रविवार की शाम सिडनी का मशहूर बॉन्डी बीच अचानक गोलियों की आवाज़ से दहल उठा। बता दें कि यहां यहूदी समुदाय के हनुक्का पर्व की शुरुआत के अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दो हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
मौजूद जानकारी के अनुसार, घटना बॉन्डी बीच पर आयोजित “चानुकाह बाय द सी” नामक कार्यक्रम के दौरान हुई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने इसे लक्षित आतंकी हमला घोषित किया है। पुलिस आयुक्त माल लैन्यन ने कहा कि आयोजन की प्रकृति और इस्तेमाल किए गए हथियारों को देखते हुए इस घटना को आतंकवादी हमला माना गया है। घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
पुलिस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध हमलावर को मौके पर ही ढेर कर दिया गया, जबकि दूसरे को गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घटना के तुरंत बाद बड़े पैमाने पर आपातकालीन राहत अभियान शुरू किया गया और घायलों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारियों के अनुसार मृतकों की संख्या अभी “स्थिर नहीं” है क्योंकि कई घायल गंभीर अवस्था में इलाज करा रहे हैं।
न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिंस ने कहा कि यह हमला सिडनी के यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया प्रतीत होता है। उन्होंने इसे बेहद दर्दनाक और चिंताजनक घटना बताया। वहीं प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बॉन्डी बीच से सामने आई तस्वीरें बेहद झकझोर देने वाली हैं और राहतकर्मी लगातार जान बचाने में जुटे हुए हैं।
घटनास्थल से सामने आए वीडियो में एक आम नागरिक को एक हमलावर को काबू में कर उसका हथियार छीनते हुए देखा गया है। सोशल मीडिया पर वायरल अन्य फुटेज में लोग चीखते-चिल्लाते हुए भागते, पुलिस द्वारा घायलों को सीपीआर देते और इलाके को खाली कराते नजर आ रहे हैं। चश्मदीदों ने बताया कि फायरिंग कई मिनट तक रुक-रुक कर होती रही और लोग अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए भागने लगे।
पुलिस ने बताया कि इलाके में कुछ संदिग्ध वस्तुएं भी मिली हैं, जिनकी जांच बम निरोधक दस्ते द्वारा की जा रही है। एक संदिग्ध के वाहन से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस मिलने की भी पुष्टि हुई है, जिसके बाद आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है।
गौरतलब है कि बॉन्डी बीच ऑस्ट्रेलिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां सप्ताहांत पर भारी भीड़ रहती है। ऑस्ट्रेलिया में सामूहिक गोलीबारी की घटनाएं बेहद दुर्लभ मानी जाती हैं। 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार के बाद देश में सख्त बंदूक कानून लागू किए गए थे, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं बहुत कम देखने को मिलती हैं। इस हमले ने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है और धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है।
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दुबई में खेले गए अंडर-19 एशिया कप मुकाबले में भारत और पाकिस्तान की पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता एक बार फिर देखने को मिली, जहां भारतीय युवा टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को बड़े अंतर से शिकस्त दी। मौजूद जानकारी के अनुसार, ग्रुप-ए के इस अहम मैच में भारत ने पाकिस्तान को 90 रन से हराकर टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
बता दें कि बारिश के कारण यह मुकाबला 50 की जगह 49-49 ओवर का कर दिया गया था। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 46.1 ओवर में 240 रन बनाए। टीम के लिए नंबर तीन पर उतरे आरोन जॉर्ज ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाते हुए 85 रनों की अहम पारी खेली। कप्तान आयुष म्हात्रे ने तेजतर्रार अंदाज में 25 गेंदों पर 38 रन जोड़े, जबकि ऑलराउंडर कनिष्क चौहान ने 46 रन बनाकर स्कोर को मजबूत आधार दिया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में वापसी की कोशिश जरूर की, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने दबाव में संयम बनाए रखा और प्रतिस्पर्धी स्कोर तक टीम को पहुंचाया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत बेहद खराब रही। भारतीय तेज गेंदबाज दीपेश देवेंद्रन ने नई गेंद से कहर बरपाते हुए शुरुआती तीन विकेट झटक लिए, जिससे पाकिस्तान बैकफुट पर चला गया। इसके बाद कनिष्क चौहान ने भी गेंद से प्रभावी योगदान देते हुए तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा।
पाकिस्तान की ओर से हुज़ैफ़ा अहसान ने अकेले संघर्ष किया और 70 रन की पारी खेली, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई खास सहयोग नहीं मिला। जैसे ही उनका विकेट गिरा, मैच पूरी तरह भारत के पक्ष में चला गया। आखिर में पाकिस्तान की पूरी टीम 41.2 ओवर में 150 रन पर सिमट गई।
इस मुकाबले में 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी बल्ले से भले ही बड़ा योगदान नहीं दे सके, लेकिन उन्होंने गेंद से कप्तान फरहान यूसुफ का महत्वपूर्ण विकेट लिया और एक शानदार कैच भी लपका। बता दें कि यह जीत भारत को ग्रुप-ए में शीर्ष स्थान पर ले जाती है और नॉकआउट चरण में पहुंचने की राह लगभग सुनिश्चित कर देती है।
मौजूद हालात को देखते हुए जानकार मानते हैं कि भारतीय अंडर-19 टीम का यह संतुलित प्रदर्शन आगे के मुकाबलों में भी उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है और युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा हैं।
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