बांग्लादेश में राजनीतिक हलकों को झकझोर देने वाले उस्मान हादी हत्याकांड में अब एक बड़ा मोड़ सामने आया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुताबिक, हत्या के मुख्य आरोपी वारदात के बाद भारत भाग निकले थे। पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी मेघालय सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुए।
बता दें कि ढाका पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त एसएन नज़रुल इस्लाम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख मयमनसिंह के हलुआघाट बॉर्डर से भारत पहुंचे थे। वहां उन्हें पहले एक व्यक्ति ने शरण दी और बाद में एक टैक्सी चालक उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक ले गया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की थी, उन्हें भारतीय एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। ढाका पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर संपर्क जारी है ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके।
गौरतलब है कि उस्मान हादी बांग्लादेश की राजनीति में एक चर्चित और मुखर चेहरा थे। वह भारत और अवामी लीग सरकार के मुखर आलोचक माने जाते थे। पिछले साल हुए छात्र आंदोलन, जिसे ‘जुलाई विद्रोह’ कहा गया, में उनकी अहम भूमिका रही थी। इसी आंदोलन के बाद शेख हसीना सरकार सत्ता से बाहर हुई थी।
बताया जा रहा है कि हादी आगामी संसदीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और उन्होंने ‘इंक़िलाब मंच’ नाम से एक नया राजनीतिक मंच भी बनाया था। 12 दिसंबर को ढाका में अज्ञात हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां छह दिन बाद उनकी मौत हो गई।
उनकी हत्या के बाद बांग्लादेश में हालात बिगड़ गए थे। राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख अखबारों के दफ्तरों और सांस्कृतिक संगठनों में आगजनी की थी। मध्य बांग्लादेश में एक हिंदू फैक्ट्री कर्मचारी की भी भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिससे तनाव और बढ़ गया।
फिलहाल बांग्लादेश सरकार इस पूरे मामले को लेकर भारत के संपर्क में है और उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के सहयोग से आरोपियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
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