‘मृतक वोटर’ सबसे ज्यादा जबलपुर में...भोपाल-इंदौर में ज्यादा नाम कटे:8.65 लाख वोटर्स को जारी होंगे नोटिस, बुरहानपुर में एक ही वोटर के कई जगह नाम
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के ड्राफ्ट प्रकाशन के साथ ही मध्य प्रदेश की मतदाता सूची से जुड़ी पूरी तस्वीर साफ हो गई है। ड्राफ्ट के मुताबिक मृत मतदाताओं की संख्या के मामले में जबलपुर सबसे आगे है। यहां 51 हजार 357 वोटर्स के नाम लिस्ट में थे, जिनकी मौत हो चुकी है। जबकि एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होने यानी मल्टीपल एंट्री में बुरहानपुर ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है। 23 हजार 594 वोटर्स के नाम एक से अधिक जगह पर दर्ज हैं। वहीं इंदौर और भोपाल में सबसे अधिक मतदाताओं के नाम कटे हैं और वोटर शिफ्टिंग के मामलों में भोपाल प्रदेश में अव्वल रहा। एसआईआर के प्रारंभिक चरण में राज्य में कमजोर या धीमे नेटवर्क वाले क्षेत्रों की पहचान की गई। ऐसे क्षेत्रों के बीएलओ को मजबूत नेटवर्क वाले स्थानों पर जमा होकर गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन की सुविधा प्रदान की गई, जिससे काम समय पर पूरा किया जा सके। चुनाव आयोग के मुताबिक, ड्राफ्ट में प्रदेश के 42.74 लाख वोटर्स बाहर हो गए हैं। प्रदेश में 8 लाख 65 हजार 832 ऐसे मतदाता हैं, जिनसे आयोग संपर्क नहीं कर पाया। इनका डेटा 2003 की एसआईआर सूची से मिलान नहीं हुआ। आज बुधवार से प्रदेश के 8.65 लाख से अधिक मतदाताओं को नोटिस जारी होंगे। उन्हें चुनाव आयोग के तय 11 दस्तावेजों को बीएलओ के समक्ष पेश करना होगा। इसके आधार पर उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ सकेगा। सबसे अधिक वोटर भोपाल में हुए शिफ्ट प्रदेश में सबसे अधिक 2 लाख 86 हजार 661 वोटर भोपाल में शिफ्ट हुए हैं। इसके बाद इंदौर में 1 लाख 97 हजार 898, ग्वालियर में 1 लाख 48 हजार 273, जबलपुर में 1 लाख 15 हजार 437 और सागर में 80 हजार 901 वोटर शिफ्ट होना पाए गए हैं। सभी जिलों को मिलाकर कुल शिफ्टेड वोटर्स की संख्या 22 लाख 78 हजार 393 है। दूसरी ओर एबसेंट वोटर्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि इंदौर में सबसे अधिक 1 लाख 75 हजार 424 मतदाता अनुपस्थित पाए गए। इसके बाद भोपाल में 1 लाख 1 हजार 503, जबलपुर में 66 हजार 678, ग्वालियर में 61 हजार 520 मतदाता एबसेंट मिले हैं। सभी जिलों में एबसेंट वोटर्स का आंकड़ा 8 लाख 42 हजार 677 है। मृत वोटर्स की लिस्ट में जबलपुर सबसे ऊपर प्रदेश के जबलपुर जिले में सबसे ज्यादा 51 हजार 357 वोटर्स मिले हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। इंदौर में 43 हजार 741, सागर में 36 हजार 467, भोपाल में 33 हजार 791, धार में 27हजार 943 वोटर्स की मृत्यु होना पाया गया है। ग्वालियर में 27 हजार 852 और उज्जैन में 27 हजार 851 वोटर की मृत्यु हो गई है। सभी जिलों को मिलाकर डेड कैटेगरी वाले वोटर्स की संख्या 8 लाख 46 हजार 184 है। दूसरी ओर इंदौर जिला नो मैपिंग वाले मतदाताओं में 1 लाख 33 हजार 696 वोटर्स के साथ आगे है। भोपाल में 1 लाख 16 हजार 925, जबलपुर में 69 हजार 394, ग्वालियर में 68 हजार 540 और उज्जैन में 48 हजार 35 मतदाताओं के नाम नो मैपिंग कैटेगरी में शामिल किए गए हैं। सभी जिलों में यह संख्या 8 लाख 65 हजार 832 है। मल्टीपल एंट्री में बुरहानपुर ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ा एक से अधिक स्थानों पर वोटर के नाम एंट्री होने के मामले में छोटे जिले बुरहानपुर ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया है। यहां 23 हजार 594 वोटर्स के नाम एक से अधिक स्थान पर दर्ज मिले हैं। वहीं इंदौर में 22 हजार 808, धार में 14 हजार 198, भोपाल में 14 हजार 171, उज्जैन में 14 हजार 100, जबलपुर में 13 हजार 869, सागर में 10 हजार 160 और ग्वालियर में 8 हजार 893 वोटर्स के नाम मल्टीपल एंट्री में पाए गए हैं। नाम जुड़वाने और दावे आपत्ति की प्रक्रिया भी शुरू मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने बताया कि जो युवा मतदाता 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं, वे ऑफलाइन या ऑनलाइन अपना नाम जुड़वा सकते हैं। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट Voters.eci.gov.