वेनेजुएला को अमेरिकी सेना ने घेरा! मादुरो को अब पुतिन बचाएंगे?
डोनाल्ड ट्रंप ने अब वेनेजुएला के खिलाफ हमला बोलने की पूरी तैयारी कर ली है और युद्ध का ऐलान भी कर दिया है और ट्रंप के आगे अमेरिकी संसद पूरी तरीके से आ रही है क्योंकि कानून और संविधान उन्हें युद्ध का ऐलान करने की इजाजत नहीं देता। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के संविधान को कुचलकर वेनेजुएला पर हमला करने का ऐलान कर चुके हैं। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई में वेनेजुएला में ड्रग्स को लेकर डोनाल्ड ट्रंप एक्शन ले रहे हैं या फिर वहां के राष्ट्रपति से जो तानानी चल रही है ट्रंप की उनका तख्तापलट करवाने के लिए ट्रंप ने यह कदम उठाया।
इसे भी पढ़ें: नाबालिगों के साथ अय्याशी, Epstein Files की 92 तस्वीरें लीक, 6 लड़कियों से घिरे ट्रंप...
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने वेनेजुएला में आने-जाने वाले सभी ‘प्रतिबंधित तेल टैंकरों’ की नाकेबंदी का आदेश दिया है। इस कदम से दक्षिण अमेरिकी देश के नेता निकोलस मादुरो पर दबाव और बढ़ गया है तथा इसका उद्देश्य वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को और कमजोर करना प्रतीत होता है। यह घोषणा उस घटना के एक सप्ताह बाद आई है, जब अमेरिकी बलों ने वेनेजुएला के तट के पास एक तेल टैंकर जब्त किया था। यह असामान्य कार्रवाई क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य जमावड़े के बाद की गई थी। मंगलवार रात को सोशल मीडिया पर नाकेबंदी की घोषणा करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया कि वेनेजुएला तेल का इस्तेमाल मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अपराधों के वित्तपोषण के लिए कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका सैन्य दबाव तब तक बढ़ाता रहेगा, जब तक वेनेजुएला अमेरिका को उसका तेल, ज़मीन और संपत्तियां लौटा नहीं देता।
इसे भी पढ़ें: White House में ट्रंप की ‘प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम’, पूर्व राष्ट्रपतियों पर तंज से मचा विवाद
अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की तरफ से युद्ध छेड़ देते हैं तो क्या वो उसके तेल के भंडार पे आसानी से कब्जा कर लेंगे? वेनेजुएला इतना कमजोर है कि सब मुमकिन हो पाएगा। यही तो दिक्कत है कि वेनेजुएला कमजोर है और कमजोर के पास इस वक्त पेट्रोलियम और नेचुरल गैस नहीं होना चाहिए। वो सिर्फ ताकतवर के पास होना चाहिए। वेनेजुएला का आखिरी सहारा यह है कि उसने रूस से मदद मांगी है। नेजुएला के राष्ट्रपति यह बात जोरों शोरों से उठा रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप ड्रग्स का बहाना बना रहे हैं। उनका असली मकसद है यहां सत्ता परिवर्तन करवाना, तख्ता पलट करवाना या फिर यहां के जो खनिज पदार्थ हैं उन पर कब्जा करना।
Trump की टैरिफ धमकियों के बीच भारत को मिली BRICS की कमान! अमेरिका की उड़ी नींद
भारत 1 जनवरी से आधिकारिक रूप से ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने जा रहा है। 11 और 12 दिसंबर को ब्राजीलिया में हुई ब्रिक्स शेरपाओं की बैठक के बाद भारत को ब्रिक्स 2026 की अध्यक्षता सौंप दी गई। 2026 के लिए भारत की अध्यक्षता ऐसे वक्त में शुरू हो रही है जब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल ने वैश्विक व्यापार और कूटनीति में अनिश्चितता बढ़ा दी है। दूसरी तरफ ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपने वाला ब्राजील भी अमेरिका के टेरिफ के निशाने पर रहा। लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत ने साफ कर दिया है कि ब्रिक्स की अध्यक्षता, लचीलापन, इनोवेशन, सहयोग, सतत विकास, मूल सिद्धांतों पर पूरी तरह फोकस होगी। ब्राजील से भारत को मिला यह दायित्व केवल औपचारिक बदलाव नहीं बल्कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में एक मजबूत राजनीतिक और रणनीतिक संकेत भी माना जा रहा है। चौथे ब्रिक्स शेरपा सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान, 12 दिसंबर, 2025 को ब्राजील ने आधिकारिक तौर पर ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत को सौंप दी। इस औपचारिक हस्तांतरण ने समूह के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को चिह्नित किया, क्योंकि भारत 2026 में ब्रिक्स चर्चाओं और पहलों का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहा है।
इसे भी पढ़ें: China कल तक India को Air Pollution पर उपदेश दे रहा था, आज दमघोंटू Smog ने Beijing को घेर लिया
ब्रिक्स क्या है?
ब्रिक्स प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इसका उद्देश्य विकास, व्यापार, वित्त और वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। ब्रिक्स की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच प्रतिवर्ष बारी-बारी से होती है।
पदभार ग्रहण समारोह
ब्राजील के शेरपा राजदूत मॉरीशियो लिरियो ने भारत के शेरपा राजदूत सुधाकर दलेला को ब्रिक्स की प्रतीकात्मक गदा सौंपी। यह पदभार ग्रहण समारोह चौथे शेरपा सम्मेलन के समापन पर हुआ।
गदा आधिकारिक नेतृत्व और जिम्मेदारी के हस्तांतरण का प्रतीक है। यद्यपि समारोह मध्य दिसंबर में हुआ, लेकिन ब्राजील औपचारिक रूप से 31 दिसंबर, 2025 तक ब्रिक्स का अध्यक्ष बना रहेगा।
इसे भी पढ़ें: Chenab River Water को लेकर Pakistan ने किया जल-विलाप, India का सख्त स्टैंड- पानी बहेगा लेकिन हमारी शर्तों पर
ब्रिक्स की अध्यक्षता
अपनी अध्यक्षता के दौरान, ब्राज़ील ने छह प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी:
वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग
जलवायु परिवर्तन
व्यापार, निवेश और वित्त
शांति और सुरक्षा के लिए बहुपक्षीय ढांचा
कृत्रिम बुद्धिमत्ता का शासन
ब्रिक्स का संस्थागत विकास
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
prabhasakshi


















