पिछले 2 साल से इजराइल और हमास के बीच जंग चल रही है जिसमें 70 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। लेकिन इस जंग के बीच वेस्ट बैंक के इलाके से एक हैरान कर देने वाला फुटेज सामने आया है। इजरायली सैनिक जो कि एक रिजर्व सैनिक है, उसने फिलिस्तीनी शख्स पर उस वक्त गाड़ी चढ़ा दी जब वह नमाज पढ़ रहा था। इससे पहले इस शख्स ने गोलियां बरसाई थी। इजरायली मीडिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि फुटेज में एक शस्त्रधारी व्यक्ति फिलिस्तीनी शख्स पर गाड़ी दौड़ा रहा है। जिसमें यह भी कहा गया है कि वह व्यक्ति आरक्षित श्रेणी यानी कि रिजर्व सैनिक था और उसकी सैन्य सेवाएं खत्म कर दी गई थी।
बयान में आगे कहा गया है कि आरक्षित सैनिक ने अपने अधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया। इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उसका हथियार छीन लिया गया है। इसके अलावा अब उसे घर में ही नजरबंद रखा गया है। इसरली पुलिस ने रॉयटर्स को तुरंत जवाब नहीं दिया। वाहन से हमले के बाद फिलिस्तीनी शख्स को अस्पताल ले जाया गया। गनीमत रही कि वह इस हमले के दौरान बच गया। यहां पर जांच के बाद उसे घर भेज दिया गया है। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें नजर आ रहा है कि एक शख्स सड़क पर नमाज पढ़ रहा है। तभी सिविलियन कपड़ों में एक व्यक्ति ऑफ रोड वाहन पर सवार होकर आता है। उसके कंधे पर बंदूक टंगी हुई है।
वो वाहन को नमाज कर रहे व्यक्ति के ऊपर चढ़ा देता है। आपको बता दें कि वेस्ट बैंक में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार इस साल वेस्ट बैंक में इसराइली नागरिकों द्वारा फिलिस्तीनियों पर किए गए हमलों के मामलों में अब तक का सबसे हिंसक साल रहा। इसमें 750 से ज्यादा लोग घायल हुए। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 7 अक्टूबर 2023 से 17 अक्टूबर 2025 के बीच पश्चिमी किनारे में 1000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए।
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न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने शनिवार को भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का स्वागत किया, जबकि कुछ ही दिन पहले उनके देश के विदेश मंत्री ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। लक्सन ने इस समझौते को अपनी सरकार के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि और भविष्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। लक्सन ने कहा कि हमने कहा था कि हम अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करवाएंगे, और हमने अपना वादा पूरा किया है। इसके आर्थिक महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस समझौते से 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं के लिए द्वार खुलने से अधिक नौकरियां, उच्च आय और अधिक निर्यात होंगे।
न्यूजीलैंड के नेता ने कहा कि यह समझौता उनकी सरकार के व्यापक एजेंडे का हिस्सा है और उन्होंने कहा बुनियादी चीजों को ठीक करना, भविष्य का निर्माण करना। हालांकि, हाल ही में हुए इस समझौते ने न्यूजीलैंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर मतभेदों को उजागर कर दिया, क्योंकि विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने इस समझौते की आलोचना करते हुए इसे न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष बताया। न्यूजीलैंड फर्स्ट (एनजेडएफ) पार्टी के नेता पीटर्स ने आगे कहा कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को अपनी पार्टी की चिंताओं से अवगत कराया था और यह भी कहा कि समझौते का विरोध करने के बावजूद वे उनके प्रति अत्यंत सम्मान रखते हैं।
मोदी-लक्सन वार्ता के बाद समझौते की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लक्सन के बीच हुई वार्ता के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की घोषणा की गई। दोनों नेताओं ने कहा कि इस समझौते से अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो सकता है और भारत में अगले 15 वर्षों में 20 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है। समझौते के लिए बातचीत मार्च में शुरू हुई थी। घोषणा के समय, मोदी और लक्सन ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की साझा महत्वाकांक्षा और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री ने किया विरोध
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने हाल ही में हुए भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इसे 'न तो फ्री और न ही फेयर' बताया है और चेतावनी दी है कि यह 'न्यूजीलैंड के लिए एक खराब डील' है, जो लेती बहुत ज्यादा है और बदले में बहुत कम देती है। न्यूजीलैंड फर्स्ट 'अफसोस के साथ' इस एग्रीमेंट के खिलाफ है। यह इमिग्रेशन और इन्वेस्टमेंट पर 'गंभीर रियायतें' देता है, जबकि न्यूजीलैंड के मुख्य एक्सपोर्ट सेक्टर, खासकर डेयरी के लिए सार्थक फायदे हासिल करने में नाकाम रहता है।
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