व्हाइट हाउस में पूर्व राष्ट्रपतियों के चित्रों के नीचे नई पट्टिकाएं लगाई गई हैं, जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप की ‘प्रेसिडेंशियल वॉक ऑफ फेम’ का हिस्सा बताया जा रहा है। प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड में लिखा है कि इस प्रदर्शनी की परिकल्पना, निर्माण और समर्पण खुद ट्रंप ने किया है, जो देश की सेवा करने वाले “अच्छे, बुरे और बीच के” राष्ट्रपतियों को समर्पित है हैं।
मौजूद जानकारी के अनुसार, बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखीं इन पट्टिकाओं में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों ही दलों के पूर्व राष्ट्रपतियों पर तीखी टिप्पणियां दर्ज हैं, जबकि ट्रंप के कार्यकाल को असाधारण उपलब्धियों से जोड़ा गया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे अभूतपूर्व बताते हुए राष्ट्रपति पद की पारंपरिक गरिमा के खिलाफ करार दिया है हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन की तस्वीर के नीचे लगी पट्टिका में उन्हें “स्लीपी जो” कहा गया है और अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति बताया गया है। इसमें 2020 के चुनाव को भ्रष्ट करार देते हुए यह दावा भी किया गया है कि तमाम संकटों के बावजूद ट्रंप की दोबारा जीत हुई और उन्होंने देश को बचाया है हैं।
बराक ओबामा के बारे में लिखा गया है कि वे पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे, लेकिन साथ ही उन्हें अमेरिकी इतिहास के सबसे विभाजनकारी नेताओं में से एक बताया गया है। उनकी स्वास्थ्य नीति और कांग्रेस में डेमोक्रेट्स की हार का भी उल्लेख किया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पट्टिका अपेक्षाकृत संयमित दिखती है, जहां अपराध सुधार, सामाजिक योजनाओं और संतुलित बजट का जिक्र है, लेकिन यह भी कहा गया है कि ये उपलब्धियां रिपब्लिकन-नियंत्रित कांग्रेस और 1990 के दशक के तकनीकी उछाल के दौर में, तमाम घोटालों के बावजूद हासिल हुई थीं हैं। इसमें यह भी जोड़ा गया है कि उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन 2016 का राष्ट्रपति चुनाव डोनाल्ड ट्रंप से हार गई थीं।
खुद ट्रंप की पट्टिका में जनवरी 2025 से शुरू हुए उनके दूसरे, गैर-लगातार कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया गया है। इसमें चुनावी कॉलेज में भारी जीत, सीमाओं की सुरक्षा, महंगाई में कमी, ऊर्जा लागत घटाने और अमेरिका में ट्रिलियन डॉलर के निवेश लाने जैसे दावे किए गए।
यहां तक कि रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की पट्टिका में भी दोहरा स्वर नजर आता है। 9/11 के बाद की भूमिका और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के गठन की सराहना के साथ अफगानिस्तान और इराक युद्धों की आलोचना भी की गई।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इन पट्टिकाओं का बचाव करते हुए कहा है कि ये हर राष्ट्रपति की विरासत का सटीक और प्रभावशाली वर्णन हैं और कई विवरण खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने इतिहास के विद्यार्थी के रूप में लिखे हैं।
कुल मिलाकर, यह प्रदर्शनी ट्रंप की उस कोशिश के तौर पर देखी जा रही है, जिसके जरिए वे व्हाइट हाउस पर अपनी व्यक्तिगत छाप छोड़ना और अमेरिकी इतिहास को अपने नजरिये से प्रस्तुत करना चाहते हैं, जिस पर देशभर में प्रशंसा और आलोचना, दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाने वाला चौथा टी20 मुकाबला बिना एक भी गेंद फेंके रद्द होने से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के भीतर गंभीर मंथन शुरू हो गया है। बता दें कि लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में बुधवार शाम होने वाला यह मैच आधिकारिक तौर पर अत्यधिक धुंध के कारण रद्द घोषित किया गया, लेकिन मौजूद जानकारी के अनुसार असली वजह घना स्मॉग और बेहद खराब दृश्यता रही।
गौरतलब है कि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में केवल दूसरी बार हुआ है जब किसी मुकाबले को धुंध के चलते पूरी तरह रद्द करना पड़ा है। मैच शाम सात बजे शुरू होना था, लेकिन हालात लगातार बिगड़ते चले गए। छह बार निरीक्षण के बाद करीब साढ़े नौ बजे अंपायरों ने मुकाबला रद्द करने का फैसला लिया है। इससे पहले खिलाड़ी वार्म-अप भी समय से पहले सीमित कर चुके थे और दर्शकों का एक बड़ा हिस्सा स्टेडियम छोड़ने लगा था।
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए साफ कहा है कि बोर्ड को सर्दियों में उत्तर भारत में मैचों की मेजबानी पर दोबारा विचार करना पड़ेगा। उन्होंने माना कि वायु प्रदूषण अब सामान्य असुविधा नहीं, बल्कि एक आपात स्थिति बन चुका है और इसे उसी तरह देखा जाना चाहिए है।
मौजूद आंकड़ों के अनुसार, मैच के दौरान लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया था, जो ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है। भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को वार्म-अप के दौरान सर्जिकल मास्क पहने देखा गया, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं और बोर्ड की योजना पर सवाल और गहरे हो गए हैं।
राजीव शुक्ला स्वयं भी निरीक्षण के दौरान मैदान पर उतरे थे और अधिकारियों से चर्चा के बाद उनका हावभाव हालात की गंभीरता को साफ दर्शा रहा था। चूंकि इस मुकाबले के लिए कोई रिजर्व डे नहीं रखा गया था, इसलिए अब दोनों टीमें सीरीज के निर्णायक मुकाबले के लिए अहमदाबाद रवाना होंगी, जहां भारत 2–1 से आगे है।
आलोचना का बड़ा कारण इस पूरे दौरे का वेन्यू चयन भी बन रहा है। दक्षिण अफ्रीका का यह दौरा नवंबर–दिसंबर में न्यू चंडीगढ़, धर्मशाला और लखनऊ जैसे शहरों में खेला गया, जहां इस समय ठंड, धुंध और प्रदूषण आम समस्या रहते हैं। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते धर्मशाला में खेले गए टी-20 में तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया था और स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने भी हालात को काफी चुनौतीपूर्ण बताया था।
अब इस घटना के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि बीसीसीआई भविष्य में खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर भारत में सर्दियों के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों पर सख्त और दूरगामी फैसले लेने की दिशा में बढ़ सकता है।
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