भारत ने बनाई 300 प्रोडक्ट की सूची, दोस्त रूस कभी नहीं भूलेगा ये एहसान!
भारत और रूस की दोस्ती बहुत गहरी है। रूस ने हर मौके और हर मोर्चे पर भारत का साथ दिया है। अपने कई बार अक्सर सुना होगा कि जब दो लोग एक-दूसरे के बारे में कहते हैं कि वो बचपन के दोस्त हैं। इसी प्रकार से रूस और भारत बचपन के दोस्त हैं और दोनों के बीच बहुत पुरानी दोस्ती है। इसमें कई उतार-चढ़ाव भी आए हैं।कभी रक्षा सौदे के मैदान में, कभी ऊर्जा के सेक्टर में और अब व्यापार के नए मोर्चे पर। लेकिन अब कहानी में एक नया मोड़ आ गया। पुतिन के भारत दौरे के बाद भारत ने एक ऐसा कदम उठाया जो आने वाले वर्षों में भारत रूस व्यापार की दिशा ही बदल सकता है। दरअसल भारत ने रूस को एक्सपोर्ट करने के लिए 300 से ज्यादा हाई पोटेंशियल प्रोडक्ट की लिस्ट तैयार कर ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन का हालिया भारत दौरा। सिर्फ कूटनीतिक मुलाकात नहीं था।
इसे भी पढ़ें: Russia ने परिसंपत्तियों पर रोक लगाने के EU के निर्णय की आलोचना की
इसके पीछे था डॉलर सिस्टम से बाहर निकलने की सोच, लोकल करेंसी में ट्रेड और सबसे अहम ट्रेड इमंबैलेंस को खत्म करने की रणनीति। पुतिन के जाने के बाद अब भारत की कॉमर्स मिनिस्ट्री फुल एक्शन मोड में आ गई है। भारत ने रूस के लिए करीब 300 ऐसे प्रोडक्ट की पहचान की है जिनकी रूस में भारी मांग है और जिन्हें वो फिलहाल दूसरे देशों से इंपोर्ट करता है। इन सेक्टर में शामिल है इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और इसके साथ केमिकल प्रोडक्ट्स। यानी रूस का जो इंपोर्ट बास्केट है उसमें भारत सीधे एंट्री की तैयारी कर चुका है।
इसे भी पढ़ें: G-7, G-20 सभी के दिन लदेंगे, Trump के C-5 से अब बजेगा दुनिया में भारत का डंका
आंकड़ों के मुताबिक भारत फिलहाल इन कैटेगरी के प्रोडक्ट में रूस को सिर्फ 1.7 बिलियन का एक्सपोर्ट करता है। जबकि रूस इन्हीं कैटेगरी में 37.4 बिलियन का इंपोर्ट करता है। अंतर देखिए भारत के लिए करीब 35 बिलियन का इंपोर्ट गैप। यही गैप अब भारत भरने की तैयारी में है। भारत और रूस दोनों देशों ने तय किया कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा। लेकिन जब तक भारत का एक्सपोर्ट नहीं बढ़ेगा ट्रेड बैलेंस सुधरेगा ही नहीं। क बड़ा सच यह भी है कि भारत का रूस के साथ मौजूदा ट्रेड डेफिसिट करीब 59 बिलियन है। जितना ज्यादा भारत रूस को सामान भेजेगा, शिपमेंट बढ़ेगी, लोकल करेंसी पेमेंट होगा, उतना ही यह ट्रेड डेफिसिट घटता जाएगा।
इसे भी पढ़ें: बीच समंदर हथियारबंद कमांडोज का जहाज पर हमला, पुतिन-मोदी अब करने वाले हैं बड़ा खेल!
