West Asia के दौरे पर निकलने वाले थे मोदी, तभी नेतन्याहू ने अचानक किया फोन, क्या बड़े एक्शन की तैयारी?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बड़ा अहम फोन कॉल आया। यह फोन कॉल किसी और का नहीं बल्कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का था। इस बात की जानकारी खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी कि उन्हें एक फोन कॉल इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के पीएम बेन्यामिन नेतन्याहू के बीच फोन पर हुई बातचीत में पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की प्राथमिकता को दोहराया। इसमें गाजा शांति योजना को समर्थन भी शामिल है। यह बातचीत ऐसे वक्त हुई, जब मोदी जॉर्डन और ओमान जैसे पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा पर जा रहे हैं।
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दोनों ही नेताओं ने इस बात पर बातचीत की है कि किस तरह से भारत और इजराइल की जो स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है उसे मजबूत किया जा सके। इस बातचीत के क्रम में इजराइल और भारत ने आतंकवाद को लेकर भी बातचीत की है और दोनों ही देश के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात पर अपनी रजामंदी जाहिर की है कि आतंकवाद के खिलाफ दोनों ही देश जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए रखेंगे। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इजराइल के पीएम को इस बात का समर्थन भी दिया है कि लगातार उस पूरे क्षेत्र में किस तरह से स्थिरता और शांति बनी रहे। लंबे वक्त तक वहां शांति कायम रहे इसके लिए भारत ने अपना समर्थन जाहिर किया है।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि गाजा पीस प्लान पर काम लगातार होते रहना चाहिए। दोनों ही नेता आगे भी इसी तरीके से संपर्क में बने रहने पर राजी हुए हैं। इस बात पर दोनों ही देशों ने जोर दिया है कि इस दिशा में काम किया जाए जिससे दोनों देशों के जो स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है उसे ना सिर्फ मजबूती मिले बल्कि दोनों ही देशों को इसका फायदा भी मिले। दरअसल हाल के दिनों में खबरें यह आई थी कि जल्द ही इजराइल के पीएम भारत का दौरा कर सकते हैं। लेकिन हाल के घटनाक्रम में यह जानकारी सामने हुई कि यह दौरा रद्द हो गया है।
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पीएम नरेंद्र मोदी से बेंजामिन नेपन्याऊ की फोन कॉल पर बातचीत इस दिशा में इशारा करती है कि आने वाले दिनों में संभावित कोई दौरा हो सकता है। हालांकि इसको लेकर भी अभी दोनों देशों ने कोई ऐलान नहीं किया है। लेकिन जिस तरह से इस वक्त इजराइल लगातार दबाव में है और उसके ऊपर गाज़ा को लेकर कई तरह के आरोप यूरोप द्वारा लगाए जा रहे हैं।
Care Home में दुष्कर्म के आरोप में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक को जेल
केरल के 47 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी को स्कॉटलैंड के एक देखभाल केंद्र में दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के अपराधों में दोषी पाए जाने के बाद सात साल और नौ महीने की कैद की सजा सुनाई गई है।
नैजिल पॉल ने सात साल पहले नॉर्थ लैनार्कशायर स्थित एक देखभाल केंद्र में प्रबंधक के पद पर रहते हुए एक सहकर्मी से दुष्कर्म करने और दो अन्य महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने की बात कबूल की। पॉल पर 2018 में ये आरोप लगे थे और दिसंबर 2019 में मुकदमे की सुनवाई से ठीक पहले वह कोच्चि भाग गया था।
इस साल अक्टूबर में भारत से प्रत्यर्पण के बाद पॉल ने अपना जुर्म कबूल लिया और सोमवार को ग्लासगो उच्च न्यायालय ने उसे सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि पॉल दुष्कर्म पीड़िता पर उसका कहा मानने के लिए दबाव डालता था और ऐसा न करने पर नौकरी से निकालने की धमकी देता था।
अदालत ने कहा कि अप्रैल 2018 में जब 26 वर्षीय पीड़िता बीमारी के बाद छुट्टी से लौटी, तो उसने अपनी एक वरिष्ठ सहकर्मी को बताया कि कर्ज उसके काम पर लौटने का एक महत्वपूर्ण कारण था।
हालांकि, अदालत ने दोष स्वीकार करने के कारण पॉल की सजा आठ साल से कुछ कम कर दी, लेकिन रिहाई के बाद उसे दो साल तक निगरानी में रखा जाएगा और उसका नाम आजीवन यौन अपराधियों की सूची में रहेगा।
पॉल को किसी भी पीड़िता के पास जाने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ‘बीबीसी स्कॉटलैंड’ की खबर के मुताबिक, अदालत को बताया गया कि भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक पॉल पर दिसंबर 2019 में मुकदमा चलाया जाना था, लेकिन वह अपने पिता की बीमारी का बहाना बनाकर कोच्चि भाग गया था। पॉल को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया और जून में दिल्ली से स्कॉटलैंड प्रत्यर्पित किया गया।
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