जब पड़ोस में आग लगती है तो सबसे पहले असर सरहद पर पड़ता है यानी बॉर्डर पर पड़ता है और आज दक्षिण एशिया में यही आग बांग्लादेश से उठती दिखाई दे रही है। भारत आज सिर्फ एक देश नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता की धुरी है और जब इस धुरी के आसपास कट्टरता, नफरत और हिंसा बढ़ने लगे तो पूरी दुनिया चौकन्ना हो जाती है। यही वजह है कि अब अमेरिका ने वो अलर्ट जारी कर दिया है जिसने बांग्लादेश ही नहीं बल्कि कई देशों को हिलाकर रख दिया। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने बांग्लादेश को लेकर एक गंभीर एडवाइज़री जारी कर दी है।
रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार कट्टरपंथी ताकतों को कंट्रोल करने में नाकाम होती दिख रही भारत विरोधी गतिविधियां अल्पसंख्यकों पर हमले और सड़कों पर बढ़ती उग्र भीड़ इन सब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया है। इसी पृष्ठभूमि में अमेरिका की चेतावनी को बहुत गंभीर संकेत माना जा रहा है। ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास की एडवाइज़री के मुताबिक 25 दिसंबर को बांग्लादेश नेशनल पार्टी यानी बीएनपी एक विशाल जनसभा करने जा रही है। यह जनसभा सुबह 11:00 बजे से हजरत शाह जलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लेकर गुलशन तक आयोजित होगी। इसमें बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की वापसी को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
अमेरिकी दूतावास ने आशंका जताई है कि इतनी बड़ी भीड़ के चलते कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है और किसी भी अपरी घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच भारत ने भी एक और बड़ा सख्त कदम उठाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने बांग्लादेश में अपने दूतावास की विजा सेवाएं अस्थाई रूप से सस्पेंड कर दी। इससे सीधे तौर पर सुरक्षा कारणों पर जुड़ा फैसला बताया जा रहा है।
भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह को तलब किया और दोनों देशों के बीच संबंधों में आई तीव्र गिरावट के बीच, बांग्लादेशी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या की गहन जांच की मांग की। नयी दिल्ली ने यह कदम ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय में तलब किए जाने के कुछ घंटों बाद उठाया।
वर्मा को नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर हुई अफसोसजनक घटनाओं को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिए तलब किया गया था। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल ही में हादी की हत्या कर दिए जाने के विरोध में यहां बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन हुए हैं। मामले से अवगत लोगों के अनुसार, यहां विदेश मंत्रालय (एमईए) में हामिदुल्लाह को बताया गया कि बांग्लादेश को हादी की हत्या की उचित जांच करनी चाहिए।
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उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में खुलेआम भारत विरोधी सेंटीमेंट्स को भड़काया जा रहा है। ढाका, चटगांव, राजशाही और मेमन सिंह जैसे तमाम शहरों में खुलेआम भारत के खिलाफ जंग की कसमें खाई जा रही है। उसी बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के परखच्चे उड़ाने वाला नया खुलासा अब सामने आया है। दरअसल यह कट्टरपंथी भारत का नाम भी अब मुंह से निकालने से पहले हादी के भाई उमर के बयान ने यूनुस के पैरों तले जमीन खिसका दी है। यूनुस का नकाब पूरी तरह से अब उतर चुका है। हादी के भाई उमर ने साफ शब्दों में कह दिया है कि हादी की मौत के पीछे भारत का नाम एक षड्यंत्र का हिस्सा है। पूरा कराया किया यूनुस का है।
बांग्लादेश में इकबाल मंच के प्रवक्ता और छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर बवाल अब भी जारी है। सवाल अब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर उठ चुका है। उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस को ही हत्या का आरोपी बताते हुए कहा कि सरकार के लोगों ने आगामी राष्ट्रीय चुनाव को पटरी से उतारने के लिए हत्या की साजिश रची थी। उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने कहा कि यूनुस ने उस्मान हादी को मार डाला है और अब आप इसे एक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करके चुनाव को विफल करने की कोशिश कर रहे हैं।
उमर ने बताया कि उनके भाई चाहते थे कि राष्ट्रीय चुनाव फरवरी तक हो जाए और अपने भाई की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने अधिकारियों से चुनाव के माहौल को खराब ना करने का आग्रह भी किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हत्यारों पर जल्द से जल्द मुकदमा नहीं चलाया और उन्हें नहीं पकड़ा गया तो माहौल और भी ज्यादा खराब होगा। सरकार हमारे सामने कोई ठोस पेश सबूत नहीं कर रही है और पूरी तरह से नाकाम रही है। अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला तो एक दिन बांग्लादेश से यूनुस को भागना पड़ेगा।
हादी की हत्या और बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन
32 वर्षीय युवा नेता हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर इलाके में प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी। गुरुवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में अशांति और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हादी को शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय की मस्जिद के पास, राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के बगल में दफनाया गया। उनका अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यूनुस सरकार ने हादी की याद में एक दिन का शोक घोषित किया।
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