अमेरिका ने यौन अपराधी एपस्टीन का फर्जी वीडियो जारी किया:इसमें वो जेल में आत्महत्या की कोशिश कर रहा; बाद में हटाया
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (DOJ) ने सोमवार रात यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन की जेल में मौत से जुड़ा एक वीडियो जारी किया। यह वीडियो सिर्फ 12 सेकंड का था और इसमें जेल की कोठरी में एक आदमी आत्महत्या की कोशिश करता हुआ दिख रहा था। वीडियो का समय एपस्टीन की मौत से करीब दो घंटे पहले 10 अगस्त 2019 सुबह 4:29 बजे का बताया गया। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, थोड़ी ही देर में साफ हो गया कि यह वीडियो असली नहीं, बल्कि AI से बनाया गया फर्जी वीडियो है। यह 4chan वेबसाइट और यूट्यूब पर पहले से मौजूद था। 4chan ऑनलाइन इमेजबोर्ड वेबसाइट है, जहां लोग बिना नाम बताए पोस्ट कर सकते हैं। बाद में DOJ ने यह वीडिो अपनी वेबसाइट से तुरंत हटा लिया। शुरुआत में लोगों को लगा कि एपस्टीन की मौत का असली वीडियो सामने आ गया है, इसलिए सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। लेकिन ध्यान से देखने पर वीडियो में कई गड़बड़ियां दिखीं, जैसे जेल के कपड़े जमीन पर अजीब तरीके से पड़े होना और कोठरी का दरवाजा असली जेल से अलग दिखना। अब फर्जी वीडियो फुटेज देखें... अब जानिए एपस्टीन की मौत कैसे हुई थी जुलाई 2019 में जब एपस्टीन को न्यूयॉर्क पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके एक महीने बाद ही 10 अगस्त 2019 को उसकी मौत हो गई। सरकारी रिपोर्ट में तो कहा गया कि एपस्टीन ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया, लेकिन कई मेडिकल और लॉ एक्सपर्ट्स ने इस पर सवाल उठाए थे। पोस्टमॉर्टम से पता चला कि एपस्टीन की गर्दन की कई हड्डियां टूटी हुई थीं, लेकिन फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. माइकल बाडेन ने दावा किया कि ऐसी चोटें फांसी या आत्महत्या में नहीं होतीं। ये गला घोंटने जैसा मामला लगता है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिस रात एपस्टीन की मौत हुई, उस रात जेल की सिक्योरिटी में खामियां देखी गईं। एपस्टीन के सेल के बाहर लगे 2 कैमरे उस रात कई बार खराब हुए। एक बार 3 मिनट के लिए कैमरे बंद हुए और जब दोबारा चालू हुए तो एपस्टीन की मौत हो चुकी थी। जेल की ओर से जारी CCTV फुटेज में भी 1 मिनट का जंप था। अमेरिकी टीवी होस्ट जो स्कारबोरो ने ट्वीट किया- एक ऐसा इंसान, जिसके पास अमीर और ताकतवर लोगों की जिंदगी तबाह करने की जानकारी थी। जेल में मरा पाया गया। ये तो रूसी तरीका है। शुक्रवार को तीन लाख दस्तावेज जारी हुए थे जस्टिस डिपार्टमेंट ने जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी जांच के तहत शुक्रवार रात ढाई बजे (भारतीय समय के मुताबिक) तीन लाख दस्तावेज जारी किए थे। हालांकि अभी भी पूरे दस्तावेज जारी होने में समय लग सकता है। इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आईं, हालांकि रिकॉर्ड्स में डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लगभग नहीं के बराबर पाया गया। जबकि फरवरी में जारी एपस्टीन के निजी जेट के फ्लाइट लॉग्स में ट्रम्प का नाम सामने आ चुका है। कई पीड़ितों के इंटरव्यू और एपस्टीन की सजा की कॉपी जारी नहीं हुई नए दस्तावेजों में एप्सटीन के न्यूयॉर्क और यूएस वर्जिन आइलैंड्स वाले घरों की तस्वीरें और कुछ मशहूर लोगों की फोटो थीं। लेकिन सबसे जरूरी कागज, जैसे पीड़ितों के FBI इंटरव्यू और वह फैसला जिसमें एप्सटीन को बड़ी सजा नहीं दी गई थी, जारी नहीं किए गए। इससे सवाल उठ रहे हैं कि पहले जांच ठीक से क्यों नहीं हुई और उसे हल्की सजा क्यों मिली। डेमोक्रेट नेताओं ने ट्रम्प से जुड़ी फोटो हटने पर कहा कि सरकार कुछ छिपा रही है और पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग की। ब्रिटेन के पूर्व प्रिंस एंड्रयू जैसे अन्य बड़े नामों का भी इन दस्तावेजों में बहुत कम जिक्र है। विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी जनता के लिए पूरी पारदर्शिता की मांग करते हुए जस्टिस डिपार्टमेंट पर कवर-अप के आरोप लगाए। ---------------------------- यह खबर भी पढ़ें... एपस्टीन के ठिकाने पर भारतीयों के जाने का सबूत नहीं:अमेरिकी डेटा कंपनी की रिपोर्ट में खुलासा, एपस्टीन के ज्यादातर मेहमान अमेरिकी अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने शुक्रवार रात जेफ्री एपस्टीन सेक्स स्कैंडल से जुड़े तीन लाख दस्तावेज जारी किए, जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन, हॉलीवुड एक्टर क्रिस टकर जैसे दिग्गजों की तस्वीरें सामने आईं। पढ़ें पूरी खबर...
