मोदी के स्वागत में ओमान ने उतार दी पूरी फौज, मिला गार्ड ऑफ ऑनर, Deputy PM भी पहुंचे!
ओमान में यह पल वाकई देखने लायक जब ओमान की सेना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे सम्मान और शान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जैसे ही प्रधानमंत्री ओमान की राजधानी मस्कट पहुंची एयरपोर्ट पर औपचारिक स्वागत की भव्य तस्वीर सामने आई। ओमान के सैनिकों की सजीध टुकड़ी, अनुशासित कदम ताल और भारत के प्रति सम्मान। सब कुछ इस बात का संकेत था कि भारत और ओमान की दोस्ती कितनी गहरी और मजबूत है। प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर ओमान पहुंचे हैं। यह उनके तीन देशों के दौरे का तीसरा और आखिरी पड़ाव था। मस्कट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद शहाब बिन तारिक अल सईद ने प्रधानमंत्री का गर्मजशी से स्वागत किया और उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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यह यात्रा ओमान के सुल्तान हैतम बिन तारीख के निमंत्रण पर हो रही है और भारत ओमान के बीच 70 वर्षों के राजनायक रिश्तों का खास प्रतीक भी है। वहीं ओमान पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि यह धरती भारत की पुरानी मित्र है। जहां ऐतिहासिक संबंधों की मजबूत नीव है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रिश्ते खोलेगी और साझेदारी को नई गति देगी। हवाई अड्डे के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी अपने होटल पहुंचे तो वहां भी उत्साह कम नहीं था। ओमान में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। माहौल भारत की संस्कृति की रंगों से भरा हुआ था।
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राजस्थान का घूमर, गुजराती लोकगीत और कर्नाटक के लोक नृत्य की प्रस्तुतियों ने माहौल को जीवंत बना दिया। स्थानीय ओमानी कलाकारों की पारंपरिक प्रस्तुति ने इस स्वागत को और खास बना दिया। वंदे मातरम वंदे मातरम की। अच्छा आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी अपने इस विदेश यात्रा के तहत इथियोपिया और जॉर्डन का दौरा कर चुके हैं और यहां ओमान पहुंचने के बाद अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और ओमान के बीच कई समझौते भी हो सकते हैं। सबसे बड़ा मुद्दा होगा भारत ओमान के बीच प्रस्तावित व्यापक व्यापार समझौता। भारत सरकार ने साफ किया है कि वह इस समझौते को अंतिम रूप देने को लेकर काफी आशावादी हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दी है।
पहले धमकियां, फिर समन, वीजा केंद्र बंद, यूनुस की हरकत का भारत ने कर दिया तगड़ा इलाज
केंद्र सरकार ने 17 दिसंबर 2025 को नोटिस जारी करते हुए बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इंडियन वीजा एप्लीकेशन सेंटर (आईवीएसी) बंद कर दिए हैं। यह फैसला बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच लिया गया है, जिसमें चरमपंथी तत्वों से खतरे और बांग्लादेशी नेताओं की उकसावे वाली टिप्पणियां शामिल हैं। भारत ने ढाका में अपने उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्ला को तलब कर विरोध-पत्र (डेमार्श) सौंपा। भारत ने कहा, बांग्लादेश में उच्चायोग की सुरक्षा कट्टरपंथियों के निशाने पर है। उच्चायोग को लगातार धमकियां मिल रही हैं। बांग्लादेश की यूनुस सरकार इन पर रोक लगाने में विफल रही है। भारत ने ढाका के जमुना अपने सेंटर के आदेश दिए हैं। फिलहाल सेंटर को फिर से शुरू करने के बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है।
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दोपहर बाद कट्टरपंथी 'ओईके जुलाई' संगठन के युवाओं ने भारतीय उच्चायोग के पास प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। इससे पहले दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया और कुछ चरमपंथी तत्वों की ओर से ढाका स्थित भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा संकट पैदा करने की साजिश के ऐलान को लेकर अपनी गंभीर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम अंतरिम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह बांग्लादेश में स्थित मिशन और कार्यालयों की अपने कूटनीतिक दायित्वों के अनुरूप सुरक्षा सुनिश्चित करे।' बयान में कहा गया कि उच्चायुक्त को बांग्लादेश में बिगड़ते सुरक्षा माहौल को लेकर भारत की गंभीर चिंताओं से अवगत कराया गया।
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राष्ट्रीय नागरिक दल (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत को खुली धमकी दी थी। 15 दिसंबर को एक रैली में उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश को अस्थिर किया गया तो प्रतिरोध की आग सीमाओं के पार फैलेगी। वे भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों (सेवन सिस्टर्स) को अलग करने और अलगाववादियों को पनाह देने की धमकी दे चुके हैं।
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