इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए तेज़ गेंदबाज़ जोफ्रा आर्चर को अपनी टीम में शामिल कर लिया है। यह फैसला उस वक्त आया है, जब आर्चर हाल ही में एशेज सीरीज़ के आखिरी दो टेस्ट नहीं खेल पाए थे। वह साइड स्ट्रेन से उबर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें फरवरी-मार्च में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुना है।
बता दें कि इंग्लैंड ने वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय अस्थायी टीम घोषित की है, जबकि श्रीलंका दौरे के लिए अलग संयोजन रखा गया है। आर्चर को फिलहाल सिर्फ वर्ल्ड कप स्क्वॉड में रखा गया है और वे श्रीलंका के खिलाफ वनडे या टी20 सीरीज़ का हिस्सा नहीं होंगे। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद है कि वह टूर्नामेंट तक पूरी तरह फिट हो जाएंगे।
गौरतलब है कि एशेज सीरीज़ में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड टीम कई बदलावों के दौर से गुजर रही है। विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ को टीम से बाहर कर दिया गया है, वहीं जॉर्डन कॉक्स को भी जगह नहीं मिली है। दूसरी ओर, तेज़ गेंदबाज़ जोश टंग को शानदार टेस्ट प्रदर्शन का इनाम मिला है और उन्हें पहली बार टी20 टीम में शामिल किया गया है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, इंग्लैंड की टीम श्रीलंका में तीन वनडे और तीन टी20 मुकाबले खेलेगी, जिसके बाद वह टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेगी। टीम का पहला मुकाबला 8 फरवरी को मुंबई में नेपाल के खिलाफ होगा। यह टूर्नामेंट कप्तान हैरी ब्रूक और कोच ब्रेंडन मैकुलम के भविष्य के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।
वनडे टीम की बात करें तो इंग्लैंड को 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने की चुनौती भी सामने है, क्योंकि फिलहाल वह रैंकिंग में आठवें स्थान पर है। इसी वजह से श्रीलंका दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
आर्चर के अलावा जो रूट, बेन डकेट, जैक क्रॉली, सैम करन, आदिल राशिद और विल जैक्स जैसे खिलाड़ी भी दोनों फॉर्मेट में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वहीं युवा खिलाड़ियों को भी मौका देकर इंग्लैंड भविष्य की टीम तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
कुल मिलाकर, एशेज की निराशा के बाद इंग्लैंड की नजरें अब सीमित ओवरों की क्रिकेट में वापसी पर टिकी हैं, जहां टीम संतुलन, फिटनेस और संयोजन को परखते हुए नए सफर की शुरुआत करने जा रही है।
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कोलकाता के ईडन गार्डन्स की पिच को लेकर मचे विवाद पर अब आईसीसी की आधिकारिक राय सामने आ गई है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच की पिच को आईसीसी मैच रेफरी और वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान रिची रिचर्डसन ने “संतोषजनक” करार दिया है। यह मुकाबला 14 से 16 नवंबर के बीच खेला गया था और सिर्फ तीन दिन में खत्म हो गया था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका ने 30 रन से जीत दर्ज की थी।
बता दें कि इस मैच में दोनों टीमों के बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए थे। दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली पारी में 159 और दूसरी पारी में 153 रन पर सिमट गई थी, जबकि भारतीय टीम 189 और 93 रन ही बना सकी थी। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत तीसरे दिन ही ढेर हो गया था। इस मैच में एकमात्र अर्धशतक दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने लगाया था, जिन्होंने मुश्किल हालात में 136 गेंदों पर नाबाद 55 रन बनाए थे।
मौजूद जानकारी के अनुसार, पिच पर असमान उछाल और तेज टर्न देखने को मिला, जिससे बल्लेबाजों को काफी परेशानी हुई। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में 27 रन देकर पांच विकेट लिए, वहीं दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी स्पिनर साइमन हार्मर ने मैच में कुल आठ विकेट झटके। मार्को यानसेन और रवींद्र जडेजा ने भी अहम भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि इस सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट गुवाहाटी में खेला गया, जहां की पिच को आईसीसी ने ‘बहुत अच्छी’ रेटिंग दी। उस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 408 रनों से हराकर 2-0 से सीरीज अपने नाम की, जो भारत में उसकी 25 साल बाद पहली टेस्ट सीरीज जीत रही।
दिलचस्प बात यह भी रही कि इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट की पिच को आईसीसी ने ‘असंतोषजनक’ करार देते हुए एक डिमेरिट पॉइंट दिया।
भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ईडन गार्डन्स की पिच का बचाव करते हुए कहा कि विकेट में कोई ‘दोष’ नहीं था और यह तकनीक व मानसिक मजबूती की परीक्षा थी। वहीं, बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने इससे अलग राय रखते हुए कहा कि पिच उम्मीद से ज्यादा सूखी और टूटती हुई थी, जिससे जल्दी टर्न मिलने लगा।
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