लगभग चार साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों में अब एक अहम मोड़ आता दिख रहा है। बता दें कि अमेरिका ने शांति समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर सैद्धांतिक सहमति जता दी है, हालांकि इन गारंटियों का विस्तृत स्वरूप अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह जानकारी बर्लिन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ हुई ताजा बातचीत के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने दी है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, इन वार्ताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और जैरेड कुशनर शामिल रहे। बातचीत के दौरान यूक्रेन की उस मांग पर काफी हद तक सहमति बनी है, जिसमें उसने भविष्य की सुरक्षा के लिए ठोस और भरोसेमंद गारंटी की जरूरत बताई थी। साथ ही, रूस की ओर से डोनबास क्षेत्र को लेकर रखी गई शर्तों पर भी मतभेद कुछ हद तक कम हुए हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप खुद भी सोमवार शाम को वार्ताकारों और यूरोपीय नेताओं के साथ एक डिनर चर्चा में वीडियो कॉल के जरिए शामिल हुए। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इस सप्ताहांत अमेरिका में, संभवतः मियामी में, बातचीत का अगला दौर हो सकता है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि शांति समझौते को लेकर अब तक की सबसे ज्यादा प्रगति हुई है और यूरोपीय देशों का भी इसमें मजबूत समर्थन मिल रहा है।
अमेरिकी पक्ष ने साफ किया है कि यूक्रेन को दी जाने वाली सुरक्षा गारंटी अनिश्चित काल तक खुली पेशकश नहीं रहेगी। यह प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसे औपचारिक संधि के रूप में दो-तिहाई बहुमत से पारित कराया जाएगा या नहीं।
इधर, बर्लिन में जारी एक संयुक्त बयान में यूरोपीय नेताओं ने कहा है कि यूरोप और अमेरिका मिलकर यूक्रेन के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था बनाने को तैयार हैं। इसमें यूरोप की अगुवाई में एक बहुराष्ट्रीय बल शामिल हो सकता है, जिसे अमेरिका का समर्थन मिलेगा। इस बल की भूमिका यूक्रेन के भीतर संचालन, उसकी सैन्य क्षमताओं के पुनर्निर्माण, हवाई सुरक्षा और समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखने तक फैली होगी।
बताया गया है कि प्रस्तावित व्यवस्था के तहत यूक्रेनी सेना की शांति काल की संख्या करीब आठ लाख रखी जा सकती है। अमेरिकी वार्ताकारों के साथ नाटो के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल एलेक्सस ग्रिंकविच भी मौजूद रहे, जिन्होंने तथाकथित ‘आर्टिकल-5 जैसी’ सुरक्षा व्यवस्था के पहलुओं पर चर्चा की है।
यूक्रेन के लिए युद्ध के बाद की सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बनी हुई है। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने इसे अमेरिका और यूरोप के बीच एक अभूतपूर्व और ठोस सहमति बताया है। वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि किसी भी सुरक्षा आश्वासन को कानूनी रूप से बाध्यकारी होना चाहिए और अमेरिकी संसद का समर्थन जरूरी है।
दूसरी ओर, रूस नाटो देशों की सेनाओं की यूक्रेन में तैनाती के सख्त खिलाफ है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि शांति योजना के लगभग 90 प्रतिशत बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है और रूस ने यूक्रेन के यूरोपीय संघ में शामिल होने को लेकर भी नरम रुख दिखाया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की नाटो सदस्यता को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताते रहे हैं और इसी को 2022 में युद्ध शुरू करने का कारण भी ठहराया था। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि शांति वार्ता की समय-सीमा तय करना मुश्किल है, लेकिन रूस गंभीर और ठोस समाधान के लिए तैयार है और समय खींचने की किसी रणनीति में दिलचस्पी नहीं रखता है।
कुल मिलाकर, बर्लिन में हुई यह बातचीत संकेत देती है कि लंबे समय से अटके यूक्रेन संकट के समाधान की दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ठोस प्रयास आकार ले रहा है, हालांकि अंतिम समझौते तक पहुंचने से पहले कई संवेदनशील मुद्दों पर सहमति बनना अभी बाकी हैं।
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आईपीएल नीलामी में मंगलवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को चौंका दिया। बता दें कि उत्तर प्रदेश के युवा ऑलराउंडर प्रशांत वीर की किस्मत अबू धाबी में आयोजित आईपीएल 2026 नीलामी में अचानक चमक उठी। चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 14 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, प्रशांत वीर का बेस प्राइस महज 30 लाख रुपये था, लेकिन बोली बढ़ते-बढ़ते उनकी कीमत करीब 47 गुना तक पहुंच गई। इस दौरान राजस्थान रॉयल्स ने शुरुआत में दिलचस्पी दिखाई, जबकि सनराइजर्स हैदराबाद ने आखिरी वक्त में कड़ी चुनौती दी, लेकिन अंत में बाज़ी चेन्नई सुपर किंग्स के हाथ लगी।
गौरतलब है कि इस सौदे के साथ 20 वर्षीय प्रशांत वीर आईपीएल नीलामी इतिहास के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी बन गए। दिलचस्प बात यह रही कि कुछ ही पलों बाद कार्तिक शर्मा भी इसी श्रेणी में आ गए, जब चेन्नई ने उन्हें भी समान राशि में अपनी टीम में शामिल कर लिया।
प्रशांत वीर बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज हैं और निचले क्रम में तेज रन बनाने की क्षमता रखते हैं। यह उनका पहला आईपीएल सीजन होगा। अब तक खेले गए 12 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 167 से अधिक के स्ट्राइक रेट से 112 रन बनाए हैं, जबकि नौ पारियों में 6.45 की इकॉनमी से 12 विकेट भी झटके हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश टी20 लीग में नोएडा सुपर किंग्स के लिए शानदार प्रदर्शन के बाद वे चयनकर्ताओं और फ्रेंचाइजियों की नजर में आए थे। चेन्नई सुपर किंग्स उन्हें भविष्य की बड़ी योजना के तौर पर देख रही है, खासकर उस भूमिका में जहां लंबे समय तक रवींद्र जडेजा टीम की रीढ़ रहे हैं।
आईपीएल नीलामी में इस तरह का भरोसा जताया जाना बताता है कि फ्रेंचाइजी अब युवा भारतीय प्रतिभाओं पर बड़ा दांव लगाने से पीछे नहीं हट रही हैं और प्रशांत वीर के लिए यह सौदा करियर की सबसे बड़ी उड़ान साबित हो सकता है।
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