ऑस्ट्रेलिया में चल रही एशेज सीरीज़ के मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद एक बार फिर पिच की गुणवत्ता को लेकर बहस तेज हो गई है। इस पूरे मामले पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने तीखा तंज कसते हुए मैच रेफरी और पिच रेटिंग प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि मेलबर्न टेस्ट इस सीरीज़ का दूसरा मुकाबला था, जो केवल दो दिन में समाप्त हो गया। इससे पहले पर्थ टेस्ट भी बेहद सीम मूवमेंट वाली पिच पर खेला गया था, जहां बल्लेबाजों को टिकना मुश्किल हो गया था। इसके बावजूद उस पिच को मैच रेफरी ने “बहुत अच्छी” रेटिंग दी थी, जिस पर क्रिकेट जगत में हैरानी जताई गई थी।
गौरतलब है कि मेलबर्न में भी हालात कुछ अलग नहीं रहे और यहां कुल 36 विकेट गिरे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में व्यंग्य करते हुए लिखा कि संभव है इस बार “बहुत अच्छा” शब्द हटा कर केवल “अच्छा” कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अब तो किसी भी तरह की हैरानी नहीं होनी चाहिए।
मौजूद जानकारी के अनुसार, गावस्कर ने यह भी कहा कि जब बल्लेबाज रन बनाते हैं तो पिच को खराब कहा जाता है, लेकिन जब गेंदबाज विकेट लेते हैं तो वही पिच शानदार मानी जाती है। उनके मुताबिक यह साफ तौर पर दोहरा मापदंड है और इससे यह संकेत मिलता है कि अब खेल बल्लेबाजों के बजाय गेंदबाजों के पक्ष में झुकता जा रहा है।
उन्होंने यह भी कटाक्ष किया कि ऑस्ट्रेलिया में पिच तैयार करने वाले क्यूरेटरों को गलती करने पर माफ कर दिया जाता है, जबकि भारत में पिच तैयार करने वालों को तुरंत कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है। गावस्कर ने इसे चयनात्मक आलोचना बताया।
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मैच भले ही भारत ने आराम से जीत लिया हो, लेकिन मैदान पर कप्तान हरमनप्रीत कौर थोड़ी चिंतित भी नजर आईं। रविवार को खेले गए चौथे महिला टी20 मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 30 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 4-0 की अजेय बढ़त बना ली है, लेकिन मैच के आखिरी ओवरों में स्लो ओवर रेट को लेकर कप्तान को अपने गेंदबाजों को बार-बार टोकना पड़ा।
बता दें कि श्रीलंका की पारी के दौरान हरमनप्रीत को खिलाड़ियों से तेज़ी से ओवर पूरे करने के लिए कहते देखा गया। मैच के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि समय की कमी हो रही थी और वह किसी भी तरह की पेनल्टी से बचना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि वह चाहती थीं कि फील्डिंग के दौरान नियमों का पूरा ध्यान रखा जाए और तीन फील्डर सर्कल के बाहर न हों।
गौरतलब है कि भारत की इस जीत की नींव स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा की तूफानी बल्लेबाज़ी ने रखी। दोनों ने पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी की। मंधाना ने 80 रन की पारी खेली, जबकि शैफाली 79 रन बनाकर आउट हुईं। इसके बाद रिचा घोष ने भी तेजी से रन जोड़कर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम 20 ओवर में 191 रन ही बना सकी। भारत की ओर से स्पिनर वैष्णवी शर्मा ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 2 विकेट लिए और रन गति पर लगाम लगाई।
मैच के बाद हरमनप्रीत कौर ने कहा कि टीम में संतुलन अच्छा बन रहा है और अगले मुकाबले में कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हरलीन देओल को मौका देने की योजना थी, लेकिन ओपनिंग जोड़ी ने इतनी अच्छी शुरुआत दी कि बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ी।
प्लेयर ऑफ द मैच बनी स्मृति मंधाना ने कहा कि लंबे समय से वनडे क्रिकेट खेलने के बाद टी20 फॉर्मेट में ढलना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मेहनत रंग लाई। उन्होंने शैफाली की तारीफ करते हुए कहा कि वह पावरप्ले में आक्रामक बल्लेबाजी से टीम को बड़ी बढ़त दिलाती हैं।
वहीं, श्रीलंका की कप्तान चमारी अटापट्टू ने हार के बावजूद अपनी टीम के प्रदर्शन में सुधार की बात कही। उन्होंने स्वीकार किया कि गेंदबाजी में कमी रही, लेकिन युवा खिलाड़ियों को भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलने से काफी सीख मिली है।
अब सीरीज का आखिरी मुकाबला मंगलवार को खेला जाएगा, जहां भारत की नजरें क्लीन स्वीप पर होंगी और श्रीलंका सम्मान बचाने उतरेगा।
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