Jharia coal mine में लगी आग से विस्थापित लोगों के लिए फ्लैट की घोषणा
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को कहा कि झारखंड के धनबाद जिले में स्थित झरिया खदान में लगी आग से विस्थापित हुए परिवारों को बेलगरिया टाउनशिप में पट्टे पर फ्लैट उपलब्ध कराए जाएंगे।
बेलगरिया टाउनशिप में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि विस्थापित परिवारों की कई पीढ़ियां इन मकानों में रह सकती हैं, लेकिन वे इन्हें बेच नहीं सकतीं।
रेड्डी ने बेलगारिया टाउनशिप में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया, जिसे झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) ने कोयला खदान में लगी आग से प्रभावित परिवारों और भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए विकसित किया है।
मंत्री ने कहा, “केंद्र और राज्य सरकार खतरनाक क्षेत्रों से निवासियों का सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिला प्रशासन, बीसीसीएल और जेआरडीए निवासियों के हित में इस दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं।”
रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झरिया खदान में आग से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा हर महीने करते हैं। उन्होंने कहा, “बेलगारिया टाउनशिप का मुख्य उद्देश्य निवासियों को सुरक्षा प्रदान करना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इसी कारण से झरिया मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
Uttar Pradesh: यमुना एक्सप्रेसवे टक्कर में मारे गए 11 लोगों की डीएनए से पहचान हुई
इस महीने की शुरुआत में मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर कई वाहनों की आपस में हुई टक्कर में मारे गए 16 अज्ञात व्यक्तियों में से 11 की डीएनए जांच के जरिए पहचान कर ली गई है और उनके शव, परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
महावन क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, 16 दिसंबर को कई बसों और कारों की टक्कर तथा आग लगने की घटना में मारे गए लोगों की पहचान के लिए रिश्तेदारों के रक्त के नमूने लिए गए थे।
जिला सूचना अधिकारी प्रशांत सुचारी ने कहा कि सभी 16 अज्ञात पीड़ितों के रिश्तेदारों ने स्वास्थ्य विभाग को अपने रक्त के नमूने दिए थे जिसके बाद डीएनए का मिलान किया गया। अभी तक 11 पीड़ितों की पहचान की पुष्टि हुई है और इनके शव परिजनों को सौंपे गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि जहां कई परिवार इन शवों को अंतिम संस्कार के लिए अपने गृह जनपद ले गए, कुछ लोगों ने मथुरा में यमुना नदी के घाट पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। पांच बस यात्रियों की पहचान अभी की जानी बाकी है।
इस भयावह आग में 19 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। शुरुआत में केवल तीन पीड़ितों की पहचान की जा सकी, जबकि अन्य गंभीर रूप से जले यात्रियों की आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।
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