हल्की ठंड और घने कोहरे के बीच राजधानी दिल्ली में हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसी को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को सभी एयरलाइंस को सख्त निर्देश दिए कि यात्रियों की सुविधा से जुड़े नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए। मंत्रालय ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति जरूर जांच लें और अतिरिक्त समय लेकर निकलें।
बता दें कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने कोहरे और कम दृश्यता के चलते उड़ानों पर असर पड़ा है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी स्थिति में यात्रियों को समय पर जानकारी देना, देरी होने पर भोजन की व्यवस्था करना, उड़ान रद्द होने पर रिफंड या रीबुकिंग देना और समय पर चेक-इन करने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित न करना एयरलाइंस की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही शिकायतों के त्वरित निपटारे पर भी जोर दिया गया है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगलवार को कुल 118 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि 16 उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों की ओर मोड़ा गया। इनमें 60 आगमन और 58 प्रस्थान उड़ानें शामिल हैं। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने बताया कि फिलहाल परिचालन सामान्य है, लेकिन जो विमान CAT-III मानकों के अनुरूप नहीं हैं, वे अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
गौरतलब है कि CAT-III प्रणाली के तहत विमान बेहद कम दृश्यता में भी सुरक्षित रूप से लैंड और टेक-ऑफ कर सकते हैं। सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी बताया था कि यात्रियों की सहायता के लिए प्रभावित हवाई अड्डों पर विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
एयर इंडिया ने भी स्थिति को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। एयरलाइन ने कहा कि वह हालात पर नजर बनाए हुए है और देरी या रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए ग्राउंड स्टाफ तैनात है। साथ ही ‘फॉगकेयर’ पहल के तहत प्रभावित यात्रियों को पहले से सूचना देकर बिना अतिरिक्त शुल्क के रीशेड्यूल या रिफंड की सुविधा दी जा रही है।
इस बीच दिल्ली में घना कोहरा छाया रहा। मंगलवार सुबह न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 388 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। 16 निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए तेज़ गेंदबाज़ जोफ्रा आर्चर को अपनी टीम में शामिल कर लिया है। यह फैसला उस वक्त आया है, जब आर्चर हाल ही में एशेज सीरीज़ के आखिरी दो टेस्ट नहीं खेल पाए थे। वह साइड स्ट्रेन से उबर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें फरवरी-मार्च में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए चुना है।
बता दें कि इंग्लैंड ने वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय अस्थायी टीम घोषित की है, जबकि श्रीलंका दौरे के लिए अलग संयोजन रखा गया है। आर्चर को फिलहाल सिर्फ वर्ल्ड कप स्क्वॉड में रखा गया है और वे श्रीलंका के खिलाफ वनडे या टी20 सीरीज़ का हिस्सा नहीं होंगे। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद है कि वह टूर्नामेंट तक पूरी तरह फिट हो जाएंगे।
गौरतलब है कि एशेज सीरीज़ में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड टीम कई बदलावों के दौर से गुजर रही है। विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ को टीम से बाहर कर दिया गया है, वहीं जॉर्डन कॉक्स को भी जगह नहीं मिली है। दूसरी ओर, तेज़ गेंदबाज़ जोश टंग को शानदार टेस्ट प्रदर्शन का इनाम मिला है और उन्हें पहली बार टी20 टीम में शामिल किया गया है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, इंग्लैंड की टीम श्रीलंका में तीन वनडे और तीन टी20 मुकाबले खेलेगी, जिसके बाद वह टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेगी। टीम का पहला मुकाबला 8 फरवरी को मुंबई में नेपाल के खिलाफ होगा। यह टूर्नामेंट कप्तान हैरी ब्रूक और कोच ब्रेंडन मैकुलम के भविष्य के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।
वनडे टीम की बात करें तो इंग्लैंड को 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने की चुनौती भी सामने है, क्योंकि फिलहाल वह रैंकिंग में आठवें स्थान पर है। इसी वजह से श्रीलंका दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
आर्चर के अलावा जो रूट, बेन डकेट, जैक क्रॉली, सैम करन, आदिल राशिद और विल जैक्स जैसे खिलाड़ी भी दोनों फॉर्मेट में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वहीं युवा खिलाड़ियों को भी मौका देकर इंग्लैंड भविष्य की टीम तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
कुल मिलाकर, एशेज की निराशा के बाद इंग्लैंड की नजरें अब सीमित ओवरों की क्रिकेट में वापसी पर टिकी हैं, जहां टीम संतुलन, फिटनेस और संयोजन को परखते हुए नए सफर की शुरुआत करने जा रही है।
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