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VB-G RAM G Bill लोकसभा में पेश, विपक्ष के विरोध पर बोले शिवराज- राम का नाम जुड़ते ही क्या परेशानी हो गई?

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (एमजीएनआरईजी) अधिनियम, 2005 को निरस्त करना है। विधेयक को सदन में विपक्ष के सदस्यों के विरोध के बावजूद पेश किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ पेश करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। 
 

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विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना उनका अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संसदीय समिति के पास भेजा जाए। चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं। उनका कहना था कि मोदी सरकार महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस की सरकार ने भी जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला था तो क्या यह पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान था?

चौहान ने कहा कि सरकार ने मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि हम इस विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दे रहे हैं। यह कोई कोरी गारंटी नहीं है, बल्कि 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि महात्मा गांधी ने भी रामराज्य की कल्पना की थी और उनके आखिरी शब्द भी ‘हे राम’ थे। चौहान ने कहा कि इस विधेयक से गांवों का संपूर्ण विकास होगा। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर राम का नाम जुड़ते ही क्या परेशानी हो गई?
 

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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे रोजगार का कानूनी अधिकार कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा में 90 प्रतिशत अनुदान केंद्र से आता था, लेकिन इस विधेयक में ज्यादातर प्रदेशों में अब 60 प्रतिशत अनुदान ही आएगा। इससे प्रदेशों की अर्थव्यवस्था पर बहुत भार पड़ेगा। ये उन प्रदेशों को और प्रभावित करेगा जिनकी अर्थव्यवस्था पहले से ही केंद्र की जीएसटी के बकाया का इंतजार कर रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस विधेयक द्वारा केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जा रही है। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यह विधेयक काम के दिन 100 से बढ़ाकर 125 करने की बात करता है, लेकिन इसमें मज़दूरी बढ़ाने की कोई बात नहीं है।’’ 

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विजय दिवस पर राष्ट्रपति भवन में भारत के वीरों को सम्मान, परमवीर दीर्घा का हुआ लोकार्पण

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया। इस गैलरी में परम वीर चक्र से सम्मानित सभी 21 विजेताओं के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस गैलरी का उद्देश्य आगंतुकों को हमारे उन राष्ट्रीय नायकों के बारे में शिक्षित करना है जिन्होंने हमारे देश की रक्षा में अदम्य संकल्प और अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। यह उन वीर योद्धाओं की स्मृति को सम्मानित करने की भी एक पहल है जिन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी। जिन गलियारों में अब परम वीर दीर्घा स्थापित की गई है, वहां पहले ब्रिटिश सहायक अधिकारियों के चित्र प्रदर्शित किए जाते थे।
 

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भारतीय राष्ट्रीय नायकों के चित्रों को प्रदर्शित करने की यह पहल औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने और भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और शाश्वत परंपराओं को गर्व से अपनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। परम वीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है, जो युद्ध के दौरान असाधारण वीरता, साहस और आत्मबलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। विजय दिवस प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को मनाया जाता है, जो 1971 के युद्ध में भारत की निर्णायक विजय की याद दिलाता है, जिसके फलस्वरूप बांग्लादेश को स्वतंत्रता मिली।

भारतीय सेना ने विजय दिवस के अवसर पर 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और शौर्य को याद किया और सूचना के अतिरिक्त महानिदेशालय द्वारा जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट में बांग्लादेश की मुक्ति की ऐतिहासिक गाथा साझा की। X पर एक पोस्ट में भारतीय सेना ने लिखा कि विजय दिवस केवल एक तारीख नहीं है, यह 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक और निर्णायक विजय का प्रतीक है। उन्होंने इस युद्ध को भारत के सैन्य इतिहास को नया रूप देने वाली विजय बताया और मुक्ति वाहिनी और भारतीय सेना के बीच हुए शक्तिशाली संघर्ष को याद किया, जिसने बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष को स्वतंत्रता की दिशा में आवश्यक गति प्रदान की।
 

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पोस्ट में लिखा था कि यह एक ऐसी जीत थी जिसमें मुक्ति वाहिनी और भारतीय सशस्त्र बलों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी, और साथ मिलकर बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष को स्वतंत्रता की ओर निर्णायक गति प्रदान की... एक ऐसी विजय जिसने भारत के सैन्य इतिहास को नया रूप दिया, दक्षिण एशिया का नक्शा बदल दिया और बांग्लादेश नामक एक नए राष्ट्र को जन्म दिया। 

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  Sports

IPL Auction 2026: नीलामी में अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों का रहा जलवा, ये रहे टॉप 5 सबसे महंगे खिलाड़ी

IPL Auction 2026: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2026 की नीलामी समाप्त हो गई है। नीलामी में 369 खिलाड़ियों के नाम शामिल थे, जिनमें से कुल 77 प्लेयर्स पर बोली लगी। आइए नीलामी के टॉप 5 सबसे महंगे खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं। Tue, 16 Dec 2025 23:49:44 +0530

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