रिश्तों में तल्खी के बीच बांग्लादेश जाएंगे जयशंकर, पूर्व PM खालिदा जिया के जनाजे में होंगे शामिल
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बुधवार को बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। बयान में कहा गया है, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में भारत सरकार और जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे 31 दिसंबर 2025 को ढाका का दौरा करेंगे।
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बेगम खालिदा जिया का आज सुबह ढाका के एवरकेयर अस्पताल में इलाज के दौरान 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फेसबुक पर बीएनपी के एक बयान के अनुसार, जिया का निधन फज्र की नमाज के तुरंत बाद सुबह लगभग 6 बजे (स्थानीय समय) हुआ। बीएनपी के बयान में कहा गया है, खालिदा जिया का निधन फज्र की नमाज के ठीक बाद सुबह लगभग 6 बजे हुआ। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और सभी से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं।
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27 नवंबर को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया। जिया के इलाज की देखरेख कर रहे चिकित्सा बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर हुसैन ने उनकी हालत को बेहद नाजुक बताया था। जिया कई जटिल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थीं, जिनमें यकृत व गुर्दे की समस्याएं, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, गठिया और संक्रमण संबंधी समस्याएं शामिल थीं।
अचानक भारत ने दागी ऐसी खतरनाक मिसाइल, कांप उठा पाकिस्तान-बांग्लादेश
भारत ने एक ऐसा एक्शन लिया है जिसने एक साथ कई देशों को परेशान कर दिया है। भारत के इस नए एक्शन से एक साथ कई दुश्मन देश बर्बाद होने वाले हैं। भारत के इस नए कदम से पाकिस्तान और बांग्लादेश तो कांप उठे हैं। कोई भी पैतरा और कोई भी चालाकी अब नहीं चलने वाली क्योंकि भारत के इस नए कदम ने सब कुछ ध्वस्त कर डाला है। भारत ने पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश की मुश्किलें बढ़ाते हुए ओसा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट एलआरजीआर 120 का पहला सफल परीक्षण कर लिया है। भारतीय सेना और डीआरडीओ के द्वारा किए गए सफल परीक्षण के बाद पिनाका र रॉकेट और भी ज्यादा घातक हो गया है। आपको बता दें कि चीन और पाकिस्तान लगातार भारत की सुरक्षा के लिए दिक्कतें खड़ी करते रहते हैं। लेकिन पिनाका रॉकेट के इस नए वर्जन से दुश्मन चकनाचूर होने वाले हैं। भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर भारत के देसी पिनाका का नाम रखा गया। एक ऐसा मिसाइल सिस्टम जो पलक झपकते दुश्मन को खाक कर देगा। 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागेगा जिसके बाद सिर्फ धुंआ ही धुंआ नजर आएगा।
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डीआरडीओ के द्वारा किए गए सफल परीक्षण के बाद पीनाकार रॉकेट और भी ज्यादा घातक हो गया है। आपको बता दें कि चीन और पाकिस्तान लगातार भारत की सुरक्षा के लिए दिक्कतें खड़ी करते रहते हैं। लेकिन पिनाका रॉकेट के इस नए वर्जन से दुश्मन चकनाचूर होने वाले हैं। सिस्टम लगे हुए हैं। एक साथ तेज गति से 12 रॉकेट एक लांचर ट्रक से दागे जाते हैं। यह चलता फिरता हथियार है जो दुश्मन के लिए पकड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। और खास बात देखिए कि यह डीआरडीओ ने पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्माण किया है और इसके पांच वेरिएंट हैं। सबसे एडवांस एलआरजीआर 120 ने अब सफल टेस्टिंग भी पार कर ली है।
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रॉकेट को सेना में पहले से इस्तेमाल किया जा चुका है। वहीं बता दें कि यह साबित हुआ है कि एक ही लांचर से विभिन्न रेंज के पीनाकार रॉकेट दागे जा सकते हैं। 2021 के बाद चीन की ओर से 300 कि.मी. रेंज वाले रॉकेट सिस्टम तैनात किए जाने के बाद भारतीय सेना ने डीआरडीओ से 120 और 300 किमी रेंज वाले पीनाका रॉकेट विकसित करने का अनुरोध किया था। पीनाका की लंबी दूरी और सटीक मारक क्षमता भारत को चीन और पाकिस्तान सीमा पर रणनीतिक बढ़त भी देती है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेटों का विकास सशक्त बलों की क्षमताओं को मजबूत करेगा।
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रक्षा अनुसाधन एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ चेयरमैन समीर वी कामत ने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए टीम की सराहना भी की। वहीं आपको याद दिला दें कि पीनाका रॉकेट सिस्टम ने 1999 में कारगिल युद्ध के वक्त पाकिस्तान के परखच्चे उड़ाए थे। खास बात यह है कि 120 कि.मी. रेंज वाले इस रॉकेट का पहला टेस्ट उसी दिन हुआ है जब रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रह परिषद यानी कि डीएसी ने इसे भारतीय सेना में शामिल करने की मंजूरी दी।
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