समुंदर की गहराई में अब दुश्मन की खैर नहीं, नेवी में शामिल हुआ MH-60R रोमियो
भारतीय नौसेना ने बुधवार को गोवा के आईएनएस हंसा में अपने बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन आईएनएएस 335, जिसे ओस्प्रे के नाम से जाना जाता है, को शामिल किया। यह कमीशनिंग समारोह नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की उपस्थिति में आयोजित किया गया और इसमें औपचारिक जल तोप की सलामी दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख ने समुद्री सुरक्षा वातावरण की बढ़ती जटिलता पर जोर दिया। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि आज हमारे आसपास का समुद्री वातावरण पहले से कहीं अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण है। बदलती भू-राजनीति, तेजी से विकसित हो रही तकनीकें और खतरों का बढ़ता दायरा - ग्रे-ज़ोन गतिविधियों से लेकर समुद्र में आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान तक - इस नई वास्तविकता को आकार दे रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि भारत के बढ़ते समुद्री हितों की रक्षा के लिए समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि इसलिए, समुद्री सुरक्षा और प्रतिरोध को मजबूत करना हमारी समुद्री संचार लाइनों और बढ़ते राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए मूलभूत है। नौसेना प्रमुख ने पश्चिमी तट पर एमएच-60आर हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन की तैनाती को एक महत्वपूर्ण परिचालन उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा वाले, बहु-भूमिका वाले एमएच60आर हेलीकॉप्टर की पश्चिमी तट पर पहली परिचालन स्क्वाड्रन के रूप में तैनाती हमारी नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने इस वर्ष के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि आज की यह तैनाती एक बेहद महत्वपूर्ण क्षण में हुई है - 2025 में भारत सरकार द्वारा फ्लीट एयर आर्म के गठन को मंजूरी दिए जाने के 75 वर्ष पूरे हुए, इस निर्णय ने नौसेना विमानन को पंख दिए, जिससे हमारी नौसेना एक शक्तिशाली बहुआयामी बल में परिवर्तित हो गई और हमें समुद्र में निर्णायक बढ़त प्राप्त हुई।
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विजय अभियान से ऐतिहासिक संबंध
नौसेना के इतिहास के एक निर्णायक क्षण को याद करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा, "यह और भी अधिक महत्वपूर्ण है कि ठीक 64 वर्ष पहले, 17/18 दिसंबर 1961 की रात को विजय अभियान शुरू हुआ था, जिसमें भारतीय नौसेना के जहाज पुर्तगालियों से गोवा को मुक्त कराने के लिए उसमें प्रवेश कर गए थे।" उन्होंने आगे कहा, "वहां भी नौसेना विमानन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें तत्कालीन विक्रांत और उसका अभिन्न वायु विंग क्षितिज के ठीक परे तैनात होकर गोवा के मार्गों की सुरक्षा कर रहा था।
नेतन्याहू से मिलते ही जयशंकर ने किया बड़ा ऐलान, चौंकी दुनिया
पीएम मोदी मुस्लिम देशों के दौरे पर हैं तो वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर भी यहूदी देश इजराइल की यात्रा पर हैं। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब सिडनी में यहूदियों पर आतंकी हमला हुआ है। जिसको लेकर दुनिया भर में गुस्सा है। इस हमले की भारत ने भी कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का दुनिया से आवाह्वन किया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मिलकर सिडनी हमले पर इजराइल के लिए क्या ऐलान किया है कि जिसने जिहादियों के बीच खलबली मचा दी है। जयशंकर के ऐलान के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इस्लामिक आतंकवाद पर क्या नई घोषणा कर दी है जिसने आतंकियों को बढ़ावा देने वाले देशों में हड़कंप मचा दिया है।
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दरअसल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल पहुंचकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की। ये मीटिंग कई मायनों में अहम है। मुलाकात की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए एस जयशंकर ने लिखा कि यरूशलम में इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दी। टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था, कौशल और प्रतिभा, कनेक्टिविटी और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर उनके विचारों को महत दिया। तो व एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों पर हुए अटैक को लेकर आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारत और इजराइल दोनों ही आतंकवाद को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे। यानी कि साफ है कि सिडनी हमले को लेकर भारत ने साफ कर दिया है कि जो भी इजराइल आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेगा भारत उसके साथ खड़ा है।
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उधर सिडनी हमले को लेकर ट्रंप भी गुस्से में है। जहां उन्होंने हमले के बाद कड़ी चेतावनी देते हुए साफ कर दिया था कि आतंकवादियों के मददगारों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। तो वहीं अब ट्रंप ने भी बहुत बड़ा ऐलान कर मुस्लिम देशों को चौंका दिया है। ट्रंप ने दुनिया भर के देशों से इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। व्हाइट हाउस में यहूदियों के कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि सभी देशों को कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद की बुरी ताकतों के खिलाफ एक साथ खड़े होना चाहिए और हम ऐसा कर रहे हैं। ट्रंप ने इस दौरान यहूदी लोगों को हमेशा समर्थन देने का वादा किया है।
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