एशेज सीरीज़ पहले ही ऑस्ट्रेलिया के नाम हो चुकी है, लेकिन मेलबर्न में होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट को लेकर मेज़बान टीम कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। कप्तान स्टीव स्मिथ ने संकेत दिए हैं कि ऑस्ट्रेलिया इस मुकाबले में चार तेज़ गेंदबाज़ों के साथ उतरेगा और किसी स्पिनर को अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया जाएगा।
बता दें कि एडिलेड टेस्ट के दौरान चोटिल हुए नाथन लियोन इस मुकाबले से बाहर हैं, जिसके बाद टॉड मर्फी को स्क्वॉड में शामिल किया गया था। हालांकि, पिच की स्थिति को देखते हुए टीम प्रबंधन ने तेज़ गेंदबाज़ों पर भरोसा जताया है। स्मिथ ने बताया कि मेलबर्न की पिच पर करीब 10 मिमी घास है और मौसम भी ठंडा व बादलों भरा रहने की संभावना है, जिससे सीम गेंदबाज़ों को मदद मिलने की उम्मीद है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, अंतिम एकादश पर फैसला क्रिसमस की सुबह अंतिम अभ्यास सत्र के बाद लिया जाएगा। स्मिथ ने साफ किया कि स्पिनर को बाहर रखने का फैसला टॉड मर्फी की काबिलियत से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरी तरह पिच और परिस्थितियों पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि अगर नाथन लियोन फिट भी होते, तब भी शायद यही संयोजन चुना जाता। उनके मुताबिक, मौजूदा हालात तेज़ गेंदबाज़ों के अनुकूल हैं और टीम उसी हिसाब से उतरना चाहती है।
गौरतलब है कि स्टीव स्मिथ इस टेस्ट में वापसी कर रहे हैं। वह एडिलेड टेस्ट से पहले अंदरूनी कान की समस्या के चलते बाहर हो गए थे। उनकी गैरमौजूदगी में उस्मान ख्वाजा को नंबर चार पर बल्लेबाज़ी का मौका मिला था और उन्होंने 82 और 40 रनों की अहम पारियां खेलकर टीम में अपनी जगह बरकरार रखी है।
स्मिथ ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्हें काफी परेशानी थी और वह मैच खेलने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन अब वह पूरी तरह फिट महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ख्वाजा ने मुश्किल समय में टीम के लिए शानदार योगदान दिया।
वहीं, तेज़ गेंदबाज़ स्कॉट बोलैंड ने विकेटकीपर एलेक्स केरी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी वजह से गेंदबाज़ों को अतिरिक्त आत्मविश्वास मिलता है। केरी ने हाल के मैचों में स्टंप्स के पास खड़े होकर शानदार कैच पकड़े हैं, जिससे बल्लेबाज़ों पर दबाव बना है।
बोलैंड के अनुसार, गेंदबाज़ और विकेटकीपर के बीच तालमेल बेहद अहम होता है और केरी की समझदारी से गेंदबाज़ों को अपनी लाइन-लेंथ पर भरोसा मिलता है।
ऑस्ट्रेलिया की संभावित टीम में ट्रैविस हेड, जेक वेदराल्ड, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, उस्मान ख्वाजा, एलेक्स केरी, कैमरन ग्रीन, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड, ब्रेंडन डोगेट, माइकल नेसर और झाय रिचर्डसन शामिल हैं।
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बुधवार को विजय हजारे ट्रॉफी के प्लेट लीग मुकाबले में बिहार की ओर से खेलते हुए 14 साल के वैभव ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ महज़ 36 गेंदों में शतक जड़ दिया। यह भारतीय लिस्ट-ए क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज़ शतक है। उनसे तेज़ शतक सिर्फ अनमोलप्रीत सिंह ने लगाया था, जिन्होंने पिछले सीजन 35 गेंदों में यह कारनामा किया था।
मौजूद जानकारी के अनुसार, वैभव यहीं नहीं रुके और उन्होंने 54 गेंदों में 150 रन पूरे किए। अंततः वह 84 गेंदों पर 190 रन बनाकर आउट हुए। उनकी इस विस्फोटक पारी की बदौलत बिहार ने 50 ओवरों में 6 विकेट पर 574 रन बनाए और जवाब में अरुणाचल प्रदेश की पूरी टीम 177 रन पर सिमट गई। इस तरह मुकाबला 397 रन के बड़े अंतर से समाप्त हुआ।
गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक पारी के बाद कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि आखिरी बार 14 साल की उम्र में ऐसा अद्भुत टैलेंट सचिन तेंदुलकर में देखा गया था और अब वैभव सूर्यवंशी उसी राह पर नजर आ रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब वैभव ने सुर्खियां बटोरी हों। इससे पहले उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ 61 गेंदों पर नाबाद 108 रन बनाए थे और टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ बने थे।
इतना ही नहीं, अंडर-19 एशिया कप में उन्होंने यूएई के खिलाफ 95 गेंदों में 171 रन की पारी खेली थी, जो भारतीय खिलाड़ी द्वारा टूर्नामेंट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। वहीं, राइजिंग स्टार्स एशिया कप में उन्होंने भारत ‘ए’ के लिए 42 गेंदों में 144 रन ठोककर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।
क्रिकेट जानकारों का मानना है कि यदि सही मार्गदर्शन और संयम मिला, तो वैभव सूर्यवंशी आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बन सकते हैं। फिलहाल उनकी बल्लेबाज़ी ने यह साफ कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट को एक और असाधारण प्रतिभा मिल चुकी है।
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