गाजा ₹9.3 लाख करोड़ में स्मार्ट सिटी बनेगी:ट्रम्प सरकार ₹5 लाख करोड़ देगी; यहां लग्जरी रिसॉर्ट होंगे और हाई स्पीड ट्रेन चलेगी
अमेरिका ने युद्ध से तबाह हो चुके गाजा को दोबारा खड़ा करने के लिए एक बहुत बड़ी योजना पेश की है। इस योजना के तहत गाजा को करीब ₹9.3 लाख करोड़ (112 अरब डॉलर) की लागत से एक आधुनिक स्मार्ट सिटी में बदला जाएगा। इसमें से लगभग ₹5 लाख करोड़ (60 अरब डॉलर) की मदद अमेरिकी सरकार देगी। इस प्रोजेक्ट में लग्जरी रिसॉर्ट, बीच होटल और हाई-स्पीड ट्रेन जैसी सुविधाएं बनाने की बात कही गई है। इस योजना को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद जैरेड कुशनर और अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ ने तैयार किया है। इसे ‘प्रोजेक्ट सनराइज’ नाम दिया गया है। इसका मकसद सिर्फ गाजा को मलबे से बाहर निकालना नहीं, बल्कि उसे एक आधुनिक, तकनीक से चलने वाला और अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर बनाना है। निवेशक देशों के सामने इस प्रोजेक्ट को 32 स्लाइड की पावरपाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए दिखाया जा रहा है। ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में AI वीडियो जारी कर बताया था कि स्मार्ट सिटी बनने के बाद गाजा कैसा दिखेगा। वीडियो देखें... गाजा को ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जाएगा प्लानिंग के मुताबिक गाजा के भूमध्यसागर तट पर लग्जरी बीच रिसॉर्ट, फाइव स्टार होटल, मरीना और एंटरटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे ताकि इसे एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया जा सके। शहर के अंदर सफर के लिए हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क, चौड़ी और आधुनिक सड़कें और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जाएगा। बिजली की समस्या से जूझ रहे गाजा में AI से चलने वाला स्मार्ट पावर ग्रिड लगाया जाएगा, जिसमें सोलर और अन्य नवीकरणीय एनर्जी का इस्तेमाल होगा। इसके साथ ही गाजा को AI आधारित स्मार्ट सिटी बनाने की बात है, जहां डिजिटल गवर्नेंस, ई-गवर्नेस सिस्टम, डेटा प्लेटफॉर्म और एक चीफ डिजिटल ऑफिस होगा। व्यापार और रोजगार बढ़ाने के लिए फ्री ट्रेड जोन, इंटरनेशनल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट, टेक्नोलॉजी हब, इनोवेशन लैब और स्टार्टअप सेंटर भी बनाए जाएंगे, ताकि गाजा को लोकल इकोनॉमिक हब बनाया जा सके। AI फुटेज में देखिए स्मार्ट सिटी बनने के बाद गाजा कैसा दिखेगा... हालांकि इन्हें आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है... 10 साल तक चलेगा मेगा प्रोजेक्ट इस पूरे मेगा प्रोजेक्ट पर अगले 10 सालों में चरणबद्ध तरीके से खर्च किया जाएगा। अमेरिका करीब ₹5 लाख करोड़ की राशि ग्रांट और कर्ज की गारंटी के रूप में देगा, जबकि बाकी पैसा खाड़ी देशों, यूरोप और दूसरे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से जुटाया जाएगा। इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आगे बढ़ाने की तैयारी है। हालांकि इस योजना के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती करीब 20 लाख फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की है। जब गाजा में निर्माण शुरू होगा, तो इतनी बड़ी आबादी को अस्थायी तौर पर दूसरी जगह बसाना पड़ेगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उन्हें कहां रखा जाएगा। दूसरी बड़ी समस्या युद्ध के बाद जमा हुआ करोड़ों टन मलबा है, जिसे हटाने में अरबों डॉलर और लंबा समय लगेगा। इजराइली हमलों में 65 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़ी दिक्कतें भी कम नहीं हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की एक शर्त हमास का निरस्त्रीकरण है। लेकिन मौजूदा हालात में हमास का इसके लिए तैयार होना मुश्किल माना जा रहा है, जिससे इस पूरी योजना के अमल पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। गौरतलब है कि पिछले दो साल से चल रहे गाजा युद्ध में इजराइल के हवाई और जमीनी हमलों से अब तक 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। करीब 23 लाख की आबादी वाले गाजा में से लगभग 20 लाख लोग बेघर हो चुके हैं, यानी करीब 90% आबादी को अपना घर छोड़ना पड़ा है। ऐसे हालात में अमेरिका की यह योजना गाजा को एक नई शुरुआत देने का दावा करती है, लेकिन इसे जमीन पर उतारना बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। ------------------- यह खबर भी पढ़ें... गाजा में मिलिशिया ग्रुप एक्टिव कर रहा इजराइल:रिपोर्ट- हमास लड़ाकों की खुलेआम हत्या में शामिल; गैंग गाजा की सत्ता में हिस्सा चाहती है गाजा में सीजफायर के बावजूद अंदरूनी संघर्ष जारी है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा में 5 इजराइल समर्थित मिलिशिया ग्रुप (सिविलियन फोर्स) एक्टिव हो गए हैं। यह समूह गाजा के अलग-अलग इलाकों में हमास के सदस्यों को टारगेट करके हत्याएं कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...
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