हल्की गर्माहट भरे माहौल में खेले गए चौथे टी20 मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 30 रन से हराकर सीरीज़ में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली है। मुकाबले के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने स्वीकार किया कि अंतिम ओवरों में टीम को ओवर रेट को लेकर सतर्क रहना पड़ा और उन्होंने गेंदबाजों को तेज़ी से ओवर पूरे करने के निर्देश दिए थे।
बता दें कि श्रीलंका की पारी के आखिरी ओवरों में हरमनप्रीत काफी सक्रिय नजर आईं और लगातार खिलाड़ियों को पोजीशन व टाइमिंग को लेकर समझाती दिखीं। मैच के बाद उन्होंने कहा कि समय कम पड़ रहा था और वह नहीं चाहती थीं कि टीम पर अतिरिक्त फील्डर पेनल्टी लगे।
गौरतलब है कि भारत की जीत की नींव स्मृति मंधाना और शफाली वर्मा की रिकॉर्ड साझेदारी ने रखी। दोनों ने आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। मंधाना ने 80 रन जबकि शफाली ने 79 रन की पारी खेली। इसके बाद ऋचा घोष और हरमनप्रीत ने पारी को संतुलित तरीके से आगे बढ़ाया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, गेंदबाज़ी में वैष्णवी शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2 विकेट 24 रन पर लिए और श्रीलंका की रनगति पर ब्रेक लगाया।
मैच के बाद हरमनप्रीत ने संकेत दिए कि अंतिम टी20 में टीम संयोजन में बदलाव हो सकता है और कुछ खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत में हरलीन देओल को भेजने की योजना थी, लेकिन मैच की परिस्थिति को देखते हुए ऋचा को पहले भेजा गया।
प्लेयर ऑफ द मैच रहीं स्मृति मंधाना ने कहा कि लंबे समय तक वनडे खेलने के बाद टी20 में ढलना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन अभ्यास और योजना ने मदद की। उन्होंने शफाली की तारीफ करते हुए कहा कि उनके साथ बल्लेबाज़ी करना हमेशा खास होता है।
श्रीलंका की कप्तान चमारी अट्टापट्टू ने हार के बावजूद टीम के प्रदर्शन में सुधार की बात कही। उन्होंने माना कि बल्लेबाज़ी बेहतर हुई है लेकिन पावर हिटिंग में अभी और मेहनत की ज़रूरत है।
कुल मिलाकर भारत ने सीरीज़ में अपना दबदबा बनाए रखा है और अब आखिरी मुकाबले में युवा खिलाड़ियों को आज़माने की संभावना जताई जा रही है।
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ऑस्ट्रेलिया में चल रही एशेज सीरीज़ के मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद एक बार फिर पिच की गुणवत्ता को लेकर बहस तेज हो गई है। इस पूरे मामले पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने तीखा तंज कसते हुए मैच रेफरी और पिच रेटिंग प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि मेलबर्न टेस्ट इस सीरीज़ का दूसरा मुकाबला था, जो केवल दो दिन में समाप्त हो गया। इससे पहले पर्थ टेस्ट भी बेहद सीम मूवमेंट वाली पिच पर खेला गया था, जहां बल्लेबाजों को टिकना मुश्किल हो गया था। इसके बावजूद उस पिच को मैच रेफरी ने “बहुत अच्छी” रेटिंग दी थी, जिस पर क्रिकेट जगत में हैरानी जताई गई थी।
गौरतलब है कि मेलबर्न में भी हालात कुछ अलग नहीं रहे और यहां कुल 36 विकेट गिरे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में व्यंग्य करते हुए लिखा कि संभव है इस बार “बहुत अच्छा” शब्द हटा कर केवल “अच्छा” कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अब तो किसी भी तरह की हैरानी नहीं होनी चाहिए।
मौजूद जानकारी के अनुसार, गावस्कर ने यह भी कहा कि जब बल्लेबाज रन बनाते हैं तो पिच को खराब कहा जाता है, लेकिन जब गेंदबाज विकेट लेते हैं तो वही पिच शानदार मानी जाती है। उनके मुताबिक यह साफ तौर पर दोहरा मापदंड है और इससे यह संकेत मिलता है कि अब खेल बल्लेबाजों के बजाय गेंदबाजों के पक्ष में झुकता जा रहा है।
उन्होंने यह भी कटाक्ष किया कि ऑस्ट्रेलिया में पिच तैयार करने वाले क्यूरेटरों को गलती करने पर माफ कर दिया जाता है, जबकि भारत में पिच तैयार करने वालों को तुरंत कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है। गावस्कर ने इसे चयनात्मक आलोचना बताया।
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