कौर का गुरदासपुर के पंजगराइयां में धार्मिक समागम था। इसमें बीबी दलेर कौर ने कहा कि जब दशम पिता ने चमकौर की गढ़ी छोड़ी तो अपना कलगी तोड़ा बाबा संगत सिंह को दिया। सिख इतिहास की इस बात पर निहंगों ने बीबी दलेर कौर का विरोध कर दिया। इसकी वजह ये है कि कुछ सिख विद्वान मानते हैं कि दशमेश पिता ने कलगी तोड़ा भाई जीवन सिंह को दिया था। बीबी दलेर कौर को लेकर निहंग जत्थेबंदी ने क्या कहा... कीर्तनी जत्थे की प्रभलीन ने दलेर को लेकर क्या कहा... निहंग रसूलपुर का बीबी दलेर कौर को खुला समर्थन.. निहंग सिंह बाबा राजा राज ने किया विरोध कौन है बीबी दलेर कौर, जिनको लेकर विवाद हो रहा... ****************** दलेर कौर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... पंजाब की महिला सिख प्रचारक के विरोध का मामला गर्माया:निहंग बोले- धमकी नहीं दी; दलेर ने कहा था- आए दिन नंगी फोटो डालते हो पंजाब में महिला सिख प्रचारक ढाडी दलेर कौर के विरोध का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीबी दलेर कौर ने यहां तक कह दिया कि आप जो आए दिन नंगी फोटो डाल देते हो, इतना तुम्हें दलेर कौर को नंगी देखने की इच्छा हो रही है। मैंने फिर भी सब कुछ बर्दाश्त किया (पढ़ें पूरी खबर) पंजाब की महिला सिख प्रचारक का विरोधियों पर गुस्सा फूटा:बोलीं- गुंडे इकट्ठे किए, स्टेज पर नहीं जाऊंगी सिख धर्म का प्रचार कर रहीं जालंधर की बीबी दलेर कौर का विरोधियों पर गुस्सा फूटा है। गुरदासपुर में दीवान (धार्मिक सभा) के दौरान सरेआम उनका विरोध किया गया। इसके बाद धमकी भी दी गई कि वह जहां भी प्रोग्राम करेंगी, उनका विरोध किया जाएगा (पढ़ें पूरी खबर)
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 















.jpg)






