छतरपुर में 8 महीने में 402 नवजातों की मौत:64 ने रास्ते में, 83 ने घर और 255 ने अस्पतालों में इलाज के दौरान तोड़ा दम
छतरपुर जिले में नवजात मृत्यु के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। अप्रैल से नवंबर 2025 के बीच आठ महीनों में जिले में 402 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। इस अवधि में जिले में कुल 16 हजार 912 डिलीवरी हुईं। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़ों का सत्यापन शुरू कर दिया है। सभी स्तरों से रिपोर्ट की पुष्टि कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, मृत नवजातों में से 64 बच्चों ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि 83 नवजातों की मौत घर पर हुई। इसके अलावा 255 बच्चों की मौत अस्पताल में डिलीवरी के बाद इलाज के दौरान दर्ज की गई है। छतरपुर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 179 मौतें आंकड़ों में छतरपुर ब्लॉक सबसे ऊपर है, जहां 179 नवजातों की मौत हुई। इसके बाद बड़ा मलहरा- 43, बिजावर- 39, लवकुश नगर- 39, नौगांव- 36, राजनगर- 36, बक्स्वाहा- 20, गौरिहार- 10 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। SNCU के आंकड़ों में बताई जा रही गिरावट हालांकि, अप्रैल से नवंबर तक के एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) के आंकड़ों के अनुसार नवजात मृत्यु दर में लगातार गिरावट का दावा किया जा रहा है। नवंबर तक एसएनसीयू में 176 नवजातों की मौत दर्ज की गई है। CMHO बोले- सभी आंकड़ों का हो रहा सत्यापन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आर.पी. गुप्ता ने कहा कि सामने आए सभी आंकड़ों का सत्यापन कराया जा रहा है। एसएनसीयू प्रभारी, सिविल सर्जन और ब्लॉक मेडिकल अधिकारियों से रिपोर्ट की पुष्टि की गई है। उनके अनुसार विभागीय समीक्षा में मृत्यु दर में कमी सामने आई है। 10 फीसदी नवजात हाई-रिस्क श्रेणी में सीएमएचओ ने बताया कि डिलीवरी के दौरान लगभग 10 प्रतिशत नवजात हाई-रिस्क श्रेणी में आते हैं, जिनमें मृत्यु की आशंका अधिक रहती है। ऐसे मामलों में समय पर पहचान, बेहतर इलाज और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए लगातार समीक्षा और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, जब बुधवार को भास्कर रिपोर्टर ने इस मामले पर सीएमएचओ से दोबारा बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया और कार में बैठकर निकल गए।
कांकेर धर्मांतरण बवाल...सर्वसमाज का छत्तीसगढ़ बंद:रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और जगदलपुर में स्कूल-दुकानें बंद; सड़कों पर उतरे हिंदू संगठन, चैंबर के सदस्य
कांकेर जिले के अमाबेड़ा में हुई हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने आज छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। बंद का असर अभी से दिखने लगा है। रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर में स्कूल, दुकानें और कई कमर्शियल प्रतिष्ठान सुबह से बंद हैं। रायपुर में हिंदू संगठनों के सदस्य, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों के साथ मिलकर बंद को लागू करवा रहे हैं। लोगों से अपनी दुकानें बंद रखने की अपील कर रहे हैं। जगदलपुर, अंबिकापुर, दुर्ग और बिलासपुर में भी सुबह से सभी कमर्शियल प्रतिष्ठान और दुकानें बंद हैं। इस बंद को RSS, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और राज्य के कई व्यापारिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों का समर्थन मिला है। बाजार, दुकानें और प्राइवेट संस्थान बंद हैं, जबकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और इमरजेंसी सेवाएं खुली हैं। छत्तीसगढ़ बंद से जुड़े अपडेट्स देखने के लिए नीचे लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
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