Ukraine में क्रेमलिन के सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिए जाएंगे: Putin
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि मॉस्को की सेना यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में आगे बढ़ रही है और क्रेमलिन के सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिए जाएंगे। पुतिन ने अपने वर्षांत संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि रूसी सेनाओं ने ‘‘रणनीतिक पहल को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया है’’ तथा वर्ष के अंत तक और अधिक लाभ प्राप्त होंगे।
क्रेमलिन का आशय रूस की सरकार या सत्ता प्रतिष्ठान से होता है। वर्ष 2022 में संघर्ष के शुरुआती दिनों में, यूक्रेन की सेना ने रूस की विशाल और बेहतर अस्त्रों से लैस सेना के राजधानी कीव पर कब्जा करने के प्रयास को विफल कर दिया था।
हालांकि, लड़ाई जल्द ही भीषण संघर्ष में बदल गई, और मॉस्को की सेना ने वर्षों से धीमी लेकिन लगातार प्रगति की है। पुतिन ने कहा, ‘‘हमारी सेनाएं संपर्क रेखा के पार हर जगह आगे बढ़ रही हैं, कुछ क्षेत्रों में तेज़ी से तो कुछ में धीमी गति से, लेकिन दुश्मन सभी क्षेत्रों में पीछे हट रहा है।’’
रूसी राष्ट्रपति द्वारा वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के साथ ही एक राष्ट्रव्यापी ‘कॉल-इन शो’ भी आयोजित किया जाता है, जिसमें पूरे देश के रूसियों को पुतिन से सवाल पूछने का अवसर मिलता है।
पुतिन 25 साल से देश का नेतृत्व कर रहे हैं। इस वर्ष, पर्यवेक्षक यूक्रेन और वहां अमेरिका समर्थित शांति योजना पर पुतिन की टिप्पणियों पर नजर रख रहे हैं। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन में सेना भेजे जाने के बाद से लगभग चार वर्षों से जारी लड़ाई को समाप्त कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापक राजनयिक प्रयास शुरू किया है, लेकिन वाशिंगटन के प्रयासों को मॉस्को और कीव की ओर से तीव्र रूप से परस्पर विरोधी मांगों का सामना करना पड़ा है।
पुतिन चाहते हैं कि उनकी सेनाओं द्वारा कब्जाए गए चार प्रमुख क्षेत्रों के सभी इलाके, साथ ही 2014 में अवैध रूप से कब्जाए गए क्रीमिया प्रायद्वीप को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने यह भी मांग रखी है कि यूक्रेन पूर्वी यूक्रेन के उन क्षेत्रों से पीछे हट जाए जिन पर मॉस्को की सेनाओं ने अभी तक कब्जा नहीं किया है।
कीव ने सार्वजनिक रूप से इन सभी मांगों को खारिज कर दिया है। क्रेमलिन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि यूक्रेन पश्चिमी नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने की अपनी कोशिश को छोड़ दे।
Trump ने कर ली चीन की नींद उड़ाने वाली वेपन डील! ताइवान को 10 अरब डॉलर से ज्यादा के हथियार बेचेगा अमेरिका
ताइवान के लिए 10 अरब डॉलर के हथियार पैकेज को अमेरिका द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद चीन ने वाशिंगटन को कड़ी चेतावनी जारी की है। यह ताइवान के इतिहास में सबसे बड़े हथियार सौदों में से एक है। इस सौदे में हिमर्स रॉकेट सिस्टम, हॉवित्जर, ड्रोन और टैंक-रोधी मिसाइलें शामिल हैं, जिनका उद्देश्य असममित युद्ध के माध्यम से संभावित चीनी आक्रमण को रोकने की ताइवान की क्षमता को मजबूत करना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान को 10 अरब डॉलर से ज्यादा की कीमत के हथियारों की बिक्री के एक पैकेज की घोषणा की है। इसमें मध्यम दूरी की मिसाइलें, होवित्जर तोपें और ड्रोन शामिल हैं। अमेरिका के इस कदम पर चीन ने आक्रोश जताया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार देर रात इन हथियार सौदों की घोषणा की।
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इन आठ हथियार बिक्री समझौतों में 82 उच्च गतिशीलता वाली तोपखाना रॉकेट प्रणाली (हिमार्स) और 420 सैन्य सामरिक मिसाइल प्रणाली शामिल हैं। ये वही प्रणालियां हैं, जैसी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका ने रूस के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए यूक्रेन को प्रदान की थीं। इनकी कुल कीमत चार अरब डॉलर से अधिक बताई गई है। इस पैकेज में 60 स्वचालित होवित्जर प्रणालियां और उनसे जुड़े उपकरण भी शामिल हैं, जिनकी कीमत भी चार अरब डॉलर से अधिक है। साथ ही ड्रोन की बिक्री एक अरब डॉलर से ज्यादा की बताई गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इससे चीन और अमेरिका के बीच हुए कूटनीतिक समझौतों का उल्लंघन होगा, चीन की संप्रभुता और अखंडता को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। क्षेत्रीय स्थिरता भी कमजोर होगी।
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