पंजाबी संगीत के उस्ताद आखिरी सांस तक गुनगुनाते रहे:बॉलीवुड सिंगर के पिता ने निधन से 2 दिन पहले गाया- न जी भरके जीना, ये क्या जिंदगी है
बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता उस्ताद पूरण शाहकोटी निधन से 2 दिन पहले तक भी संगीत सिखा रहे थे। जालंधर के रहने वाले शाहकोटी के दूसरे बेटे पेजी शाहकोटी ने इसका वीडियो शेयर किया है। उस्ताद शाहकोटी अपने बेटे पेजी को ही संगीत की तालीम दे रहे थे। इस वीडियो में उनके बोल- न जी भरके जीना, ये क्या जिंदगी है, न मरना, न जीना, न तौबा ही करना, ये क्या जिंदगी है। हंसराज हंस, जसबीर जस्सी जैसे मशहूर पंजाबी सिंगरों को म्यूजिक सिखाने वाले उस्ताद शाहकोटी का 70 साल की उम्र में 22 दिसंबर को निधन हुआ था। उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक उनकी पार्थिव देह को श्मशान न ले जाकर घर के पास ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। उनके सिंगर बेटों मास्टर सलीम और पेजी शाहकोटी ने बताया कि उस्ताद शाहकोटी की अंतिम अरदास 30 दिसंबर को जालंधर के माडल टाउन स्थित श्री गुरुद्वारा सिंह सभा में होगी। उस्ताद शाहकोटी की यह आखिरी संगीत की आवाज शाहकोटी के बेटे पेजी ने बताया कि यह उनके पिता के मुंह से निकली आखिरी संगीत की आवाज थी। इसके बाद उन्होंने कुछ नहीं गाया और हमेशा के लिए विदा हो गए। पेजी ने बताया कि इस वीडियो में वह मुझे ही गीत का रियाज करा रहे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि शाहकोटी बेहद वृद्ध अवस्था में पहुंच गए थे। उनकी आवाज भी स्पष्ट नहीं थी लेकिन संगीत को लेकर उनका प्रेम अंतिम पल तक रहा। वह सुरों की ऊंच-नीच और गायकी की हरकतें लगाकर बेटे को संगीत की बारीकियां सिखा रहे थे। अंतिम विदाई में फूट-फूटकर रोए थे मास्टर सलीम उस्ताद पूरण शाहकोटी को 23 दिसंबर को जालंधर में सुपुर्द ए खाक किया गया था। इस दौरान उनके बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम बेटे फूट-फूटकर रोते हुए नजर आए थे। पिता को जब सुपुर्द ए खाक किया जाने लगा तो उन्होंने अंतिम रस्मों की वीडियोग्राफी से भी इनकार कर दिया था। मास्टर सलीम ने कहा था कि उनके निधन से सुरों की एक सदी खामोश हो गई। पंजाबी कलाकारों पर भारी पड़ा साल 2025 साल 2025 में कई बड़े दिग्गज पंजाबी कलाकारों का निधन हुआ। इनमें सिंगर राजवीर जवंदा की पंचकूला में रोड एक्सीडेंट में बाइक पर जाते वक्त एक्सीडेंट में मौत हो गई। कॉमेडियन जसविंदर भल्ला की भी ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई थी। उसके बाद मशहूर संगीतकार चरणजीत आहूजा का कैंसर की बीमारी की वजह से निधन हो गया। सिंगर हरमन सिद्धू का मानसा में कार का एक्सीडेंट हो गया। वहीं सिंगर गुरमीत मान हार्ट की प्रॉब्लम की वजह से दुनिया छोड़ गए। इस लिस्ट में अब उस्ताद पूरण शाहकोटी का भी नाम जुड़ गया है। *************** ये खबर भी पढ़ें... पिता की अंतिम विदाई पर फूट-फूटकर रोए बॉलीवुड सिंगर: मास्टर सलीम ने उनकी आखिरी इच्छा पूरी की; पार्थिव देह श्मशान नहीं ले गए मशहूर बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता उस्ताद पूरण शाहकोटी को जालंधर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उस्ताद शाहकोटी को उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक देओल नगर में उनके घर के पास ही अंतिम विदाई दी गई (पढ़ें पूरी खबर)
अंडर-19 वर्ल्डकप में चुने हरियाणवी कनिष्क की कहानी:परिवार झज्जर से सिरसा शिफ्ट, डेरे में प्रैक्टिस की; मां बोलीं- 11 दिन में दोहरी खुशी
अंडर-19 वर्ल्डकप के लिए चयनित टीम में हरियाणवी कनिष्क चौहान भी हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की। कनिष्क के चयन से जहां उनके झज्जर स्थित पैतृक गांव कुलाना में जश्न का माहौल रहा, वहीं सिरसा में डेरा सच्चा सौदा में भी खुशी मनाई गई। कनिष्क डेरा द्वारा संचालित शाह जी सतनाम बॉयज कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। वह सालों से डेरे के स्टेडियम में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। पहले उसका परिवार भी सिरसा में शिफ्ट हो गया था। बाद में झज्जर लौट गया। अब कनिष्क ही सिरसा में रहते हैं। बेटे के वर्ल्डकप टीम में चयन से मां सरिता चौहान की खुशी का ठिकाना नहीं। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में बोलीं- पूरे गांव में आतिशबाजी हुई। हम ही नहीं पूरा गांव खुश है। पूरी उम्मीद है कि बेटा मैदान में ऐसी ही आतिशी प्रदर्शन करेगा। 16 दिसंबर को अबू धाबी में हुई IPL-2026 की मिनी ऑक्शन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 30 लाख रुपए के बेस प्राइस पर खरीदा। कनिष्क दाएं हाथ के बल्लेबाज व ऑफ-ब्रेक स्पिन गेंदबाज हैं। सिलसिलेवार पढ़ें…कनिष्क के यहां तक पहुंचने की कहानी मां को क्रिकेट का शौक, खुद खिलाड़ी बनना चाहती थीं कनिष्क की मां सरिता चौहान बताती हैं- मुझे खुद क्रिकेट का बहुत शौक था। कभी खुद के मन में भी इच्छा थी कि क्रिकेटर बनूं। मायका गाजियाबाद में है। इसलिए, कनिष्क जब 4 साल का था, तभी उसे गाजियाबाद में एकेडमी जॉइन कराई। अब तो पूरा परिवार क्रिकेट देखता है। कनिष्क को क्रिकेटर बनाना मेरी इच्छा रही है। मां बोलीं- वर्ल्ड कप में भी धुम्मे ठावेगा कनिष्क की मां सरिता चौहान ने कहा कि पूरा परिवार कनिष्क के वर्ल्ड कप में चयन से बेहद खुश है और गांव में भी खुशी का माहौल है। कनिष्क दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद वर्ल्ड कप के लिए जिम्बाब्वे वर्ल्ड कप के लिए जाएगा। कनिष्क ने एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन किया और आज वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्शन भी हो गया। उम्मीद है कि वर्ल्ड कप भी धुम्मे ठावेगा।
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