प्रोफेसर बोले-यकीन नहीं होता, हमेशा क्लास में आता था फर्स्ट:सुसाइड करने वाला छात्र अंश गुप्ता था होनहार, दोस्तों के बीच था पॉपुलर
देहरादून के विकासनगर में 19 साल के अंश गुप्ता के सुसाइड मामले में उसके परिजन और कॉलेज वाले हर कोई हैरान है। वह देहरादून की उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से BBA एलएलबी कर रहा था, जो इस बार थर्ड सेमेस्टर के एग्जाम दे रहा था। घटना वाले दिन शुक्रवार को भी अंश कुमार गुप्ता कॉलेज से पेपर देकर घर पहुंचा था, इसके कुछ घंटे बाद यह उसने सुसाइड कर लिया। होनहार छात्र अंश गुप्ता के सुसाइड के बाद कॉलेज में भी हर किसी को एक गहरा सदमा है। कॉलेज में अंश कुमार गुप्ता को पढ़ने वाले टीचर भी उसके इस दुनिया से चले जाने पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के ह्यूमन रिसोर्स एंड मैनेजमेंट के एचओडी प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने कहा- अंश गुप्ता न केवल एक उत्कृष्ट छात्र था, बल्कि एक मिलनसार और सकारात्मक भी था। उसे हमेशा पढ़ाई में आगे रहने और अपने साथियों की मदद करने के लिए जाना जाता था। यह मानना मुश्किल है कि ऐसा प्रतिभाशाली और ऊर्जावान स्टूडेंट ऐसा कदम उठा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं अंश को व्यक्तिगत रूप से जानता था और उसे अपनी कक्षाओं में पढ़ाया था। वह हमेशा क्लास में फर्स्ट आता था और अपने साथियों के बीच बहुत लोकप्रिय था। शुक्रवार को भी जब उसने अपनी परीक्षा पूरी की, तो वह खुश था और उसने मुझसे कहा कि पेपर बहुत अच्छा हुआ है। कुछ ही घंटों बाद वह ऐसा कदम उठाएगा, ऐसा मैंने कभी भी नहीं सोचा था। हम उसे हमेशा याद रखेंगे। भास्कर इंटरव्यू में अंश के प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर से की बातचीत... सवाल: अंश कुमार गुप्ता पढ़ाई और व्यक्तिगत रूप से कैसा था? जवाब: पढ़ाई में अंश कुमार गुप्ता काफी होनहार था। उनकी क्लास में वह हमेशा फर्स्ट आने वाला स्टूडेंट रहा है। वह अपने ग्रुप में भी काफी पॉपुलर था। उसे मैंने ही पढ़ाया है और मैं हमेशा से देखता आया हूं कि जिस तरह से आज की जेनरेशन है, जो सोशल मीडिया और अन्य चीजों पर ज्यादा फोकस रखती है, अंश कुमार गुप्ता वैसा बिल्कुल नहीं था, बल्कि वह हमेशा पढ़ाई की ही बातें करता था। सवाल: आपको कब और कैसे पता लगा कि यह घटना हुई है? जवाब: अंश कुमार गुप्ता को मैंने ही पढ़ाया है। मैं ह्यूमन रिसोर्स एंड मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का हेड हूं और मेरे अन्य स्टूडेंट ने ही मुझे जानकारी दी थी कि अंश कुमार गुप्ता के साथ ऐसी घटना हुई है, लेकिन मुझे यकीन नहीं हुआ कि इतना होनहार बच्चा ऐसा कोई कदम उठाएगा, इसीलिए मैंने करीब दो से तीन बार बच्चों से पूछा कि क्या आप इस अंश कुमार गुप्ता की बात कर रहे हैं, जो क्लास में फर्स्ट आता है। उसके बाद जब उन्होंने बताया तो मुझे बहुत दुख हुआ। सवाल: अपने दोस्तों और क्लास के दूसरे बच्चों से अंश का कैसा व्यवहार था और क्या वह कभी हाल के दिनों में तनाव में दिखा? जवाब: अंश एक होनहार स्टूडेंट था, जो अपनी क्लास के सभी साथियों में काफी पॉपुलर था। जो हमेशा केवल पढ़ाई की ही बातें करता था। शुक्रवार को जब एग्जाम पूरा हुआ तो मैंने उससे पूछा कि पेपर कैसा हुआ है, तो उसने खुशी से कहा कि पेपर बहुत बढ़िया हुआ। जहां तक तनाव की बात है तो अंश ऐसा था ही नहीं कि उसके ऊपर कोई तनाव हो और ना ही उसको देखकर लगा। बल्कि वह जहां भी जाता उसके चेहरे पर अलग ही मुस्कान होती थी। सवाल: पिछले 2 सेमेस्टर में उसका पर्सेंट कितना था? जवाब: मेरे सब्जेक्ट में तो दोनों ही सेमस्टर में वह फर्स्ट क्लास रहा है। इस बार भी जो मिड टर्म एग्जाम हुए थे वह उसमें भी फर्स्ट क्लास ही रहा है। वह हमेशा 60 प्रतिशत से ऊपर ही नंबर लाता था। उसकी परफॉर्मेंस बहुत ही अच्छी थी। सवाल: अपने साथी स्टूडेंट्स से जब यह मिलता था तो उस समय कैसा माहौल रहता था? जवाब: जैसे जनरली युवाओं में होता है, जैसे कि दे यूज टू टॉक अबाउट स्टडीज, दे यूज टू टॉक अबाउट अवर कोर्स, दे यूज टू टेक अबाउट अवर कॉलेज। सब बड़े पॉजिटिव तरीके से बात करते थे। ऐसा हमें लगा ही नहीं कि वह बच्चा ऐसा कर सकता है। उसका एनर्जी लेवल अच्छा रहता था। जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?... देहरादून में LLB छात्र ने खुद को शूट किया:लाश देख बहन बेहोश, वकील पिता को अटैक; सेल्फी एंगल पर भी जांच देहरादून में एलएलबी कर रहे 19 साल के छात्र ने अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए उप जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन धूलकोट स्थित ग्राफिक एरा अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। (पढ़ें पूरी खबर)
