Sheikh Hasina का नाम लेकर ऐसा क्या बोले युनूस, भारत ने कराई बोलती बंद
भारत ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने बांग्लादेश और पाकिस्तान की जबरदस्त धज्जियां उड़ा कर रख दी है। शेख हसीना को लेकर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जय शंकर ने पूरी दुनिया के सामने वो ऐलान कर दिया कि यूनुस के पैरों तले जमीन खिसक गई। यूनुस ने बड़ी प्लानिंग रची, चालबाजी की। मगर सारी की सारी चालबाजी को भारत ने एक ही झटके में क्लीन बोल्ड कर डाला। शेख हसीना जब पिछले साल बांग्लादेश में हुए सियासी बदलाव के बाद भारत आई तब से यूनुस सरकार उनके पीछे लग गई। भारत सरकार पर भी तरह-तरह की बातें की गई। अभी पिछले महीने ही बांग्लादेश के ट्रिब्यूनल कोर्ट में शेख हसीना को सजा दी गई। जिसके बाद भारत को लेकर भी यह लेटर जारी किए गए कि अब शेख हसीना को बांग्लादेश आना ही पड़ेगा। मगर अब बांग्लादेश की हवाबाजी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने निकाल दी।
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दरअसल जब एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या हसीना का भारत में जब तक वह चाहे रहने का स्वागत है तो इस पर उन्होंने कहा कि वो एक खास हालात में यहां आई थी और वह हालात साफ तौर पर उनके साथ जो होता है उसमें एक अहम फैक्टर निभा रहा है। लेकिन यह कुछ ऐसा है जो उन्हें तय करना होगा। विदेश मंत्री ने यह भी दोहराया कि भारत ने शेख हसीना को आश्वासन दिया है कि वह जब तक चाहे भारत में रह सकती हैं। भारत सरकार ने पहले भी कई बार कहा है कि मानवीय आधार पर हसीना को शरण दी गई है और उनकी सुरक्षा तथा सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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भारत-बांग्लादेश संबंध
नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जयशंकर ने पड़ोसी देश में एक विश्वसनीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया की आवश्यकता पर भारत के रुख पर ज़ोर दिया। बांग्लादेश में पिछले राजनीतिक मुद्दों का उल्लेख करते हुए, जयशंकर ने कहा कि हमने सुना है कि बांग्लादेश के लोगों, खासकर जो अब सत्ता में हैं, को पहले चुनावों के संचालन के तरीके से समस्या थी। अब, अगर मुद्दा चुनाव का है, तो सबसे पहले निष्पक्ष चुनाव कराना होगा। जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य के प्रति आशा व्यक्त करते हुए अपने भाषण का समापन किया और अपने पड़ोसी के प्रति भारत की लोकतांत्रिक प्राथमिकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हाँ तक हमारा संबंध है, हम बांग्लादेश के लिए शुभकामनाएँ देते हैं। एक लोकतांत्रिक देश के रूप में हम मानते हैं कि कोई भी लोकतांत्रिक देश लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से लोगों की इच्छा को सुनिश्चित होते देखना पसंद करता है।
मेडल पहनते ही ट्रंप को लगा करंट, मोदी-पुतिन की छूट जाएगी हंसी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा करंट लगा है जिसने उनके अहंकार को जलाकर राख कर दिया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप के साथ जो हुआ है उसने अमेरिका और यूरोप में बवाल मचा दिया है। अमेरिका और यूरोप के लोग डोनाल्ड ट्रंप पर इतना भड़क गए हैं कि उन्हें देशद्रोही बोल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप को रूसी नागरिक तक बोल रहे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रंप इज ट्रेटर और ट्रंप इस रशियन नाम के ट्रेंड चल रहे हैं। पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप को कैसे कर्मों का फल मिला है उसे देखकर भारत के लोगों को सबसे ज्यादा सुकून मिलेगा। ट्रंप ने एक ही समय पर अपने दोनों पैर कुल्हाड़ी पर जाकर मारे हैं। ट्रंप ने दुनिया में क्या दो बवाल खड़े कर दिए हैं वो आपको इस वीडियो में बताते हैं।
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दुनिया का सबसे पॉपुलर स्पोर्ट फुटबॉल कराने वाली फुटबॉल एजेंसी फीफा ने डोनाल्ड ट्रंप को कई जंग रुकवाने के लिए शांति का पुरस्कार दे दिया। लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया। शांति का यह अवार्ड पाने के लिए डॉन्ड ट्रंप इतने उतावले दिखे कि वो खुद ही मेडल पर लपक पड़े और खुद ही मेडल पहन भी लिया। मेडल पहनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पाकिस्तान के बीच सीज फायर कराने का क्रेडिट खाया। इसके अलावा डॉन्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच जंग रुकवाई। ऐसी ही कई जंग मैंने रुकवाई।
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लेकिन ट्रंप को पता नहीं था कि मेडल पहनते ही उन्हें झटका लगने वाला है। दरअसल जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप ने मेडल पहना उसके कुछ ही घंटों बाद कंबोडिया और थाईलैंड में एक बार फिर जंग शुरू हो गई। थाईलैंड ने कंबोडिया पर एयर स्ट्राइक कर दी। जिसका जवाब कंबोडिया ने भी दिया। मजे की बात देखिए कि 2 महीने पहले ही ट्रंप ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीज फायर साइन करवाया था। डॉनल्ड ट्रंप दुनिया के सामने छाती पीट कर कह रहे थे कि देखिए मेरी ताकत और मजे की बात देखिए कि थाईलैंड ने कंबोडिया पर एयर स्ट्राइक कर दी। आपको बता दें कि एक शिव मंदिर के लिए कंबोडिया और थाईलैंड के बीच दशकों से जंग चल रही है और अब कुछ समय की शांति के बाद यह जंग दोबारा भड़क गई है।
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दोंनों पक्ष एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगा रहे हैं। ट्रंप ने नवंबर के मध्य में कहा था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध को रुकवा दिया है जबकि तनाव अब भी बना हुआ है। रविवार को सीमा पर एक और झड़प हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले गोली चलाने का आरोप लगाया। थाई सेना ने कहा कि कंबोडियाई गोलीबारी में उसके दो सैनिक घायल हुए और उसके जवाब में थाई सैनिकों ने पलटवार किया। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी का यह सिलसिला लगभग 20 मिनट तक चला। कंबोडिया ने कहा कि पहले गोलीबारी थाई पक्ष ने की और उसके सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई नहीं की।
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