बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने मंगलवार (30 दिसंबर, 2025) को यह जानकारी दी। डॉक्टरों के अनुसार, 80 वर्षीय खालिदा जिया लिवर सिरोसिस, गठिया, मधुमेह, सीने और हृदय संबंधी गंभीर समस्याओं से ग्रसित थीं।
दक्षिण एशियाई देश में दशकों से चल रहे सत्ता संघर्षों में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व रहीं खालिदा जिया ने अगले साल चुनाव लड़ने का वादा किया था। ये चुनाव उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी को सत्ता से हटाने वाले जन विद्रोह के बाद पहले चुनाव होंगे।
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बांग्लादेश की निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को देश के राजनीतिक जीवन के लिए एक बड़ी क्षति बताया। बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और सबसे प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों में से एक, 80 वर्षीय खालिदा जिया का आज सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बीएनपी ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की घोषणा करते हुए बताया कि फज्र की नमाज के कुछ ही समय बाद, सुबह करीब 6 बजे उनका निधन हुआ। अवामी लीग ने अपने एक्स अकाउंट पर हसीना का शोक संदेश साझा किया। बयान में कहा गया "मैं बीएनपी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।
जिया के बड़े बेटे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारीक रहमान ने कहा कि मेरी मां अब हमारे बीच नहीं रहीं। जिया बीएनपी की अध्यक्ष थीं। जिया के निजी चिकित्सक डॉ. एजेडएम जाहिद हुसैन ने बताया कि ढाका के ‘एवरकेयर’ अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।जिया तीन बार प्रधानमंत्री और बीएनपी की अध्यक्ष भी रह चुकी थीं।
बीएनपी अधिकारियों ने बताया कि जिया के जनाजे की नमाज बुधवार को संसद परिसर के सामने ढाका मानिक मियां एवेन्यू में होने की उम्मीद है। जिया के परिवार के सदस्य अस्पताल में मौजूद थे, जिनमें उनके बड़े बेटे तारीक रहमान, उनकी पत्नी जुबैदा रहमान और उनकी बेटी जैमा शामिल हैं। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर भी अस्पताल में थे।जिया को 23 नवंबर को नियमित जांच के लिए एवरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों ने उनके सीने में संक्रमण का निदान किया और उन्हें निगरानी में रखने का फैसला किया।
सूत्रों ने बताया कि 27 नवंबर को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल के कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया। जिया के इलाज की देखरेख कर रहे चिकित्सा बोर्ड के सदस्य प्रोफेसर हुसैन ने मंगलवार तड़के उनकी हालत को बेहद नाजुक बताया था। जिया कई जटिल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थीं, जिनमें यकृत व गुर्दे की समस्याएं, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, गठिया और संक्रमण संबंधी समस्याएं शामिल थीं। उनकी हालत बिगड़ने पर रहमान, परिवार के अन्य सदस्यों के साथ देर रात दो बजे के बाद अस्पताल पहुंचे। जिया का चार दशकों से अधिक का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा, जिसमें एक प्रमुख पार्टी का नेतृत्व करने और देश पर शासन करने से लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने तथा बाद में राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान दिए जाने तक शामिल है।
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