भारत के पड़ोस में जहां एक तरफ बांग्लादेश कट्टरपंथियों की वजह से जल रहा है और भारत के खिलाफ लगातार जहर उगल रहा है तो वहीं भारत अपने उन पड़ोसियों की जो भारत की संप्रभुता का सम्मान करते हैं और भारत के साथ खड़े रहते हैं उनकी हमेशा मदद करता है। अपने पड़ोसी देशों की मदद करने के लिए भारत हमेशा ही आगे रहता है। फिर चाहे मुसीबत कैसे भी हो, भारत मदद का हाथ लेकर सबसे पहले पहुंचता है और अब इसी मदद की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए भारत ने अफगानिस्तान को एंबुलेंस की एक खेप सौंपी है। इन एंबुलेंसों को नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान भारत ने भेजने की बात कही थी और उसी बात को रखते हुए भारत ने यह खेप भेजी है।
इसकी डिलीवरी अक्टूबर में हुई घोषणा के बाद से हुई है। जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में अफगानी विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात की थी। उस बैठक में जयशंकर ने इस उपहार को सद्भावना का इशारा बताया था। उन्होंने कहा था कि 20 एंबुलेंस का यह उपहार दोस्ती और सहयोग का प्रतीक है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह भी कहा था कि भारत अफगान अस्पतालों को एमआरआई और सिटी स्कैन मशीनें, टीके और कैंसर की दवाई भी उपलब्ध कराएगा। एंबुलेंसों की यह डिलीवरी भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते स्वास्थ्य सहयोग को दिखाता है। जिसके तहत थैलेसीमिया सेंटर बना।
आधुनिक जांच केंद्र तैयार किया गया और काबुल में स्थित इंदिरा गांधी इंस्टट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में हिटिंग सिस्टम बदलना शामिल है। इसके साथ ही भारत ने काबुल के बग्रामी इलाके में 30 बेड का अस्पताल राजधानी में एक कैंसर सेंटर, एक ट्रॉमा सेंटर और पकिका खोस्त और पक्का प्रांतों में पांच मातृत्व स्वास्थ्य क्लीनिक बनाने का वादा भी किया है। भारत की मदद से करीब 75 अफगान नागरिकों को अब तक कृत्रिम अंग लगाए जा चुके हैं। जिसकी अफगान अधिकारियों ने सराहना भी की है। इसी महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री नूर जलाल जलाली ने भारत का दौरा भी किया था और उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात की।
बातचीत में दवाओं की लंबे समय तक आपूर्ति, स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और प्रशिक्षण पर चर्चा हुई। इस दौरान कैंसर की दवाओं और वैक्सीन की प्रतीकात्मक हैंडओवर भी हुई। जबकि 128 स्लाइस, सिटी स्कैन मशीन समेत बड़ी खेप जल्द अफगानिस्तान को भेजी जाएगी। भारत अफगान नागरिकों को इलाज के लिए मेडिकल वीजा देना जारी रखे हुए हैं।
Continue reading on the app
एक तरफ जहां नए साल पर जश्न मनाने की तैयारी जोरों पर है, दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट कर दिया है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंगुन ने क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया। यह कदम 2026 में होने वाली अहम पार्टी कांग्रेस से पहले सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। एक बार फिर सन की तानाशाह किम ने ट्रिगर दबाया। तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का कलेजा कांप उठा क्योंकि उत्तर कोरिया ने जिस क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया उसकी मारक क्षमता अमेरिका तक है जिसने अमेरिका के साथ पूरी दुनिया में टेंशन बढ़ा दी है।
यह कोई ऐसी वैसी मिसाइल नहीं बल्कि क्रूज मिसाइल है जिसका परीक्षण उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की मौजूदगी में किया गया। मिसाइली कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी समुद्र से उड़ान भरती हुई अपने लक्ष्य पर सटीक तरीके से गिनी। यह परीक्षण उत्तर कोरिया की परमाणु ताकत और जवाबी हमले की पूरी तैयारी को साबित करता है क्योंकि क्रूज मिसाइल कम ऊंचाई पर उड़ सकती है। क्रूज मिसाइल रेडार से बचने में भी सक्षम है।
आधिकारिक समाचार समिति कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने पश्चिमी तट से किए गए इन परीक्षणों पर संतोष व्यक्त किया। किम ने कहा कि यह बाहरी सुरक्षा खतरों के मद्देनजर आत्मरक्षा के अधिकार और युद्ध से निपटने में देश की शक्ति का परीक्षण है। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने पुष्टि की है कि रविवार सुबह उत्तर कोरिया के राजधानी क्षेत्र से कई क्रूज मिसाइल दागी गईं। दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह अमेरिका के साथ अपने गठबंधन के माध्यम से किसी भी संभावित उकसावे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण पर रोक लगाई है। हालांकि, क्रूज मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन ये अमेरिका और दक्षिण कोरिया के लिए बड़ा खतरा हैं क्योंकि ये कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर रडार की नजर से बच निकलने में सक्षम हैं।
Continue reading on the app