गाड़ी में बिठाया और ले पहुंचे म्यूज़ियम, PM मोदी के लिए ड्राइवर बने क्राउन प्रिंस
आज दुनिया बदल चुकी है और इसी बदलती हुई दुनिया में भारत अब सिर्फ सुनने वाला देश नहीं बल्कि दिशा तय करने वाला देश बन चुका है। आज जब भारत के प्रधानमंत्री किसी देश की धरती पर कदम रखते हैं तो वह सिर्फ एक नेता नहीं होते। वह होते हैं 150 करोड़ भारतीयों की ताकत सम्मान और भरोसे का प्रतीक और यही ताकत देखने को मिली है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जॉर्डन दौरे में जहां एक ऐसा दृश्य सामने आया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। दरअसल जॉर्डन के क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्लाह सेकंड खुद गाड़ी चलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जॉर्डन म्यूजियम तक ले गए। जी हां, कोई ड्राइवर नहीं, कोई शाही प्रोटोकॉल नहीं, कोई औपचारिक दिखावा नहीं।
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खुद क्राउन प्रिंस और साथ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। यह सिर्फ एक सफर नहीं था। यह था भारत को दिया गया सम्मान। और जब इस पल का वीडियो सामने आया तो सोशल मीडिया पर धमाल सा मच गया। दुनिया पूछने लगी आखिर ऐसा क्या है भारत में कि एक इस्लामिक देश का क्राउन प्रिंस खुद गाड़ी चलाकर भारतीय प्रधानमंत्री को लेकर जा रहा है? दरअसल क्राउन प्रिंस अल हुसैन पैगंबर मोहम्मद के 42वीं पीढ़ी के प्रत्यक्ष वंशज हैं ऐसे व्यक्ति का खुद पीएम मोदी के साथ बैठकर ड्राइव करना यह दिखाता है कि भारत की सॉफ्ट पावर आज किस ऊंचाई पर पहुंच चुकी है। यह सिर्फ दोस्ती नहीं यह है गहरा भरोसा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जॉर्डन म्यूजियम दौरा उनके व्यस्त कार्यक्रम का अहम हिस्सा था। इस दौरे के दौरान क्राउन प्रिंस अल हुसैन खुद उनके साथ मौजूद रहे। एमएस सचिव डॉ. नीना मल्होत्रा ने पहले ही जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री मोदी क्राउन प्रिंस के साथ जॉर्डन म्यूजियम का दौरा करेंगे।
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लेकिन किसी ने यह सोचा नहीं था कि यह दौरा इतना प्रतीकात्मक और ऐतिहासिक बन जाएगा। बता दें जॉर्डन पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने इंडिया जॉर्डन बिजनेस फोरम को संबोधित किया। इस मंच पर दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपति, व्यवसायिक नेता और नीति निर्माता मौजूद थे। मकसद साफ था आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाई देना। इस दौरे में भारत और जॉर्डन के बीच कई अहम समझौते हुए। न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी में तकनीकी सहयोग, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट पर एमओयू, पेट्रो और एलोरा के बीच ट्विनिंग एग्रीमेंट, सांस्कृतिक आदानप्रदान कार्यक्रम 2025 से 2029 तक डिजिटल गवर्नेंस और जनसंख्या स्तर पर सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने पर सहमति। यह समझौते बताते हैं कि रिश्ता सिर्फ कागजों पर नहीं सीमित है बल्कि जमीन पर उतर चुका है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि जॉर्डन यात्रा के परिणाम भारत जॉर्डन संबंधों को एक नए आयाम तक ले जाएंगे। डिजिटल इनोवेशन से लेकर रिन्यूएबल एनर्जी तक दोनों देशों की साझेदारी और गहरी हो रही है। जॉर्डन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत हुआ।
प्रधानमंत्री को कैद...UN में भारत ने पलट दिया खेल, पाकिस्तान के साथ ये क्या हो गया
यूएन में पाकिस्तान को जो जबरदस्त लतार लगाई गई है उसकी। दरअसल पाकिस्तान को तीन मोर्चे पर भारत ने घेरा है। इमरान से बर्बरता का जिक्र भी किया गया है। सिंधु पर पाक को आईना दिखाया गया है। यूएन में भारतीय राजदूत हरीश पर्वत मेनी ने कहा है कि पाकिस्तान की हालत पर यह भारत का तंज है। पाक में लोकतंत्र का यह अनोखा तरीका अपनाया गया। एक प्रधानमंत्री को जेल में डाल दिया गया। साथ ही कहा कि सत्ता में रही पार्टी को बैन किया गया। सेना प्रमुख के लिए संवैधानिक तख्ता पलट कर दिया गया। सीडीएफ को लाइफटाइम संरक्षण मिला हुआ है तो पाकिस्तान पर यह निशाना साधा गया। पाकिस्तान को साफ जवाब दिया गया।
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जब तक आतंक है तब तक संधि स्थगित रहेगी। साथ ही सीमा पार से आतंक रोके पाकिस्तान। ये कहा गया पाक की हर हिमाकत का भारत जवाब देगा। कि कैसे तीन अलग-अलग मोर्चों पर भारत ने पाकिस्तान को घेरा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कड़े शब्दों में पाकिस्तान के विभाजनकारी एजेंडे की आलोचना करते हुए कहा कि इस्लामाबाद का अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का अनूठा तरीका यह है कि वह एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को जेल में डाल देता है और अपने सेना प्रमुख को आजीवन कानूनी सुरक्षा दे देता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पर्वतनेनी ने सुरक्षा परिषद में शांति के लिए नेतृत्व विषय पर हुई खुली बहस के दौरान पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद द्वारा जम्मू कश्मीर और सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाए जाने के बाद कड़ा जवाब दिया। हरीश ने कहा कि आज की खुली बहस में पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का अनुचित उल्लेख भारत और उसके लोगों को नुकसान पहुंचाने पर केंद्रित है। एक गैर-स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य, जो अपने विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के हर मंच और हर बैठक का दुरुपयोग करता है, उससे अपनी निर्धारित जिम्मेदारियों और दायित्वों को निभाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
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भारत ने पाकिस्तानी दूत के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि जम्मू कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। हरीश ने कहा पाकिस्तान के पास अपने लोगों की इच्छा का सम्मान करने का बेशक एक अनूठा तरीका है - एक प्रधानमंत्री को जेल में डालना, सत्ता में रहे राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना और 27वें संशोधन के जरिए सशस्त्र बलों द्वारा एक संवैधानिक तख्तापलट की राह बनाने की अनुमति देना तथा अपने सेना प्रमुख को आजीवन सुरक्षा देना। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अगस्त 2023 में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं और खबरों के अनुसार उन्हें लंबे समय से एकांत कारावास में रखा गया है।
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पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पारित 27वां संवैधानिक संशोधन रक्षाध्यक्ष और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को किसी भी कानूनी कार्रवाई से आजीवन सुरक्षा देता है। हरीश ने दोहराया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने 65 वर्ष पहले सिंधु जल संधि सद्भावना और मित्रता की भावना से की थी।
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