EAM Jaishankar ने जिया के बेटे Tarique Rahman को PM Modi का पत्र सौंपा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता तारिक रहमान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पत्र सौंपा। जयशंकर पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शमिल होने के लिए यहां पहुंचे हैं।
ढाका पहुंचने के तुरंत बाद जयशंकर ने बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष और जिया के सबसे बड़े बेटे रहमान से मुलाकात की और तीन दशकों से अधिक समय तक देश की राजनीति पर अपना दबदबा बनाए रखने वाली इस महान नेता के निधन पर भारत की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पत्र सौंपा। मैंने भारत सरकार और जनता की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त की।’’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने विश्वास व्यक्त किया कि बेगम खालिदा जिया के दृष्टिकोण और मूल्य हमारी साझेदारी के विकास में मार्गदर्शक बनेंगे।’’
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने जिया के निधन पर शोक व्यक्त किया था। तीन बार प्रधानमंत्री रहीं और लंबे समय तक बीएनपी की अध्यक्ष रहीं जिया का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को ढाका में निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं।
Bangladesh में कड़ी सुरक्षा के बीच Khaleda Zia के जनाजे की नमाज अदा की गई
बांग्लादेश में कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के जनाजे की नमाज अदा की गई। नमाज-ए-जनाजा बुधवार दोपहर को मानिक मियां एवेन्यू में अदा की गई।
बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के खतीब मुफ्ती मोहम्मद अब्दुल मलिक ने जनाजे की नमाज अदा की, जबकि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की स्थायी समिति के सदस्य नजरुल इस्लाम खान ने जिया की संक्षिप्त जीवनी पढ़ी। दशकों तक बांग्लादेश की राजनीति पर प्रभाव रखने वाली जिया का मंगलवार को ढाका में निधन हो गया था।
अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस, प्रधान न्यायाधीश जुबैर रहमान चौधरी और खालिदा जिया के बेटे एवं बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों, अंतरिम सरकार के सलाहकारों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और वरिष्ठ सरकारी एवं सैन्य अधिकारियों के साथ जनाजे की नमाज में शामिल हुए। जिया के बड़े बेटे रहमान ने नमाज से पहले वहां मौजूद लोगों से कहा, ‘‘कृपया अल्लाह से दुआ करें कि उन्हें जन्नत में जगह मिले।’’
बांग्लादेश की तीन बार प्रधानमंत्री रहीं जिया की नमाज-ए-जनाजा में लाखों लोग शामिल हुए।समाज के हर वर्ग से आए शोक संतप्त लोगों ने जिया की आत्मा की शांति के लिए दुआ की। राष्ट्रीय ध्वज से ढके जिया के ताबूत को मानिक मियां एवेन्यू के पश्चिमी छोर पर रखा गया है।
जनाजे की नमाज के बाद, जिया को उनके पति, पूर्व राष्ट्रपति और स्वतंत्रता सेनानी जियाउर रहमान की कब्र के बगल में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जायेगा। इस दौरान आम जनता को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सार्वजनिक हस्ती के रूप में जिया का उदय व्यापक रूप से आकस्मिक माना जाता है। जिया ने 35 वर्ष की आयु में विधवा होने के एक दशक बाद प्रधानमंत्री का पद संभाला लेकिन राजनीति में उनका प्रवेश सुनियोजित नहीं था।
वर्ष 1981 में एक असफल सैन्य तख्तापलट में उनके पति एवं राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद जिया को राजनीति में उतरना पड़ा। इससे पहले तक वह राजनीतिक जगत से अपरिचित रही थीं। उन्होंने जियाउर रहमान द्वारा 1978 में स्थापित बीएनपी पार्टी की शीर्ष नेता के रूप में शीघ्र ही अपनी पहचान बनाई।
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