जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है उसमें एक दिन वो खुद भी गिरता है और जिस नफरती आग से दूसरों को जलाने की कोशिश होती है उसमें खुद भी एक दिन वही जलकर मारे जाते हैं। ऐसा कुछ पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी हो रहा है। मजहब की बुनियाद पर बने पाकिस्तान में किस तरह से हिंदुओं पर जुल्मो सितम ढाए गए। उनका जबरन धर्मांतरण कराया गया। उनकी महिलाओं के साथ रेप किए गए जिसके चलते हिंदुओं को वहां से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन आज पाकिस्तान अपने इसी बुरे कर्म का फल भोग रहा है। जिस जिहादियों को उसने तैयार किया आज वही बम विस्फोट के जरिए पाकिस्तान को दहला रहे हैं। आए दिन ऐसी खबरें भी सामने आती रहती हैं कि जिन बमों को दूसरों को उड़ाने के लिए जिहादी बना रहे थे वहां अचानक ऐसा धमाका हुआ कि वो खुद ही मारे गए।
अब ऐसा ही कुछ बांग्लादेश में भी देखने को मिलने लगा है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से हिंदुओं को टारगेट करके कट्टरपंथियों की भीड़ हमले कर रही थी। अब इस जमात के उल्टे दिन शुरू हो गए। दरअसल बांग्लादेश में मारकाट के बीच अब बम धमाके शुरू हो गए। इन धमाकों में अब उन्हीं को नुकसान हो रहा है जिन्हें ये हिंदुओं को मारने के लिए बना रहे हैं। कुछ ही घंटे के अंदर बांग्लादेश से दो बम धमाकों की खबरें सामने आई और ये दोनों ही धमाके बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए। पहला धमाका मोक बाजार फ्लाई ओवर के पास हुआ जिसमें सैफुल नाम के युवक के चिथड़े हो गए। उसकी वहीं मौके पर ही मौत हो गई और आसपास भी काफी नुकसान देखने को मिला। तो इसके कुछ ही घंटों बाद दूसरा धमाका ढाका के ही एक मदरसे में हुआ।
अब इस धमाके को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुलासा हुआ है कि इस मदरसे में बम बनाने की फैक्ट्री चल रही थी और इन बमों का इस्तेमाल हिंदुओं के इलाके में धमाके करने के लिए किया जाना था। मदरसे का डायरेक्टर शेख अल अमीन, उसकी पत्नी आसिया बेगम और उसके दो छोटे बेटे और पड़ोस में रहने वाला हुमायूं कबीर समेत पांच लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। धमाका इतना तेज था कि कमरे की दीवारें उड़ गई। गनीमत यह रही कि जिस वक्त मदरसे में ब्लास्ट हुआ उस समय वहां छात्र मौजूद नहीं थे। नहीं तो भयानक मंजर देखने को मिल सकता था।
मदरसे को ढाल के तौर पर इस्तेमाल करके बड़ी साजिश रची जा रही थी। वो भी ऐसे वक्त में जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। लेकिन कहते हैं कि जैसा वो वैसा ही एक दिन काटना भी पड़ेगा।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये के सैन्य खरीद के एक बड़े दौर को मंजूरी दे दी है। 29 दिसंबर, 2025 को हुई बैठक में सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए विभिन्न प्रणालियों की आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी दी गई, जो भारत की रक्षा तैयारियों को महत्वपूर्ण बढ़ावा देती है।
भारतीय सेना को मिलेंगे नए स्ट्राइक और निगरानी तंत्र
भारतीय सेना के लिए, परिषद ने लोइटर मुनिशन सिस्टम, लो लेवल लाइट वेट रडार, पिनाका सिस्टम के लिए लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट गोला-बारूद और उन्नत इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम एमके II की खरीद को मंजूरी दी है। लोइटर मुनिशन सामरिक लक्ष्यों पर सटीक हमले करने में सक्षम बनाएगा, जबकि हल्के रडार छोटे और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई प्रणालियों का पता लगाने की क्षमता को मजबूत करेंगे। उन्नत रेंज के रॉकेट उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों के लिए पिनाका की सटीकता को बढ़ाएंगे और उन्नत ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम सामरिक क्षेत्रों और भीतरी इलाकों में महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
भारतीय नौसेना को महत्वपूर्ण समुद्री सहायता उपकरण प्राप्त हुए
भारतीय नौसेना को बोलार्ड पुल टग्स, हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो मैनपैक और हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के पट्टे की मंजूरी मिल गई है। बीपी टग्स प्रतिबंधित जलक्षेत्रों में जहाजों और पनडुब्बियों को लंगर डालने और पैंतरेबाज़ी करने में सहायता प्रदान करेंगे। एचएफ एसडीआर से बोर्डिंग और लैंडिंग मिशन के दौरान लंबी दूरी के सुरक्षित संचार में सुधार होने की उम्मीद है। एचएएलई आरपीएएस निरंतर निगरानी प्रदान करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र की जागरूकता को मजबूत करेगा।
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