जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के कथित 'वोट चोरी' अभियान से इंडिया गठबंधन को अलग करते हुए कहा कि इस मुद्दे से गठबंधन का कोई लेना-देना नहीं है। श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इंडिया गठबंधन का इससे कोई संबंध नहीं है। हर राजनीतिक दल को अपना राजनीतिक एजेंडा तय करने की आजादी है। कांग्रेस ने 'वोट चोरी' को अपना मुख्य राजनीतिक मुद्दा बना लिया है... हम अपने मुद्दे खुद चुनेंगे। वहीं दूसरी ओर, भाजपा नेता शशांक मणि ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समझते हैं कि 'वोट चोरी' अभियान किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं बल्कि मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए है।
इस मुद्दे पर बोलते हुए मणि ने कहा कि मुझे लगता है उमर जी समझ रहे हैं कि एसआईआर का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि वास्तविक मतदाता सूची को सामने लाना है। उन्हें यह एहसास है कि यह केवल चुनावी सुधारों का मामला है। इस तरह लोग भारत गठबंधन से अलग होते रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि संशोधन प्रक्रिया केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूचियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली का आयोजन किया, जिससे कथित चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ पार्टी का अभियान और तेज हो गया। पार्टी ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) को लेकर अपना अभियान और तीक्ष्ण कर दिया। कांग्रेस नेता और विपक्ष के विपक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने भाषण के दौरान 'मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक, 2023' में बदलाव करने और कांग्रेस के सत्ता में वापस आने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर संधू और विवेक जोशी के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन नामों को याद रखें: सुखबीर संधू, ज्ञानेश कुमार, विवेक जोशी। चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहा है। नरेंद्र मोदी जी ने इनके लिए कानून बदल दिया है और कहा है कि चुनाव आयुक्त कुछ भी कर सकता है लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। यह मत भूलिए कि आप भारत के चुनाव आयोग हैं, मोदी के नहीं। हम इस कानून को बदलेंगे और आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। क्योंकि हम सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं।
Continue reading on the app
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (एमजीएनआरईजी) अधिनियम, 2005 को निरस्त करना है। विधेयक को सदन में विपक्ष के सदस्यों के विरोध के बावजूद पेश किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ पेश करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना उनका अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संसदीय समिति के पास भेजा जाए। चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं। उनका कहना था कि मोदी सरकार महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस की सरकार ने भी जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला था तो क्या यह पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान था?
चौहान ने कहा कि सरकार ने मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि हम इस विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दे रहे हैं। यह कोई कोरी गारंटी नहीं है, बल्कि 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि महात्मा गांधी ने भी रामराज्य की कल्पना की थी और उनके आखिरी शब्द भी ‘हे राम’ थे। चौहान ने कहा कि इस विधेयक से गांवों का संपूर्ण विकास होगा। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर राम का नाम जुड़ते ही क्या परेशानी हो गई?
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे रोजगार का कानूनी अधिकार कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा में 90 प्रतिशत अनुदान केंद्र से आता था, लेकिन इस विधेयक में ज्यादातर प्रदेशों में अब 60 प्रतिशत अनुदान ही आएगा। इससे प्रदेशों की अर्थव्यवस्था पर बहुत भार पड़ेगा। ये उन प्रदेशों को और प्रभावित करेगा जिनकी अर्थव्यवस्था पहले से ही केंद्र की जीएसटी के बकाया का इंतजार कर रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस विधेयक द्वारा केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जा रही है। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यह विधेयक काम के दिन 100 से बढ़ाकर 125 करने की बात करता है, लेकिन इसमें मज़दूरी बढ़ाने की कोई बात नहीं है।’’
Continue reading on the app