सिंहावलोकन 2025 : स्पेस डॉकिंग से शुभांशु शुक्ला के आईएसएस पहुंचने तक, भारत ने अंतरिक्ष में छुईं नई ऊंचाइयां
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। इसरो के एलवीएम3-एम6 रॉकेट ने इतिहास रचते हुए अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल की ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट, जो अब तक का सबसे भारी उपग्रह है, को सफलतापूर्वक 'लो अर्थ ऑर्बिट' (एलईओ) में स्थापित किया। इस सफलता ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इसके साथ इस साल ही स्पेस डॉकिंग, मानव अंतरिक्ष यान की तैयारी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसी कई सफलताएं मिलीं, जिसने दुनिया को अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की मजबूत पहुंच का लोहा मनवाने पर मजबूर किया।
लखनऊ में मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल का इनॉगरेशन किया:बोले- पहले एक परिवार की मूर्तियां लगती थीं, आज हर विभूति को सम्मान मिल रहा
पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। यहां उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियों का अनावरण करके पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा- पहले एक परिवार की मूर्तियां लगती थीं, आज हर विभूति को सम्मान मिल रहा है। पहले एक ही परिवार का गौरव-गान होता था। भाजपा ने हर किसी के योगदान को सम्मान दिया। मोदी ने ये भी कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा दिल्ली के कर्तव्य पथ है। अंडमान में नेताजी ने जहां पर तिरंगा फहराया, वहां उनकी प्रतिमा है। कोई नहीं भूल सकता है कि अंबेडकर की विरासत को मिटाने का प्रयास किया गया। दिल्ली के शाही परिवार ने इसे मिटाने का प्रयास किया। यहां सपा ने भी ऐसा किया, लेकिन भाजपा ने इसे मिटने नहीं दिया। प्रेरणा स्थल पर 65-65 फीट ऊंची दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियां लगाई गई हैं। हर एक प्रतिमा 42 टन वजनी है। प्रेरणा स्थल 65 एकड़ क्षेत्र में 230 करोड़ रुपए की लागत से बना है। साल 2022 में इसका निर्माण शुरू हुआ था। पीएम मोदी की 3 बड़ी बातें- राष्ट्र प्रेरणा स्थल के उद्घाटन से जुड़े अपडेट्स पढ़ने के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
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