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म- 6 भरना होगा। इसके साथ ही ऑफलाइन के लिए बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। इधर, एसआईआर ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद 23 दिसंबर 2025 से 22 जनवरी 2026 तक दावा आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी। इस अवधि में वास्तविक मतदाता अपना नाम जुड़वा सकते हैं या आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। SIR में 5.31 मतदाताओं के गणना पत्रक मिले कुल 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 मतदाताओं में से 5 करोड़ 31 लाख 31 हजार 983 मतदाताओं के गणना पत्रक आयोग को मिले। इस कारण से काटे नाम, अभी भी जोड़ने का है मौका संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरपीएस जादौन ने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, उसके पीछे प्रमुख कारण हैं, लेकिन अगर कोई आयोग के तय दस्तावेज दे देता है तो उनके नाम जोड़े भी जा सकेंगे। वास्तविक और योग्य मतदाताओं के नाम दावा एवं आपत्ति अवधि 23 दिसंबर से 22 जनवरी 2026 के दौरान फिर मतदाता सूची में जोड़े जा सकते हैं। मतदाता सूची में एक से अधिक स्थानों पर जिनके नाम पाए जाएंगे उन मतदाताओं का नाम केवल एक स्थान पर ही रखा जाएगा। नाम काटे जाने के ये ये हैं प्रमुख कारण दो आसान तरीकों से जांचिए अपना नाम 23 दिसंबर को लिस्ट जारी होने के बाद आप दो आसान तरीकों से अपना नाम जांच सकते हैं। नाम 2003 की लिस्ट में था, पर 2025 की ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं है- आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। ड्राफ्ट लिस्ट फाइनल नहीं होती। यदि आपका नाम पुरानी सूची में था, लेकिन अब नहीं है तो इसका मतलब है कि सत्यापन के दौरान किसी कारण (जैसे पते पर न मिलना, डुप्लीकेसी या तकनीकी गलती) से आपका नाम हटा दिया है। अपना नाम दोबारा जुड़वाने के लिए दावा कर सकते हैं। इसके लिए फॉर्म-6 भरना होगा। यह फॉर्म ऑनलाइन Voter Helpline App के माध्यम से या ऑफलाइन अबीएलओ को जमा कर सकते हैं। यह खबर भी पढ़ें... एमपी की वोटर लिस्ट से कटे 42.74 लाख नाम मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) की ड्राफ्ट लिस्ट जारी हो चुकी है। मंगलवार दोपहर 1:30 बजे पॉलिटिकल पार्टियों की बैठक के बाद इलेक्शन कमीशन ने इसे जारी किया। पढ़ें पूरी खबर...
छतरपुर में 8 महीने में 402 नवजातों की मौत:64 ने रास्ते में, 83 ने घर और 255 ने अस्पतालों में इलाज के दौरान तोड़ा दम
छतरपुर जिले में नवजात मृत्यु के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। अप्रैल से नवंबर 2025 के बीच आठ महीनों में जिले में 402 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। इस अवधि में जिले में कुल 16 हजार 912 डिलीवरी हुईं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़ों का सत्यापन शुरू कर दिया है। सभी स्तरों से रिपोर्ट की पुष्टि कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, मृत नवजातों में से 64 बच्चों ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि 83 नवजातों की मौत घर पर हुई। इसके अलावा 255 बच्चों की मौत अस्पताल में डिलीवरी के बाद इलाज के दौरान दर्ज की गई है। छतरपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 179 मौतें आंकड़ों में छतरपुर ब्लॉक सबसे ऊपर है, जहां 179 नवजातों की मौत हुई। इसके बाद बड़ा मलहरा- 43, बिजावर- 39, लवकुश नगर- 39, नौगांव- 36, राजनगर- 36, बक्स्वाहा- 20, गौरिहार- 10 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। SNCU के आंकड़ों में बताई जा रही गिरावट हालांकि, अप्रैल से नवंबर तक के एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) के आंकड़ों के अनुसार नवजात मृत्यु दर में लगातार गिरावट का दावा किया जा रहा है। नवंबर तक एसएनसीयू में 176 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। CMHO बोले- सभी आंकड़ों का हो रहा सत्यापन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आर.पी. गुप्ता ने कहा कि सामने आए सभी आंकड़ों का सत्यापन कराया जा रहा है। एसएनसीयू प्रभारी, सिविल सर्जन और ब्लॉक मेडिकल अधिकारियों से रिपोर्ट की पुष्टि की गई है। उनके अनुसार विभागीय समीक्षा में मृत्यु दर में कमी सामने आई है। 10 फीसदी नवजात हाई-रिस्क श्रेणी में सीएमएचओ ने बताया कि डिलीवरी के दौरान लगभग 10 प्रतिशत नवजात हाई-रिस्क श्रेणी में आते हैं, जिनमें मृत्यु की आशंका अधिक रहती है। ऐसे मामलों में समय पर पहचान, बेहतर इलाज और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए लगातार समीक्षा और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, जब बुधवार को भास्कर रिपोर्टर ने इस मामले पर सीएमएचओ से दोबारा बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया और कार में बैठकर निकल गए।
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