Agra में ‘क्रिप्टो करेंसी’ के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में व्यक्ति गिरफ्तार
आगरा में साइबर थाना पुलिस ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ में निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पुलिस ने दी।
अपर पुलिस उपायुक्त (एसीपी) आदित्य ने बताया कि आरोपी की पहचान अजय के तौर पर हुई है और उसने अब तक 1500 लोगों से कथित तौर पर ठगी की है। उन्होंने बताया कि आरोपी अजय ने वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म जैसा दिखने वाला एक वेबसाइट बनाया था और लोगों की रकम कई गुना करने का झांसा देकर निवेश कराया।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि वह लोगों से ठगी करने के लिए बड़े बड़े होटलों में सेमिनार आयोजित करता था। उन्होंने बताया कि आरोपी सेमिनार में कथित तौर पर कुछ लोगों के रुपये कई गुना करके वापस करना भी दिखाता था जिससे लोग झांसे में आकर लाखों रुपये निवेश करते थे।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि वेबसाइड पर सभी का डेटा रहता था जिसमें रकम कई गुना दिखायी जाती और लोगों का भरोसा बना रहता था। उन्होंने बताया कि फिलहाल आरोपी अजय को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि उसके छह साथी अभी फरार हैं।
आदित्य ने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह के लोगों ने उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और दिल्ली में भी लोगों से कथित तौर पर ठगी की है।
रेप मामले में JDS के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को झटका, मामलों को स्पेशल MP MLA कोर्ट में ट्रांसफर करने की याचिका SC ने की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने हसन के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने तीन अन्य बलात्कार मामलों में लंबित मुकदमों को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी। गौरतलब है कि जेडीएस से निष्कासित रेवन्ना को उनके खिलाफ दर्ज चार बलात्कार मामलों में से एक में दोषी ठहराया जा चुका है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि शेष मामलों को उस अदालत के अलावा किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित किया जाए, जिसने उन्हें दोषी ठहराया था और घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने कहा कि पहले मामले में उन्हें दोषी ठहराने वाले न्यायाधीश बाकी मामलों की सुनवाई करते समय उस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारी इस तथ्य से प्रभावित हैं कि उन्होंने याचिकाकर्ता को दूसरे मामले में दोषी पाया है और जाहिर है कि लंबित मामलों में निर्णय लंबित मामलों में साक्ष्यों के आधार पर ही लिया जाएगा। पिछली सुनवाई के आधार पर याचिकाकर्ता (रेवन्ना) के खिलाफ कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए।
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इससे पहले, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए प्रज्वल रेवन्ना की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति के.एस. मुदागल और न्यायमूर्ति वेंकटेश नाइक टी की खंडपीठ ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, जमानत देना उचित नहीं है। न्यायालय ने बताया कि रेवन्ना के खिलाफ पहले से ही कई मामले लंबित हैं, जिससे गवाहों को प्रभावित करने का खतरा है। न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपी के व्यापक प्रभाव के कारण पिछली सुनवाई में भी उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी, और पीड़िता द्वारा घटना की सूचना देने में देरी का कारण भी यही प्रभाव था।
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