Dhurandhar: अक्षय खन्ना को ‘ऑस्कर’ दिलाने वाले डायरेक्टर ने एक लाइन में महफिल लूट ली
चांदी ऑलटाइम हाई पर, ₹4500 बढ़कर कीमत ₹1.92 लाख पहुंची:तीन दिन में 14 हजार रुपए महंगी; सोना ₹1973 बढ़कर 1.30 लाख प्रति 10 ग्राम
चांदी की कीमत आज (12 दिसंबर) लगातार तीसरे दिन अपने ऑलटाइम हाई पर पहुंच गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, चांदी की कीमत आज 4,500 रुपए चढ़कर ₹1,92,781 प्रति किलो पर पहुंच गई है। इससे पहले गुरुवार को ये ₹1,88,281/kg और बुधवार को ₹1,86,350/kg के ऑल टाइम हाई पर थी। यानी तीन दिन में ये 13,888 रुपए महंगी हुई है। वहीं, सोने की कीमत 1,973 रुपए बढ़कर 1,30,569 प्रति 10 ग्राम पर आ गई है। 17 अक्टूबर को इसकी कीमत 1,30,874 रुपए के अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर थी। अलग-अलग शहरों में रेट्स अलग क्यों होते हैं? IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों के रेट्स इससे अलग होते हैं। इन रेट्स का इस्तेमाल RBI सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए इसे इस्तेमाल करते हैं। इस साल सोना ₹54,407 और चांदी ₹1,06,764 महंगी हुई चांदी में तेजी के 3 प्रमुख कारण 2 लाख के पार जा सकती है चांदी केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि जियो पॉलिटिकल टेंशन बने हुए हैं। इससे गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। इससे गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 1 लाख 35 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। वहीं चांदी 2 लाख रुपए किलो के पार जा सकती है। सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान 1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है। 2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। शहरों में सोने के अलग दाम होने की 4 वजह 1. ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे: सोना एक फिजिकल चीज है, तो इसे ले जाने में खर्चा लगता है। ज्यादातर आयात हवाई जहाज से होता है। फिर सोने को अंदरूनी इलाकों तक पहुंचाना पड़ता है। ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे में फ्यूल, सिक्योरिटी, गाड़ी, स्टाफ का पैसा वगैरह शामिल होता है। 2. सोने की खरीदारी की मात्रा: सोने की डिमांड शहर और राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है। साउथ इंडिया में भारत की कुल सोने की खपत का करीब 40% हिस्सा है। यहां सेलर्स बल्क में सोना खरीदते हैं जिससे दाम कम होते हैं। वहीं टियर-2 शहरों में दाम ज्यादा। 3. लोकल ज्वेलरी एसोसिएशन: जैसे तमिलनाडु में सोने का रेट ज्वेलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशनतय करता है। इसी तरह देशभर में कई और एसोसिएशन हैं जो दाम तय करते हैं। 4. सोने का खरीद मूल्य: ये सबसे बड़ा फैक्टर है जो अलग-अलग शहरों में सोने के रेट्स को प्रभावित करता है। जो ज्वेलर्स ने स्टॉक सस्ते में खरीदा हो, वो कम रेट चार्ज कर सकते हैं।
होम
पॉलिटिक्स
बिजनेस
ऑटोमोबाइल
जॉब
गैजेट
लाइफस्टाइल
फोटो गैलरी
Others 

























