भारतीय मूल के नील मोहन ‘CEO ऑफ द ईयर’:लखनऊ से स्कूलिंग, यूट्यूब शॉर्ट्स लॉन्च किया, TIME मैगजीन ने YouTube के CEO को चुना; जानें प्रोफाइल
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रिकाओं में से एक TIME मैगजीन ने 8 दिसंबर को YouTube के भारतीय मूल के CEO नील मोहन को ‘CEO ऑफ द ईयर 2025’ चुना। वो साल 2023 से YouTube की कमान संभाल रहे हैं। नील मोहन के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर रहते 2021 में YouTube ने छोटे वर्टिकल वीडियो का शॉर्ट्स फॉर्मेट लॉन्च किया था। ये टिकटॉक का प्रतिद्वंद्वी था। माता-पिता मूल रूप से लखनऊ के हैं नील मोहन का जन्म इंडियाना के लैफायेट में हुआ। उनका बचपन मिशिगन के ऐन आर्बर में बीता। उनके माता-पिता आदित्य मोहन और दीपा मोहन, मूल रूप से लखनऊ के भारतीय-तमिल परिवार से थे। आदित्य मोहन 1970 के दशक की शुरुआत में सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने अमेरिका गए थे और उन्हें पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला था। स्कूलिंग के बाद दोबारा अमेरिका गए 1985 में वे अपने परिवार के साथ भारत आ गए। उनकी स्कूलिंग लखनऊ में ही हुई। इसी दौरान उन्होंने हिंदी और संस्कृत बोलना सीखा। 1991 और 1992 के बीच वे दोबारा अमेरिका चले गए। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया और 1996 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से 2005 में MBA पूरा किया, जहां वे Arjay Miller Scholar भी रहे। Accenture से करियर शुरू किया ग्रेजुएशन के बाद नील मोहन ने IT कंपनी Accenture में काम करना शुरू किया। ये उस समय आर्थर एंडरसन के स्वामित्व वाली कंपनी थी। साल 1997 में उन्होंने NetGravity नाम का एक स्टार्टअप जॉइन किया। यहां वे कंपनी के ऑपरेशन का अहम हिस्सा बने। हालांकि 1997 में ही NetGravity का अधिग्रहण DoubleClick ने कर लिया। इसके बाद नील मोहन कैलिफोर्निया से न्यूयॉर्क स्थित DoubleClick के हेडक्वार्टर में शिफ्ट हो गए। यहां पर काम करते हुए धीरे-धीरे उनकी भूमिका बढ़ती गई। फिर वे वाइस प्रेसिडेंट ऑफ स्ट्रैटजी एंड प्रोडक्ट्स बन गए। गूगल में काम कर चुके हैं साल 2008 में नील ने DoubleClick छोड़कर गूगल जॉइन किया। यहां उन्हें डिस्प्ले एंड वीडियो ऐड का सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया। वो 2015 तक इसमें रहे। इसके बाद नील ने YouTube जॉइन किया। उन्हें चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर यानी CPO बनाया गया। आगे चलकर वे साल 2023 में YouTube के CEO बने। YouTube के CEO बनने के साथ नील मोहन भारतीय मूल के CEOs की लिस्ट का हिस्सा बन गए। इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, Adobe के CEO शांतनु नारायण और Alphabet के CEO सुंदर पिचाई शामिल हैं। गूगल ने दिया था 10 करोड़ डॉलर साल 2013 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने नील मोहन को 10 करोड़ डॉलर के स्टॉक्स दिए थे। गूगल ने ये फैसला नील को Twitter में जाने से रोकने के लिए किया था। DoubleClick के CEO और गूगल एग्जीक्यूटिव डेविड रोसेनब्लैट ने साल 2010 में Twitter जॉइन किया था। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... फिल्ममेकर विक्रम भट्ट ₹30 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार:14 की उम्र में डायरेक्शन शुरू किया, भारत की पहली 3D हॉरर फिल्म बनाई; जानें प्रोफाइल इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीन राइटर विक्रम भट्ट को रविवार, 7 नवंबर को राजस्थान पुलिस ने अरेस्ट किया है। उन पर 30 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई की गई है। विक्रम के साथ उनकी पत्नी श्वेताम्बरी भट्ट को भी गिरफ्तार किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
AI डेवलपर्स के लिए खुशखबरी! मॉडल ट्रेनिंग के लिए लाइसेंसिंग मॉडल तैयार
India AI Training License: DPIIT की कमेटी ने सुझाव दिया है कि AI डेवलपर्स को वैध कॉपीराइटेड सामग्री के उपयोग के लिए अनिवार्य लाइसेंस मिले, साथ ही रचनाकारों को उचित पारिश्रमिक भी सुनिश्चित हो
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