रूस भारत के टोटल क्रूड ऑयल इंपोर्ट का करीब 21% सप्लाई करता है। रूस के टोटल इंपोर्ट बास्केट में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 2.3% है। यानी भारत के पास रूस में घुसने की बहुत बड़ी जगह मौजूद है। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने साफ रणनीति बनाई है उन प्रोडक्ट पर फोकस जिनकी रूस को जरूरत है। उन सेक्टर में एंट्री जहां पश्चिमी देशों की सप्लाई प्रतिबंध के चलते कमजोर हुई है। लोकल करेंसी ट्रेड यानी रूपी रूबल सिस्टम और लॉजिस्टिक और शिपिंग रूट्स मजबूत करना।
मैं मरने जा रहा हूं...ऑस्ट्रेलिया में पहलगाम जैसा हमला, कौन है वो जिसने आतंकियों से छीन ली बंदूक
ऑस्ट्रेलिया में त्यौहार मनाने आए निहत्त्थे लोगों पर गोलियां दागी गई। सफेद शर्ट में अहमद अल अहमद है। खुद की परवाह नहीं की। हमलावर से बंदूक छीनी और उससे भिड़ गए। इस झड़प में उन्हें खुद भी दो गोलियां लगी हैं। अहमद हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इलाज चल रहा है। उनके कजिन मुस्तफा ने बताया कि उसे दो गोलियां लगी हैं। वह हॉस्पिटल में है। डॉक्टर का कहना है कि खतरे से बाहर है। उसका ऑपरेशन होगा। हमने सोशल मीडिया पर उसकी बहादुरी का वीडियो देखा। वो हीरो है। 100% हीरो है। जिस बहादुरी से अहमद ने हमलावर से बंदूक छीनी उन्हें सलाम है।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Bondi Beach Terror Attack को लेकर आपस में भिड़े Australia और Israel के PM
आम नागरिक ने हमलावर को पकड़ा
गोलीबारी के दौरान एक आम नागरिक ने हथियारबंद हमलावर को दबोचा लिया। घटना का विडियो सामने आया है, जिसमें व्यक्ति अपनी जान जोखिम में डालकर हमलावर से राइफल छीनता नजर आता है। उसकी इस बहादुरी से कई लोगों की जान बच गई। वीडियों के मुताबिक, हमलावर राइफल से फायरिंग कर रहा था। इसी दौरान एक व्यक्ति खड़ी मृतियों के पीछे झुककर आने वाले हमलावर के करीब पहुंचता है और अचानक उस पर झपट्टा मारकर राइफल छीन लेता है। इसके बाद हमलावर को जमीन पर गिराकर काबू में कर लिया। शख्स की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई है। दो बच्चों के पिता अहमद को उनकी बहादुरी के लिए हीरो बताया जा रहा है। उन्होने एक बंदूकधारी पर अचानक झपट्टा मारा और उसके हाथ से राइफल छीन ली। इसी दौरान पास के एक पुल पर मौजूद दूसरे हमलावर ने अहमद पर गोली चला दी। अहमद को दो गोलियां लगी।
इसे भी पढ़ें: ताबड़तोड़ गोलियां, बिछी लाशें, यहूदियों पर अटैक, ईरान में क्यों शुरू हुई खलबली
ऑस्ट्रेलिया को सामूहिक
28 अप्रैल 1996: पोर्ट आर्थर (तस्मानिया) में 35 की हत्या, इसके बाद सख्त हथियार कानून लागू।
8 सितंबर 2014: न्यू साउथ वेल्स में किसान ने पत्नी और तीन बच्ची की हत्या, फिर आत्महत्या।
16 दिसंबर 2014: सिडनी लिइ कैफे बंधक सकट में 3 की मौत।
11 मई 2018: वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में किसान ने 6 परिजनों की हत्या की।
15 मार्च 2019: ऑस्ट्रेलियाई हमलावर ने न्यूजीलैंड के काइस्टचर्च में 5 लोगो की हत्या की।
4 जून 2019: डार्विन में 4 की हत्या, एक घायल।
12 दिसंबर 2022: क्चीसलैंड में गोलीबारी, 2 पुलिसकर्मी समेत 6 की मौत।
हमले पर भारत ने क्या कहा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि भयानक आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। भारत के लोगों की तरफ से मैं उन परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हम इस दुख की घड़ी में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ खड़े हैं। भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस रखता है और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करता है।
इजरायल ने अल्बनीज को जिम्मेदार ठहराया
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन इतन्या ने इस घटना पर ऑस्ट्रेलियाियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज की निंदा की। उन्होंने अल्बनीज पर लापरवाही का आरोप लगाया। बेंजामिन का कहना है कि तमाम चेतावनियों के बाद भी अल्बनीज ने कोई एक्शन नहीं लिया और यह अटैक हो गया। आरोप है कि ऑस्ट्रेलिया में यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया गया और फिलिस्तीन का समर्थन किया गया। इसी वजह से सरकार यहूदियों को बचा नहीं पाई। यह सारे बेंजामिन के आरोप हैं।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 
prabhasakshi





