देशद्रोही रामपाल को सम्मानित करेगी किसान यूनियन:हिसार में भाई और बेटे सम्मान लेने आएंगे, 100 गांवों को न्योता, किसान रत्न से नवाजेंगे
हरियाणा के हिसार में सतलोक आश्रम के प्रमुख रामपाल को भारतीय किसान यूनियन किसान रत्न से सम्मानित करने जा रही है। आज यानी रविवार को हिसार के डाया गांव में इसको लेकर बड़ा कार्यक्रम रखा गया है। आसपास के 100 गांवों के ग्रामीणों को निमंत्रण दिया गया है। देशद्रोह के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे रामपाल के भाई महेंद्र सिंह और दोनों बेटे वीरेंद्र और मनोज इस सम्मान को लेंगे। कार्यक्रम में मंच पर रामपाल की मूर्ति लगाई जाएगी। रामपाल के अनुयायी भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में आएंगे। कार्यक्रम के आयोजक भारतीय किसान यूनियन (अमावता) के प्रदेश अध्यक्ष दिलबाग सिंह हुड्डा ने बताया कि रामपाल ने हिसार के 300 बाढ़ग्रस्त गांवों में किसानों की मदद की है, इसलिए सभी ग्रामीण उनको किसान रत्न से सम्मानित करने जा रहे हैं। करोड़ों रुपए रामपाल किसानों के लिए खर्च कर चुके हैं, ऐसे में हम उनका सम्मान कर रहे हैं। 10 दिन पहले किसान मसीहा सम्मान दिया इससे पहले 10 दिसंबर को हिसार के धीरणवास गांव में रामपाल महाराज के सम्मान समारोह में कार्यक्रम किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे थे। यहां 85 गांवों और 12 खाप पंचायतों ने संयुक्त रूप से रामपाल को किसान मसीहा सम्मान से सम्मानित किया था। रामपाल के स्वागत के लिए 50 से अधिक ट्रैक्टरों का काफिला शामिल हुआ था। रामपाल के कार्यक्रम को लेकर खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। हर कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग से लेकर तमाम चीजें गृह विभाग तक पहुंचाई जा रही है। रामपाल की जमानत पर 17 जनवरी को सुनवाई हिसार कोर्ट करीब तीन माह पहले देशद्रोह मामले में रामपाल की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। रामपाल के वकील महेंद्र सिंह नैन और सचिन दास ने इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। इस मामले में 17 जनवरी को अगली सुनवाई होनी है। इस मामले में 980 से अधिक आरोपी हैं। इनमें से रामपाल और हाल ही में गिरफ्तार एक आरोपी जेल में है। रामपाल 4 आपराधिक मामलों से बरी हो चुका है। हाईकोर्ट ने हत्या के दो मामलों में उनकी सजा निलंबित कर दी है। 14 में से 11 केसों में बरी हो चुका रामपाल रामपाल के वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने वाले हिसार के एडवोकेट कुलदीप ने बताया कि रामपाल महाराज 2014 से जेल में बंद है। उन पर कुल 14 केस लगे थे। उनमें से 11 केस में वे बरी हो चुके हैं। 2 केस जिनका मुकदमा नंबर 429 और 430 है, उनमें हाईकोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा को सस्पेंड कर दिया है। अभी देशद्रोह का मुकद्दमा नंबर 428 है। इसमें 1000 से ज्यादा लोग शामिल थे। इनमें अधिकतर की बेल हो चुकी है, मगर अभी तक इस केस में रामपाल ने बेल नहीं लगाई है। संभावना है कि अर्जी लगाने पर बेल मिल जाएगी। हिसार में रामपाल का केस लड़ने वाले उनके वकील महेंद्र सिंह नैन बताते हैं कि उनके पास रामपाल का एक केस है, जो अंडर ट्रायल है। इन मामलों की वजह से सुर्खियों में रह चुका रामपाल 2014 से जेल में बंद है बाबा रामपाल रामपाल की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें अदालत में पेश किया गया और कई सालों तक कानूनी लड़ाई चलती रही। 2018 में, हिसार की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वर्तमान में, रामपाल जेल में है, लेकिन उनके अनुयायियों की संख्या अब भी काफी है, जो उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं और उन्हें निर्दोष मानते हैं। एक जूनियर इंजीनियर से लेकर एक विवादास्पद धार्मिक गुरु बनने तक का उनका सफर काफी घटनाओं से भरा रहा है। जेल में होने के बावजूद, उनके अनुयायी अब भी उनकी शिक्षाओं में विश्वास करते हैं और उन्हें आदर देते हैं।
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