दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट और एक यात्री के बीच हुई मारपीट के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। आरोपी पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल ने अपना पक्ष रखते हुए यात्री अंकित दीवान के दावों को झूठा और एकतरफा बताया है।
पायलट का पक्ष
कैप्टन सेजवाल की ओर से जारी कानूनी बयान में कहा गया है कि इस घटना को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उनके अनुसार, घटना के समय वे एक साधारण यात्री के रूप में यात्रा कर रहे थे, न कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट के तौर पर। इसका उनकी नौकरी से कोई लेना-देना नहीं है।
बयान में दावा किया गया कि यात्री अंकित दीवान ने पायलट के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां कीं और उनके परिवार की महिला सदस्यों व बच्चे को धमकियां दीं। पायलट का कहना है कि यात्री ने बिना किसी उकसावे के गाली-गलौज शुरू की और हिंसा पर उतारू हो गया, जिससे खुद पायलट को भी चोटें आईं।
यात्री के आरोप
इससे पहले यात्री अंकित दीवान ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि वे अपनी चार महीने की बेटी के साथ 'स्टाफ एंट्री' का इस्तेमाल कर रहे थे, तभी कैप्टन सेजवाल ने लाइन तोड़ी और टोकने पर उन्हें 'अनपढ़' कहा।
दीवान का आरोप है कि पायलट ने उन पर हमला किया जिससे उन्हें खून निकलने लगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि CISF ने उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया ताकि उनकी फ्लाइट न छूटे।
पायलट के बयान के अनुसार, घटना के बाद CISF की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने अपनी मर्जी से एक समझौते पर साइन किए थे कि वे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। बयान में कहा गया है कि किसी भी तरह के दबाव या जबरदस्ती के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की कार्रवाई
हालांकि पायलट ने इसे निजी मामला बताया है, लेकिन एयर इंडिया एक्सप्रेस ने घटना की निंदा करते हुए कैप्टन सेजवाल को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया है। कंपनी ने कहा है कि जांच के नतीजों के आधार पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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