तेलंगाना के नालगोंडा जिले के एक युवा भारतीय छात्र की अमेरिका में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है, जिससे देश-विदेश में शोक और दुख का माहौल है। खबरों के अनुसार, मृतक की पहचान पवन कुमार रेड्डी के रूप में हुई है, जो मेलडुप्पलापल्ली गांव के निवासी थे। बताया जाता है कि दोस्तों के साथ खाना खाते समय उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उनके दोस्त उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
ऑनलाइन फूड पॉइज़निंग के दावे वायरल हो रहे हैं
सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रही हैं जिनमें दावा किया गया है कि रेड्डी की मौत फूड पॉइज़निंग से हुई है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इन दावों की पुष्टि नहीं की है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में दिल का दौरा पड़ने का संदेह था, लेकिन अधिकारियों ने मौत के कारण के बारे में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।
अधिकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे
अमेरिका में पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। स्थानीय पुलिस विभाग घटना से पहले की घटनाओं की जांच कर रहा है और डिनर में मौजूद लोगों से पूछताछ कर रहा है।
तेलंगाना में परिवार सदमे में
रेड्डी अमेरिका में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे और साथ ही अपनी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए अंशकालिक नौकरी भी कर रहे थे। उनकी अचानक मृत्यु की खबर से उनका परिवार और मेलडुप्पलापल्ली गांव सदमे में हैं, जो अब स्थिति स्पष्ट होने और उनके पार्थिव शरीर के लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर विदेशों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से जुड़े दुखद मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
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विजय माल्या के खिलाफ चल रहे कई मामलों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी से हलफनामे के जरिए यह बताने को कहा कि वह भारत कब लौटने का इरादा रखते हैं, कोर्ट भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर सुनवाई करे। माल्या ने दो याचिकाएं दायर की थीं - एक में उन्हें एफईओ घोषित करने वाले आदेश को चुनौती दी गई थी और दूसरी में एफईओ अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया था। बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड़ की की खंडपीठ ने कहा कि हम यह बात बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि ये दोनों याचिकाएं एक साथ नहीं चलेंगी। आपको इनमें से कोई एक याचिका वापस लेनी होगी। साथ ही, आपको यह भी बताना होगा कि आप भारत कब लौटेंगे, तभी हम एफईओ अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेंगे।
माल्या की ओर से पेश सीनियर ऐडवोकेट अमित देसाई ने हलफनामा दायर करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कानून के तहत भारत में मौजूद न रहते हुए भी उनका मुवक्किल यहां आए बिना कानून की वैधता को चुनौती दे सकता है। इस पर बेंच ने कहा कि आप (माल्या) अपने खिलाफ आदेश को भारत आए बिना चुनौती दे सकते है, लेकिन कानून की वैधता को नहीं। कोर्ट ने यह भी कहा कि माल्या को कोर्ट में दायर दो याचिकाओं में से एक को वापस लेना होगा। दोनो याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई नहीं हो सकती है।
इस बीच देसाई ने दलील दी कि ईडी ने माल्या की करीब 14 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है, जबकि देनदारी 6,000 करोड़ रुपये की है। ऐसे में सरकार से उनके खिलाफ सभी मामले बंद करने का आग्रह किया जा रहा है और इस मुद्दे पर वित्त मंत्री का बयान भी आ चुका है। इस पर बेंच ने कहा कि भारत लौट आइए, हम आपको समाधान देने के लिए यहां है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बेंच को बताया कि माल्या के खिलाफ अलग से प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई है, जो अंतिम पड़ाव पर है।
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